स्वतंत्रता दिवस पर निबंध को शुरू करने से पहले सर्वप्रथम आप सभी को 15 अगस्त 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं। आज के इस शुभ अवसर पर आप सभी के लिए हमेशा की तरह कुछ नया लेकर आया हूँ। 15 अगस्त 1947 की तारीख को कोई भी भूले नहीं भुला सकता है। 15 अगस्त के दिन हमारा भारत ब्रिटीशियों के चंगुल से आजाद हुआ था।
भारत को आजादी में काफी समय लग गया था। भारत में अंग्रेजों ने अच्छी तरह से कब्जा कर लिया था। भारत की आजादी ने कई क्रांतिकारियों ने त्याग दिया। आज उन क्रांतिकारियों की वजह से हमारा भारत आजाद है। भारत की आजादी के लिए उन सभी क्रांतिकारियों ने अपने जीवन का त्याग दिया। अंग्रेजों की प्रताड़नाएं सही और अंत में हमें आजादी का एक अनमोल तोहफा दे कर चले गए। भारत के सभी क्रांतिकारी जिनकी वजह से आज भारत आजाद है, मैं उन सभी को शत-शत नमन करता हूं।
आज 15 अगस्त के शुभ अवसर पर मैं 15 अगस्त पर निबंध 2021 के लिए लिखने जा रहा हूँ।
यहां आपको Essay on Independence Day in Hindi For Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के छात्रों के लिए लिखा हुआ मिल जाएगा।
उम्मीद करूंगा कि आपको स्वतंत्रता दिवस 2021 का निबंध सुनने व पढ़ने में आनंद आए। 15 August Essay में आपको संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश रहेगी। 15 अगस्त के शुभ अवसर पर स्कूल और कॉलेज समारोहों आदि में आप इस Swatantrata Diwas in Hindi Essay का संग्रह इस्तेमाल कर सकते हैं। स्वतंत्रता दिवस के महत्व पर निबंध के जरिए आप अपने सभी बड़ों के सामने अपना टैलेंट प्रदर्शित कर सकते हैं।
आपको Swatantrata Diwas Par Nibandh 100 Word, 300 Word, 500 Word, 1000 Word में लिखा हुआ मिलेगा। निबंध आपको एक अच्छा व्यक्ति बना सकता है।
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 2021

Best Speech 15 August Independence Day in Hindi
प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को भारत की आजादी के दिन को रूप में मनाया जाता है। ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने पर भारतीय लोगों को अपना स्थायित्व मिला। 15 अगस्त 1947 की रात भारतीय लोगों के लिए बहुत बड़ा दिवस माना गया है।
भगत सिंह, महात्मा गांधी, लाला लाजपत राय, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, चन्द्रशेखर आजाद जैसे हजारों भारत के क्रांतिकारियों के विभिन्न प्रकार के त्याग की वजह से भारत आजाद हुआ। भारत की आजादी के इस पर्व को सभी भारतीय अपने-अपने तरीके से मनाते है, जैसे उत्सव की जगह को सजाना, घरों को सजाना, अपने वाहनों को तिरंगे से सजाना, गलियों सड़कों पर तिरंगे के रंग के झलक गुब्बारे इत्यादि लगाना। वहीं बच्चे अपने मित्रों के साथ पतंगों का भी आनंद उठाते हैं।
कई जगह बच्चे तो पहले से ही पतंगों को खरीद कर रख लेते हैं और सुबह चार बजे उठते ही पतंगों को आसमान तक पहुंचा देते हैं। बच्चों को अपने खाने पीने तक का ख्याल नहीं रहता बस पतंग उड़ाने का आनंद उठाते हैं। स्वतंत्रता दिवस पर लोगों को देशभक्ति की फिल्में देखना पसंद होता है, अपने घरों पर राष्ट्रीय झंडा को लगा कर, राष्ट्रगान और देशभक्ति गीत गाकर, तथा कई सारे तरीकों से आजादी को मनाया जाता है। बच्चे और बड़े सभी राष्ट्रीय गौरव के इस पर्व को भारत सरकार द्वारा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस के दिन भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराया जाता है और उसके बाद इस उत्सव को और खास बनाने के लिये भारतीय सेनाओं द्वारा परेड, विभिन्न राज्यों की झांकियों की प्रस्तुति और राष्ट्रगान की धुन के साथ पूरा वातावरण देशभक्ति से सराबोर हो उठता है।
