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बुद्धिमान बनने के उपाय

सहज और सरल रह कर बुद्धिमान कैसे बने और मानसिक तनाव कैसे दूर करें ?

आज हम बात करेंगे कि कैसे हम सहज और सरल रह कर भी बुद्धिमान कैसे बने.

हम किस तरह अपने मन को शांत और तेज कर सकते है इसके बारे में हम विस्तार से बात करेंगे.

किस तरह टेंशन और तनाव से दूर रह सकते है इस पर बात करेंगे.

बुद्धिमान कैसे बने ? सहज और सरल रह कर बुद्धिमान बनने के उपाय

  1. सोने के समय सोइये.
  2. खाने के समय खाए.
  3. काम के समय काम करिये.

लेकिन कई लोग ऐसा करते कहा है| खाने के समय गुस्सा करते है, खाने के समय टीवी देखते है, खाने के समय मोबाइल में बात करते है, खाने के समय एक दुसरे से बाते करते है हस्ते है.

मुस्कुरा कर भोजन करना चाहिए| प्रसन्न हो कर भोजन करने से बुद्धि बढती है| संतोष रखने से बुद्धि बढती है.

हरे – भरे वातावरण द्रश्य को देखने से बुद्धि बढ़ती है| शाम को एक गिलास दूध पिने से बुद्धि बढ़ती है.

1 बादाम, 2 किसमिस और 1 मुनक्का शाम को भिगोइए और सुबह छिलका उतार कर खाईये, यह सब खाने से बुद्धि बढ़ती है.

शाकाहारी बन जाइये फल – सलाद खाने से बुद्धि बढ़ती है.

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थोडा ब्रह्मचर्य का पालन करे| शारीर की उर्जा को एकत्रित करिये.

आपने देखा होगा जब दाल को हांड़ी में पकाते है तो दाल पकने में 1 घंटे का समय लगता है| और जब दाल को कूकर में पकाते है तो 10 मिनट में तैयार हो जाती है| इसका क्या कारण है?

क्योंकि कुकर में भाप (steam) एकत्र हो जाती है.

आप भी यदि अपनी भाप को (उर्जा को) एकत्र करते हो तो आपके जीवन की दाल बी जल्दी पक जाएगी कहने का मतलब है की जीवन में आपको भी सफलता जल्दी मिल जाएगी. उर्जा को कण्ट्रोल करे.

फिर इससे आपको यह फायदा होगा कि आप बुडापे में भी जवान लगोगे कोई आपसे पूछेगा कितनी उम्र है और जब आप बताओगे कि 60 वर्ष है, तो वह बोलेगा लगता है 40 वर्ष के लगते हो.

अगर आप अपने जीवन में यह नियम नहीं अपनाओगे तो जवानी में जादा उम्र के लगोगे और जब कोई आपसे पूछेगा कि आपकी कितनी उम्र है तो जब आप बताओगे 40 वर्ष है तो वह बोलेगा लगता है 60 वर्ष के हो.

मानसिक तनाव कैसे दूर करें (तनाव से बचने के उपाय)

तनाव से बचने के उपाय

किसी चीज़ की चिंता मत कीजिये| कुछ चीज़े आपके वश में है उनको कण्ट्रोल करे| कुछ आपके हाथ से बाहर है उनकी टेंशन मत लीजिये और जो प्रयास करने से बार बार प्रयत्न करने से कण्ट्रोल नहीं हो रही उन्हें छोड़ दीजिये.

जो पाना चाहते हो उसके लिए मेहनत करिये और जो मेहनत से भी नहीं मिल रही उसका त्याग दीजिये.

टेंशन (तनाव) में अपनी जिन्दगी मत जिओ क्योकि-

  1. वस्तुओं से किसी का दिल भरता नहीं.
  2. सामान से कोई सुख पता नहीं.
  3. शराब पीकर कोई बलवान बनता नहीं.
  4. जुआ खेल कर कोई बलवान बनता नहीं.
  5. गुरु की कृपा जिस पर होती है| वह बिना प्रयास के ही महान बन जाता है.

संत कबीर कहते है आपा को छोडीये| पूरी दूनिया का वजन अपने सर में मत रखिये| काम करे और काम से बाहर निकल आइये.

बड़े से बड़े काम को करिये फिर भी अभिमान (घमंड) मत कीजिये यह मान कर चलिए सारा काम कृपया से हो रहा है.

प्रभु तेरी कृपा से सब काम हो रहा है..
आश्चर्य बस यही है मेरा नाम हो रहा है..

जब आप किसी की कृपया मान लेते हो तो इसका बहुत फायदा होता है| चाहे आप किसी की भी कृपा मानो चाहे भगवान् की, गुर की, संत की, माता – पिता की, दोस्त की इससे आपको ही फायदा होगा.

