पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय
|| Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi ||
लेख के माध्यम से मैं आपको पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय (Jawaharlal Nehru Information in Hindi) के बारे में बताने जा रहा हूँ। इस लेख में, मैं आपको जवाहरलाल नेहरू की जीवनी के बारे में बताऊंगा की उनका जन्म कब और कहां हुआ, उनके माता पिता के क्या नाम थे और उन्होंने हमारे भारत देश के लिए क्या किया।
वैसे आप सभी को यह तो पता ही होगा कि नेहरू जी हमारे देश के प्रथम (पहले) प्रधानमंत्री थे और उन्होंने महात्मा गांधी जी के साथ मिलकर हमारे भारत देश को स्वतंत्रता दिलाने में काफी आंदोलन में भाग लिया। आज हम जो इतने अच्छे से जी पा रहे है उसकी वजह भारत के अनेकों स्वतंत्रता सेनानी है जिसमें से दो गांधी जी और नेहरू जी है क्योंकि इन्होंने ही हमारे देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में अपना पूरा जीवन व्यतीत कर दिया। तो हम सभी को नेहरू जी को धन्यवाद जरूर देना चाहिए।
मैं पहले से ही पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध (Jawaharlal Nehru Essay in Hindi) लिख चूका हूँ। अगर आपको निबंध पढ़ना है तो आप पढ़ सकते हो।
Information About Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi
शीर्षक | जवाहरलाल नेहरू जीवन परिचय |
पूरा नाम | जवाहरलाल मोतीलाल नेहरू |
जन्म | 14 नवम्बर 1889 |
जन्मस्थान | इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) |
पिता का नाम | मोतीलाल नेहरू |
माता का नाम | स्वरूपरानी नेहरू |
पत्नी का नाम | कमला नेहरू (सन् 1916) |
बच्चे | श्री मति इंदिरा गांधी जी |
मृत्यु | 27 मई 1964, नई दिल्ली |
मृत्यु की वजह | दिल का दौरा |
पुरस्कार | भारत रत्न (1955) |
प्रधानमंत्री का पद |
भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री (15 अगस्त 1947 – 27 मई 1964)
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पंडित जवाहरलाल नेहरू का इतिहास
Pandit Jawaharlal Nehru Biography in Hindi
देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने वालों में पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम अग्रणी है। जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर, 1889 को इलाहाबाद के एक अत्यन्त सम्पनं परिवार में हुआ था। जवाहरलाल नेहरू की माता का नाम स्वरूप रानी था और उनके पिता का नाम श्री मोती लाल नेहरू था। जवाहरलाल नेहरू के पिता एक बहुत अच्छे वकील थे। बाद में पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता सब कुछ छोड़कर स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े और पिता, पुत्र दोनों देश को स्वतंत्र करवाने के लिए कटिबद्ध हो गये।
जब नेहरू इंग्लैंड से भारत आये उस समय गांधी जी के नेतृत्व में स्वतंत्रता के लिए आंदोलन चल रहा था। वे अपना सब कुछ छोड़कर आजादी के आंदोलन में कूद पड़े थे। उनके प्रबल प्रयासों से आंदोलन को बहुत बन मिला। उन्हें कई बार जेल की यातनाएं भी सहनी पड़ी। फलत: देश स्वतंत्र हो गया। देश स्वतंत्र होने के बाद नेहरू जी को भारत का प्रधानमंत्री चुना गया। उस समय देश के सामने बहुत समस्याएं थी। नेहरू जी ने बड़ी कुशलता से देश का शासन चलाया। कई प्रकार की योजनाओं से देश को उन्नति के रास्ते पर खड़ा कर दिया। उसके बाद वे अंत तक भारत के प्रधानमंत्री बने रहे। नेहरू जी को आधुनिक भारत का निर्माता माना जाता है क्योंकि आज भारत जो भी है, वह सब नेहरू जी की देन है। 27 मई 1994 को नेहरू जी का आकस्मिक निधन हो गया। आज नेहरू जी को सारा देश बहुत याद करता है।
Pandit Jawaharlal Nehru History in Hindi
जरूर पढ़ें: चाचा नेहरू कौन थे?