अन्य राज्यों में भी स्वतंत्रता दिवस को इसी उत्साह के साथ मनाया जाता है जिसमें राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री मुख्य अतिथि के तौर पर होते है। कुछ लोग सुबह जल्दी ही तैयार होकर प्रधानमंत्री के भाषण का इंतजार करते है। स्वतंत्रता के लिये किए गये कड़े संघर्ष ने उत्प्रेरक का काम किया जिसने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपने अधिकारों के लिए प्रत्येक भारतीय को एक साथ किया, चाहे वो किसी भी धर्म, वर्ग, जाति, संस्कृति या परंपरा को मानने वाले हो।
इस युद्ध में अरुणा आसफ अली, एनी बेसेंट, कमला नेहरू, सरोजिनी नायडू और विजय लक्ष्मी पंडित जैसी महिलाओं ने भी चूल्हा-चौका छोड़कर आजादी की लड़ाई में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। 15 अगस्त अर्थात स्वतंत्रता दिवस का महत्व सभी जाती धर्म के व्यक्तियों के लिए समान है। प्रत्येक व्यक्ति इस दिन का इंतजार करता हैं।
भारत के सभी महान क्रांतिकारियों ने भारत की आजादी के लिए खूब संघर्ष किया था जिसे भुलाया नहीं जा सकता है, उनके इस अमूल्य योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है, उनके इस त्याग की जितनी भी तारीफ की जाए कम है। भारत की आजादी के तुरंत बाद ही भारतीयों ने अपने पहले प्रधानमंत्री का चुनाव पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के रूप में किया जिन्होंने राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के लाल किले पर तिरंगा फहराया और झंडा फहराने की प्रथा शुरू की।
राज्यों में भी स्वतंत्रता दिवस को इसी उत्साह के साथ मनाया जाता है जिसमें राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री मुख्य अतिथि के तौर पर होते है। लगभग सभी भारतीय सुबह जल्दी ही तैयार होकर प्रधानमंत्री के भाषण का इंतजार करते है। भारतीय स्वतंत्रता इतिहास से प्रभावित होकर कुछ लोग 15 अगस्त के दिन देशभक्ति से ओतप्रोत फिल्में देखते है साथ ही सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।
धन्यवाद
⇓अन्य लेख⇓ |
स्वतंत्रता दिवस पर बाल कविता |
ए मेरे वतन के लोगों लिरिक्स |
देश भक्ति कविता छोटे बच्चों के लिए |
Independence Day Essay in Hindi 2021

Essay on Independence Day in Hindi
स्वतंत्रता दिवस भारत में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है और सभी भारतीय नागरिकों के लिए यह एक त्योहार के समान ही महत्व रखता है। इस दिन देश के विभिन्न स्थानों पर भारतीय ध्वज फहराया जाता है और पूरे देश में कार्यालयों, स्कूलों, आवासीय समितियों और अन्य स्थानों पर कई छोटे और बड़े कार्य आयोजित किए जाते हैं।
इन स्वतंत्रता दिवस समारोहों की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:-
- 👉 ध्वज आरोहण: भारतीय ध्वज, तिरंगा, उत्सव की शुरुआत में फहराया जाता है। सभी लोग ध्वजारोहण के दौरान जश्न के लिए खड़े हुए थे, जिसके बाद राष्ट्रगान, जन गण मन किया जाता है। लोग राष्ट्रगान के लिए ध्यान की स्थिति में खड़े होकर सम्मान करते हैं जब इसे बजाया जाता है।
- 👉 भाषण: अगली पंक्ति में आम तौर पर मुख्य अतिथि या आयोजन समिति के कुछ सदस्य का भाषण होता है। स्कूलों और कॉलेजों में, भाषण आमतौर पर प्रिंसिपल द्वारा किया जाता है।
यह भाषण उस तरह से दिया जाता है जिस तरह से भारत को ब्रिटिश शासन से अपनी आजादी मिली और औपनिवेशिक भारत में रहने वाले लोगों के सामने चुनौतियां थीं।