कृपया मान लेने से आपको क्या क्या फायदे होते है?

सहज और सरल रह कर बुद्धिमान कैसे बने

कृपया मान लेने से आप अहेंकार से मुक्त हो जायेंगे.

कृपा मान लेना से आपके अन्दर मनोबल बड़ता है कि इनकी कृपया से यह काम हो गया तो उनकी कृपया की कमी क्या है तो आगे भी और सारे काम हो जायेगा.

सुन्दर माकन बन जाये तो मानो कृपा है किसी की सुन्दर गाड़ी आ जाये तो मानो कृपया है किसी की| इसलिए कितने लोग अपनी गाड़ी में लिखा लेते है माता पिता की कृपया, गुर की कृपा, शिव जी की कृपया.

कृपया भी विचित्र होती है हमे यह आँखों से नहीं दिखाई देती. लेकिन जब कृपया होती है तो कृपा कार्यो से दिखती है, बड़ी उपलब्धियों से दिखाई देती है. कृपया प्राप्त करने का सबसे सही तरीका सरल और सहज बन जाओ.

मै आपको एक बहुत ही सुन्दर बात के जरिये इसे अच्छे से समझता हूँ!

“जब रावण ॐ नमः शिवाय का जाप कर रहा था तब यह बात राम जी को पता चली की रावण ॐ नमः शिवाय का जाप कर रहे है.

भगवान् श्री राम अत्यधिक बुद्धिमान व्यक्तित्व के धनि थे| उन्होंने सोचा सेतु बांध बनाने से पहले रामेश्वर नाथ की स्थापना की जानी चाहिए.

शिव जी की पुजा उन्होंने की जब शिव जी को खबर मिली की राम भी पूजा कर रहे है और रावण भी ॐ नम: शिवाय का जाप कर रहा है| तब शिव जी ने कहा दोनों पर मेरी कृपया है| लेकिन में ना तो राम की मदद करूंगा ना ही रावण की मदद करूंगा लेकिन दोनों पर मेरी कृपया रहेगी.

अब इसमें जो भी अतिरिक्त कृपया प्राप्त कर लेगा वह जीत जायेगा, विजय हो जायेगा.

तो राम ने समस्त वनवास के ऋषि मुनियों की कृपया प्राप्त कर ली और इससे राम की विजय हुई. “रावण ने उनकी बददुआ को प्राप्त किया इसलिए उनकी हार हो गई“.

इसलिए आशीर्वाद ना ले सको तो कम से कम अभिशाप भी मत लेना कुछ अच्छा ना कर सको तो तो कुछ बुरा भी मत करना और यदि किसी की राह में फुल ना बिछा सको तो किसी की राह में काटे भी मत पिरोना.

इनको भी जरुर पढ़े 🙂

मुझे पूरी उम्मीद है इस लेख से आपको तनाव से मुक्त होने में जरुर मदद मिलेगी और आप बुद्धिमान कैसे बने उसके बारे में थोड़ी सिख मिली होगी. यह लेख आपको आपकी लाइफ में केसे सहज और सरल बने इसमें मदद करेगा.

अगर आपको इस लेख से रिलेटेड कुछ भी पूछना है तो आप कमेंट के माध्यम से हमसे अपना सवाल पूछ सकते हो और अगर आपको ये लेख पसंद आया हो तो इस लेख को जितना हो सके फेसबुक, ट्विटर, गूगल+ और व्हाट्सएप्प पर शेयर करे.

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6 Comments

  1. बहुत अच्छी जानकारी दी अपने Himanshu जी , लोगो को इससे फायदा उठाना चाहिए

    Ranveer –

  2. सर कुछ लोग जलनखोर और नेगेटिव भी होते है जो आपको नुक्सान पहुचने की कोसिस करते है इनसे बचने के उपाय के उप्पर भी आर्टिकल लिखिए

  3. Aap bahut achhi jankari di isiliae logo ko iski jankari achhi tarah uthani chahiye.
    Thank you

    1. IS KAHANI SE SELF CONFIDENT BAHUT HI JYADA INCREASE HOTA HAI.MAN SE EGO KI BHAVANA KA END HOTA HAI.MAN PEACEFUL HOTA HAI.MAN ME SAHAJATA ,NIRMALTA AUR SHANTATA KA PRASAR HO RAHA HAI .THEREFORE MAN SE SABHI PRAKAR KI CHINTAO SE MUKTI MIL RAHI HAI . THIS IS THE BEST MOTIVATIVE STORY TO INCREASE SELF CONFIDENT & END OF EGOES . HAM NIMITTA HAI KARTA NAHI .
      THANK YOU VERY MUCH
      RAVINDRA PANDEY .

      MOTI

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