पंडित जवाहरलाल नेहरू का बचपन एवं शिक्षा
जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में एक धनी कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उच्च शिक्षा के लिए, नेहरू को हैरो स्कूल भेजा गया, फिर बाद में इंग्लैंड के कैंब्रिज विश्वविद्यालय में प्राकृतिक विज्ञान में डिग्री प्राप्त करने के लिए लंदन के इनर टेम्पल में दो साल बिताने के बाद, उन्होंने बैरिस्टर के रूप में योग्यता प्राप्त की। अपने लंदन प्रवास के दौरान, नेहरू ने साहित्य, राजनीति, अर्थशास्त्र और इतिहास जैसे विषयों का अध्ययन किया। वह उदारवाद, समाजवाद और राष्ट्रवाद के विचारों से आकर्षित हुए। 1912 में, वह भारत लौट आए और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में शामिल हो गए।
Pandit Jawaharlal Nehru Ka Jeevan Parichay
Biography Of Jawaharlal Nehru in Hindi
नेहरू ने 8 फरवरी, 1916 को कमला कौल से शादी की, जो कि एक पारंपरिक हिंदू ब्राह्मण परिवार में पैदा हुई थी। कमला ने नेहरू परिवार के बीच एक बाहरी व्यक्ति महसूस किया, लेकिन परिवार के लोकाचार और मूल्यों के अनुकूल होने की पूरी कोशिश की। 1921 के असहयोग आंदोलन के दौरान, कमला ने इलाहाबाद में विदेशी कपड़े और शराब बेचने वाली महिलाओं के समूह और पिकेटिंग की दुकानों को संगठित करके एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 19 नवंबर, 1917 को उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया, जिसे इंदिरा प्रियदर्शिनी के नाम से जाना जाने लगा और आगे चल कर वहीं इंदिरा गांधी के नाम से जानी गई। 28 फरवरी, 1936 को कमला की स्विट्जरलैंड में तपेदिक अर्थात ट्यूबरकुलोसिस से मृत्यु हो गई, जब जवाहरलाल नेहरू जेल में थे।
Pandit Jawaharlal Nehru Essay in Hindi
आजादी के लिए किए गए संघर्ष में पंडित जवाहरलाल नेहरू की भूमिका
हालाँकि, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सत्रों और बेसेंट होम रूल मूवमेंट में भाग लेने के बाद, उन्होंने अपना राजनीतिक मामलों में दबदबा बना लिया था। लेकिन नेहरू ने 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद राजनीतिक करियर को पूरे दिल से अपनाया था। उन्होंने महात्मा गांधी के निर्देशों का पालन किया और 1921 में संयुक्त प्रांत कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में पहले सविनय अवज्ञा अभियान में भाग लिए जिस कारण उन्हे कैद कर लिया गया था।
जेल में उनके समय ने उन्हें गांधीवादी दर्शन और असहयोग आंदोलन की बारीकियों को समझने में मदद की। वह गांधी के साथ जाति और अस्पृश्यता से निपटने के दृष्टिकोण से चले गए थे। समय के साथ, नेहरू एक लोकप्रिय और प्रभावशाली राष्ट्रवादी नेता के रूप में उभरे, खासकर उत्तरी भारत में जब उन्हें 1920 में इलाहाबाद नगर निगम के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। असहयोग आंदोलन पोस्ट चौरी की घटना को स्थगित करने के गांधी के फैसले के कारण पार्टी में पैदा हुई दरार के सामने कांग्रेस के प्रति उनकी निष्ठा अटूट रही और उन्होंने 1922 में अपने पिता और चित्तरंजन दास द्वारा स्थापित स्वराज पार्टी में जाने से इनकार कर दिया।