- 👉 कविता पाठ: देशभक्ति के गीत और कविता लोगों द्वारा इस घटना का आनंद लेने और महान आत्माओं को याद करने के लिए गाया जाता है, जिन्होंने निस्वार्थ रूप से अपने जीवन का बलिदान दिया ताकि उनके साथी नागरिक स्वतंत्र देश में रह सकें।
- 👉 प्रतियोगिताएं: इस दिन वाद-विवाद और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं और लोग इनमें सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। इन प्रतियोगिताओं का विषय स्वतंत्रता दिवस के आसपास घूमता है। यह प्रतिभागियों के साथ-साथ दर्शकों को देश के लिए देशभक्ति की भावना के करीब लाता है।
- 👉 सांस्कृतिक गतिविधियां: इस कार्यक्रम के स्वाद को जोड़ने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। नृत्य और गायन प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।
प्रतिभागी आमतौर पर विभिन्न राज्यों के नृत्य रूपों का प्रदर्शन करते हैं। उन्हें रंग-बिरंगे परिधानों में पहने जाने वाले नृत्य के रूप में देखा जाता है, जिसे वे चुनते हैं| इन प्रदर्शनों के दौरान पूरा वातावरण मस्ती और मस्ती से भर जाता है।
- 👉 मीठा वितरण: स्वतंत्रता दिवस पर मिठाई वितरण की रस्म भी उतनी ही पुरानी है, जितना कि खुद दिन। जबकि पहले इस दिन लड्डू बांटे जाते थे, इन दिनों लोगों के बीच अलग-अलग तरह की मिठाइयां बांटी जाती हैं।
बाजार में इन दिनों सुंदर और स्वादिष्ट त्रिकाल कालीन मिठाइयां उपलब्ध हैं। ये समारोह मनाने के लिए विभिन्न स्थानों पर वितरित किए जाते हैं| लोग एथनिक वियर में ज्यादातर केसरी, सफेद या हरे रंग या इन के संयोजन में कपड़े पहनते हैं। ट्राई-कलर बैच, हेयर बैंड और बैंड पहनना भी इन दिनों प्रचलन में है। पूरा माहौल देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत है। इस दिन पूरा देश एकजुट होता है, और खुशियाँ बटोरता है।
जय हिन्दी!
10 Lines Essay on Swatantrata Diwas in Hindi

15 August Essay in Hindi 10 Lines
15 अगस्त 1947 को भारत ब्रिटीशियों के चंगुल से आजाद हो गया था। 15 अगस्त को भारत में आजादी की लहर चल उठी थी। ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने की वजह से लोगों में बहुत ही उत्साह था। 15 अगस्त 1947 इतिहास के पन्नों में सुनहरे शब्दों में लिखा गया है। 15 अगस्त 1947 की रात भारतीय लोगों के लिए बहुत बड़ा दिवस माना गया है।
भगत सिंह, महात्मा गांधी जी, लाला लाजपत राय, सुभाष चंद्र बॉस, चंद्रशेखर आजाद जैसे हजारों भारत के क्रांतिकारियों के विभिन्न प्रकार के त्याग की वजह से भारत आजाद हुआ। भारत की आजादी के इस पर्व को सभी भारतीय अपने-अपने तरीके से मनाते है, जैसे उत्सव की जगह को सजाना, घरों को सजाना, अपने वाहनों को तिरंगे से सजाना, गलियों सड़कों पर तिरंगे के रंग के झलक गुब्बारे इत्यादि लगाना।
स्वतंत्रता दिवस पर लोगों को देशभक्ति की फिल्में देखना पसंद होता है, अपने घरों पर राष्ट्रीय झंडा को लगा कर, राष्ट्रगान और देशभक्ति गीत गाकर, तथा कई सारे तरीकों से आजादी को मनाया जाता है। बच्चे और बड़े सभी राष्ट्रीय गौरव के इस पर्व को भारत सरकार द्वारा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस के दिन भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराया जाता है और उसके बाद इस उत्सव को और खास बनाने के लिये भारतीय सेनाओं द्वारा परेड, विभिन्न राज्यों की झांकियों की प्रस्तुति, और राष्ट्रगान की धुन के साथ पूरा वातावरण देशभक्ति से सराबोर हो उठता है।
राज्यों में भी स्वतंत्रता दिवस को इसी उत्साह के साथ मनाया जाता है जिसमें राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री मुख्य अतिथि के तौर पर होते है। कुछ लोग सुबह जल्दी ही तैयार होकर प्रधानमंत्री के भाषण का इंतजार करते है। वहीं बच्चे अपने मित्रों के साथ पतंगों का भी आनंद उठाते हैं। कई जगह बच्चे तो पहले से ही पतंगों को खरीद कर रख लेते हैं और सुबह चार बजे उठते ही पतंगों को आसमान तक पहुंचा देते हैं। बच्चों को अपने खाने पीने तक का ख्याल नहीं रहता बस पतंग उड़ाने का आनंद उठाते हैं।
भारतीय स्वतंत्रता इतिहास से प्रभावित होकर कुछ लोग 15 अगस्त के दिन देशभक्ति से ओतप्रोत फिल्में देखते है साथ ही सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। महात्मा गांधी के अहिंसा आंदोलन की वजह से और अन्य सभी महान क्रांतिकारियों की वजह से हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को खूब मदद मिली| इतने बड़े युद्ध के बाद 200 साल के लंबे संघर्ष के बाद ब्रिटिश शासन से आजादी मिली।
स्वतंत्रता के लिये किए गये कड़े संघर्ष ने उत्प्रेरक का काम किया जिसने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपने अधिकारों के लिये प्रत्येक भारतीय को एक साथ किया, चाहे वो किसी भी धर्म, वर्ग, जाति, संस्कृति या परंपरा को मानने वाले हो। इस युद्ध में अरुणा आसफ अली, एनी बेसेंट, कमला नेहरू, सरोजिनी नायडू और विजय लक्ष्मी पंडित जैसी महिलाओं ने भी चूल्हा-चौका छोड़कर आजादी की लड़ाई में अपनी महत्वपूर्णं भूमिका अदा की।
15 अगस्त अर्थात स्वतंत्रता दिवस का महत्व सभी जाती धर्म के व्यक्तियों के लिए समान है। प्रत्येक व्यक्ति इस दिन का इंतजार करता हैं। भारत के सभी महान क्रांतिकारियों ने भारत की आजादी के लिए खूब संघर्ष किया था जिसे भुलाया नहीं जा सकता है उनके इस अमूल्य योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। उनके इस त्याग की जितनी भी तारीफ की जाए कम है।
भारत की आजादी के तुरंत बाद ही भारतीयों ने अपने पहले प्रधानमंत्री का चुनाव पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के रूप में किया जिन्होंने राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के लाल किले पर तिरंगा फहराया और झण्डा फहराने की प्रथा शुरू की। राज्यों में भी स्वतंत्रता दिवस को इसी उत्साह के साथ मनाया जाता है जिसमें राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री मुख्य अतिथि के तौर पर होते है।
कुछ लोग सुबह जल्दी ही तैयार होकर प्रधानमंत्री के भाषण का इंतजार करते है। भारतीय स्वतंत्रता इतिहास से प्रभावित होकर कुछ लोग 15 अगस्त के दिन देशभक्ति से ओतप्रोत फिल्में देखते है साथ ही सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। स्वतंत्रता के संघर्ष ने जोश का काम किया जिसने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपने अधिकारों के लिये हर भारतीय को एक साथ किया, चाहे वो किसी भी धर्म, वर्ग, जाति, संस्कृति या परंपरा को मानने वाले हो। भारतीय आजादी के बाद आज भी सैकड़ों सैनिक बॉर्डर पर तैनात रहते हैं।
15 अगस्त के दिन पुलिस सैनिक भारत के चप्पे चप्पे पे तैनात रहते हैं| किसी पर भी तनिक शक होने पर उसकी खोज खबर ली जाती है इसलिए भारत ज्यादा सुरक्षित है। भारत की आजादी का त्यौहार सभी धर्म के लोग मनाते हैं| भारतीय आजादी में कोई मतभेद नहीं होता है।
धन्यवाद
Swatantrata Diwas Par Nibandh

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 2021