1927 में, वे बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में बनाए गए साम्राज्यवाद के खिलाफ लीग के सदस्य बन गए। 1928 में कांग्रेस के गुवाहाटी अधिवेशन के दौरान, महात्मा गांधी ने घोषणा की कि यदि अगले दो वर्षों के भीतर अंग्रेजों ने भारत को प्रभुत्व का दर्जा नहीं दिया तो कांग्रेस बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करेगी। यह माना जाता था कि नेहरू और सुभाष चंद्र बोस के दबाव में, समय सीमा एक वर्ष तक कम हो गई थी।
जवाहरलाल नेहरू ने 1928 में अपने पिता मोतीलाल नेहरू द्वारा तैयार की गई प्रसिद्ध “नेहरू रिपोर्ट” की आलोचना की जिसने ब्रिटिश शासन के भीतर “भारत के लिए प्रभुत्व का दर्जा” की अवधारणा का समर्थन किया। 1930 में महात्मा गांधी ने कांग्रेस के अगले अध्यक्ष के रूप में नेहरू के नाम का समर्थन किया। यह निर्णय कांग्रेस में “साम्यवाद” की तीव्रता को कम करने का भी प्रयास था। उसी वर्ष, नेहरू को नमक कानून के उल्लंघन के लिए गिरफ्तार किया गया था। 1936 में, नेहरू को फिर से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुना गया।
सूत्रों का सुझाव है कि पुराने और युवा नेताओं के बीच एक गर्म बहस पार्टी के लखनऊ सत्र में हुई। पार्टी के युवा और “नए-जीन” नेताओं ने समाजवाद की अवधारणाओं के आधार पर एक विचारधारा की वकालत की थी। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में, नेहरू ने 42 पूर्ण स्वराज या भारत के लिए पूर्ण राजनीतिक स्वतंत्रता के लिए जोरदार रैली की। उसी वर्ष 8 अगस्त को उन्हें गिरफ्तार किया गया था और 15 जून, 1945 तक जेल में रखा गया था। अपनी रिहाई के बाद, उन्होंने खुद को ब्रिटिश सरकार के साथ कठोर चर्चा और बातचीत की एक श्रृंखला में फेंक दिया जिसके कारण अंतः 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
आज नेहरू जी हम सब के बीच नहीं है पर फिर भी पंडित जवाहरलाल नेहरू के विचार आज भी हम सब के अन्दर जीवित है। यहां पर मैंने जवाहरलाल नेहरू के अनमोल विचार शेयर करे है जो इस प्रकार है:-
Pandit Jawaharlal Nehru Quotes in Hindi
Quotes 1. एक नेता या कर्मठ व्यक्ति संकट के समय लगभग हमेशा ही अवचेतन रूप में कार्य करता है और फिर अपने किये गए कार्यों के लिए तर्क सोचता है।
पंडित जवाहरलाल नेहरू के अनमोल वचन
Quotes 2. वफादार और कुशल महान कारण के लिए कार्य करते हैं, भले ही उन्हें तुरंत पहचान ना मिले, अंततः उसका फल मिलता है।
Jawaharlal Nehru Famous Dialogue for Freedom in Hindi
Quotes 3. एक ऐसा क्षण जो इतिहास में बहुत ही कम आता है , जब हम पुराने के छोड़ नए की तरफ जाते हैं , जब एक युग का अंत होता है , और जब वर्षों से शोषित एक देश की आत्मा , अपनी बात कह सकती है।
बाल दिवस पर निबंध: Children’s Day Essay in Hindi
नेहरू जी बच्चों से बहुत प्यार करते थे इसलिए सभी बच्चे इनको प्यार से चाचा नेहरू कह कर पुकारते थे। यह बच्चों से इतना प्यार करते थे की उन्हीं के जन्मदिन के दिन भारत देश में बच्चों के लिए बाल दिवस का त्योहार मनाया जाता है जिसको अंग्रेजी में children’s day बोलते है।
हर देश में बाल दिवस (चिल्ड्रेन्स डे) अलग-अलग दिन मनाया जाता है पर भारत में चिल्ड्रन डे (बाल दिवस) चाचा नेहरू के जन्मदिन के दिन 14 नवम्बर को मनाया जाता है। दूसरे देशों में बाल दिवस कब मनाया जाता है वो जानने के लिए आप Bal Diwas Date वाला लेख पढ़ सकते हो। मैं पहले से ही बाल दिवस और चाचा नेहरू पर निबंध लिख चूका हूँ। अगर आपको बाल दिवस का इतिहास पढ़ना है तो आप लिंक पर क्लिक करके बाल दिवस का महत्व पढ़ सकते हो।
बाल दिवस के लेख |
छोटे बच्चों के लिए बाल कविताएं |
बाल दिवस पर निबंध |
बाल दिवस पर भाषण |
बाल दिवस पर कविता |
बाल दिवस पर शायरी |
10 Lines On Pandit Jawaharlal Nehru In Hindi
पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में 10 लाइन
अब मैं पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में 10 लाइन लिखुंगा जो इस प्रकार है:-
- स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बने थे।
- जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था।
- पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस को हर साल बाल दिवस के रूप में सभी स्कूल में मनाया जाता है।
- जवाहरलाल नेहरू जी को बच्चों से बहुत प्यार था, और इसलिए बच्चे उन्हें चाचा नेहरू के नाम से जानते थे।
- इनके पिताजी का नाम मोती लाल नेहरू था, वे एक प्रसिद्ध वकील थे और माता जी का नाम स्वरूप रानी था।
- पंडित जवाहरलाल नेहरू की शादी 1915 में कमला नेहरू के साथ हुई थी।
- जवाहरलाल नेहरू ने भारत को आजाद कराने के लिए कठिन संघर्ष किया था।
- पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के महान क्रांतिकारी नेता थे।
- नेहरू जी ने गांधी जी के साथ मिल कर भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिए कई आंदोलन में हिस्सा लिया था।
- 27 मई 1964 को जवहरलाल नेहरू जी की मृत्यु हो गई थी।
Jawaharlal Nehru First Speech Tryst with Destiny in Hindi
अब मैं आपके साथ 14 अगस्त 1947 के मध्य रात्रि को भारत के पहले प्रधानमंत्री द्वारा – Tryst with Destiny जो कि India’s constituent assembly को संबोधित करते हुए इंग्लिश में दिया था, लेकिन मैं इसे आपके साथ इंग्लिश में शेयर कर रहा हूँ–
पंडित जवाहरलाल नेहरू स्पीच
हमने नियति को मिलने का एक वचन दिया था, और अब समय आ गया है कि हम अपने वचन को पूरी तरह निभाएँ, ना सही लेकिन बहुत हद तक। आज रात 12 बजे जब सारी दुनिया सो रही होगी, भारत जीवन और स्वतंत्रता की नई सुबह के साथ उठेगा। एक ऐसा क्षण जो इतिहास में बहुत ही कम आता है, जब हम पुराने को छोड़ नए की ओर जाते हैं, जब एक युग का अंत होता है और जब वर्षों से शोषित एक देश की आत्मा अपनी बात को कह पाता है। यह एक संजोग है कि इस पवित्र मौके पर हम समर्पण के साथ हम खुद को भारत और उसकी जनता की सेवा और उससे भी बढ़ के मानवता की सेवा करने की प्रतिज्ञा लेते हैं।