वर्ष 2021 में हमारे देश में 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। हर साल 15 अगस्त के दिन भारतवासी स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। क्योंकि इतिहास में यही वह स्वर्णिम तिथि थी जिस दिन हमारा देश 200 वर्षों के बाद ब्रिटिश साम्राज्य के गुलामी से आजाद हुआ था। स्वतंत्रता दिवस के दिन को भारतवासी बड़े ही उत्साह और प्यार से मनाते हैं। इस मौके पर देश के सभी ऑफिस, विद्यालय, कॉलेज में छुट्टी रहती है। स्कूल और कॉलेज के बच्चे अपने शिक्षा केंद्र में झंडा फहराते हैं और स्वतंत्रता दिवस के विषय पर राष्ट्रगीत व राष्ट्रगान गाते हैं।
देश के लिए जिन वीर जवानों ने अपने प्राण गंवाए थे। उन वीर शहीदों की श्रद्धांजलि दी जाती हैं। कई वर्षों तक संघर्ष और लगातार प्रयत्न करने के बाद हमारे देश को गुलामी की चंगुल से आजादी मिली थी। इस आजादी को प्राप्त करने के लिए बड़े-बड़े क्रांतिकारी जैसे नेताजी सुभाष चंद्र बोस, शहीद भगत सिंह, खुदीराम बोस, चंद्रशेखर आजाद ने अपने प्राण हंसते-हंसते कुर्बान कर दिए। इन शहीदों ने अपनी आखिरी सांस तक देश की जनता के मन में इंकलाब की भावना जाग्रत की।
महात्मा गांधी जी द्वारा किए गए “असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन“ के कारण ही ब्रिटिश सरकार ने भारतीय सत्ता छोड़ने का निर्णय लिया। स्वतंत्रता दिवस के दिन हम भारतीय इन वीर शहीदों के कार्यों को स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते है और पूरे दिल से तिरंगा झंडा लहराते हैं।
स्वतंत्रता दिवस के 1 दिन पहले ही प्रधानमंत्री द्वारा भाषण दिया जाता है और स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले पर सबसे पहले प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं। उसके बाद वे राष्ट्रगान “जन गण मन” गाते हैं। तिरंगा फहराने के बाद देश की राजधानी दिल्ली में ncc candidate के द्वारा परेड किया जाता है।
प्रधानमंत्री द्वारा तिरंगा फहराने के बाद पूरे देश में तिरंगा फहराया जाता है और स्वतंत्रता दिवस को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस के दिन देश में सभी लोग तिरंगे के रंग में रंग जाते हैं। लोग इस दिन स्वतंत्रता दिवस पर भाषण, देशभक्ति कविताएं, राष्ट्रगीत गाकर मनाते हैं।
स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाया जाता है?
स्वतंत्रता दिवस को पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। चाहे उत्तर के राज्य हो, दक्षिण के पूर्व के राज्य हो या पश्चिम के सभी राज्यों में तिरंगा झंडा लहराया जाता है। देश के घर घर में हर कोने पर देशभक्ति के गीत गाए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस के दिन पूरे देश में छुट्टी रहती है इस वजह से सभी परिवार एक साथ अपने घर पर स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। स्कूल और कॉलेज के साथ साथ ऑफिस में भी तिरंगा फहराया जाता है। तिरंगा फहराने के बाद स्वतंत्रता दिवस के लिए गीत और कविताएं बोली जाती हैं।
गाने और कविता कहने के साथ साथ बच्चे अपने विद्यालय में सांस्कृतिक नृत्य की भी पेशकश करते हैं। स्वतंत्रता दिवस का महत्व बच्चों को समझाने के लिए स्वतंत्रता दिवस के ऊपर स्पीच भी दी जाती हैं। बच्चों को भी इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है क्योंकि इस दिन वह भी अपने तिरंगे को फहराते है और देशभक्ति के गीत गाते हैं।
देश हुआ आजाद अब स्वतंत्र सोच की बारी है पर निबंध
हमारे देश में हर साल स्वतंत्रता दिवस को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। कई बार लोगों के मन में यह प्रश्न आता है कि आखिर स्वतंत्रता दिवस हमारे देश में इतना ज्यादा महत्व क्यों रखता है?
15 अगस्त 1947 के दिन हमारा देश आजाद हुआ था। 200 वर्षों तक ब्रिटिश साम्राज्य की गुलामी करने के बाद हमारा देश 15 अगस्त के दिन हमारा देश आजाद हुआ था। इस आजादी को प्राप्त करने के लिए हमारे देश के वीरों ने अपने रक्त को पानी की तरह बहाया है। इसीलिए इस स्वतंत्रता का सम्मान करने के लिए और उन वीरों के बलिदानों को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रति वर्ष हमारे देश में स्वतंत्रता दिवस को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। यही कारण है कि यह दिन हम भारतवासियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
एक व्यक्ति के लिए स्वतंत्रता क्या है और स्वतंत्रता की परिभाषा क्या है?
वैसे तो हम हर साल 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। लेकिन आज भी हम गुलामी का जीवन जी रहे हैं। आजादी के 75 साल बाद भी हम आजाद नहीं हुए हैं।
हर व्यक्ति किसी न किसी की गुलामी कर रहा है। चाहे वह अपने मन का गुलाम हो या फिर किसी विचार का! देश में लोग धर्म के भी गुलाम बन चुके हैं। धर्म के नाम पर एक दूसरे की जान लेने से भी नहीं चूकते हैं। किसी भी इंसान के लिए स्वतंत्रता वह भावना है जो हमसे हर बंधन, हर विचार, हर रिश्ते से ऊपर उठकर सोचने की शक्ति दे। स्वतंत्रता ऐसी शक्ति है जो इंसान को एक नया पंख देता हैं।
एक व्यक्ति तब स्वतंत्र माना जाएगा। जब वह अपने मन के नकारात्मक विचारों को खत्म करेगा। जब उसे अहसास होगा वह मन का गुलाम नहीं बल्कि मन उसका गुलाम है। क्योंकि अधिकतर लोग इस दुनिया में अपने मन के गुलाम है। लेकिन स्वतंत्र वही है जो अपने मन को अपना गुलाम बना दे।
तो दोस्तों, मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको 15 अगस्त पर निबंध अच्छा लगा होगा। तो देरी मत कीजिये आगे बढ़िए और इस लेख को इतना शेयर कर दीजिये की दुनिया को पता चल जाये की आपके स्वतंत्रता दिवस के निबंध में कितनी ताकत है। भारत के लिए कुछ न कुछ तो करना है लेकिन क्या करें? मैं बताता हूँ। आपको कुछ नहीं करना है बस लोगों को इतना बता दो कि 15 अगस्त के दिन क्या हुआ था लोग अपने आप आपके पीछे पढ़ जाएंगे।
आप इस लेख को फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर इत्यादि पर शेयर कर सकते है और अगर आपको किसी एक विषय पर कोई जानकारी जाननी है तो कमेंट के माध्यम से हमें जरूर बताएं, हम उस पर भी एक लेख लिख देंगे।
– स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 10 लाइन
आपने 15 अगस्त के इस निबंध में बहुत ही क्रमबद्ध ढंग से हर बात को पिरो दिया है निबंध की विशेषता है कि व्यक्ति यदि निबंध पढ़ना शुरू करे तो उसे आगे और पढ़ने के लिए लोभ लगे और निबंध को पूरी तरह आत्मसात करके उसमें डूब जाए ,साथ मे निबंध की एक और विशेषता है कि हर पैराग्राफ का दूसरे पैरा ग्राफ से संबद्धता यानी कॉन्टिनयूटी दिखाई देनी चाहिए यानी अचानक विषय बदला हुआ नही नजऱ आना चाहिए।
wow nice content
So nice
bdya nibandh bhai ekdum..lekin “Mahatma Gandhi” ko itna glorify kyu kia hai..isne esa kuch kia nahi hai phe to..
Or Subhash chandra bose ji ke karan angrez bharat xhod kr gye the..y bhi likha hona chahiye nibhandh me..kripya nibandh me or jyda pardararshita laayen.