इतिहास के आरंभ के साथ ही भारत ने अपनी अंतहीन खोज प्रारंभ की है, और ना जाने कितने ही सदियाँ इसकी भव्य सफलता और असफलता से भरी हुई है। चाहे अच्छा वक्त हो या बुरा, भारत ने कभी भी इस खोज से अपनी दृष्टि नहीं हटाई, और कभी भी अपने उन आदर्शों को नहीं भुला जिसने इसे शक्ति दी। आज हम दुर्भाग्य के एक युग का अंत कर रहे हैं, और भारत खुद को पुन: खोज पा रहा है। आज हम जिस उपलब्धि का उत्सव मना रहे है वह महज एक कदम है एक नए अवसर के खुलने का, इससे भी बड़ी चुनौतियां और सफलता हमारी प्रतीक्षा कर रहे हैं, विश्व की चुनौतियों को स्वीकार करें।
भविष्य में हमें ना तो विश्राम करना है और ना ही आराम से बैठना है बल्कि निरंतर प्रयास करना है ताकि जो वचन हम बार – बार दोहराते रहे है और आज भी दोहराएंगे उसे पूरा कर सके।
भारत की सेवा का अर्थ है लाखों, करोड़ों पीड़ित लोगों की सेवा करना, इसका मतलब है गरीबी और अज्ञानता को मिटाना। हम चाहते हैं कि किसी भी व्यक्ति की आंखों में आंसू ना हो, हमें पता है, ऐसा कर पाना संभव नहीं होगा लेकिन जब तक ऐसा हम कर नहीं लेते तब तक हमारा काम समाप्त नहीं होगा और इसके लिए हमें कठिन परिश्रम करना होगा ताकि हम अपने सपनों को साकार कर सकें। आज कोई खुद को बिलकुल अलग नहीं सोच सकता क्योंकि राष्ट्र और लोग एक दूसरे से बहुत समीपता से जुड़े हुए हैं, शांति को अविभाज्य कहा गया है उसी तरह से स्वतंत्रता भी अविभाज्य है। अब इस विश्व को छोटे – छोटे हिस्से में नहीं बाटा जा सकता है हमें इस स्वतंत्र भारत का निर्माण करना है जहां उसके सारे बच्चे रेह सके।
आज नियत समय आ गया है, एक ऐसा दिन जिसे नियति ने तय किया था और एक बार फिर वर्षों के इस संघर्ष के बाद भारत जागृत और स्वतंत्र खड़ा है फिर भी निर्णायक बिन्दु अतीत हो चुका है और हमारे लिए एक नया इतिहास आरंभ हो चुका है। एक ऐसा इतिहास जिसे हम गढ़ेंगे और लोग उसे लिखेंगे। यह हमारे लिए एक सौभाग्य का क्षण है, एक नए तारे का उदय हुआ है, पूर्व में एक नया सितारा एक नए आशा का जन्म हुआ है, एक दूर दृष्टा अस्तित्व में आई है काश ये तारा कभी अस्त ना हो।
हम सदा इस स्वतंत्रता में आनंदित रहे, भविष्य हमें बुला रहा है, हमें किधर जाना चाहिए और हमारे क्या प्रयास होने चाहिए जिससे हम आम आदमी, किसानों और कामगारों के लिए स्वतंत्रता और अवसर ला सकें।
- 👉 हम गरीबी, अज्ञानता और बीमारियों से लड़ सके।
- 👉 हम एक लोकतांत्रिक और प्रगति शील देश का निर्माण कर सकें।
- 👉 हम ऐसी राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक संस्थाओं की स्थापना कर सकें जो हर एक आदमी, औरत के जीवन के लिए
परिपूर्णता और न्याय निश्चित कर सके।
हमें कठिन परिश्रम करना होगा, हम में से कोई भी चैन से तब तक नहीं बैठ सकता है जब तक हम भारत के सभी लोगों को उस गंतव्य तक नहीं पहुंचा देते, जहाँ भाग्य उन्हें पहुँचना जानता है। हम सब एक महान देश के नागरिक हैं जो तीव्र विकास की कगार पर है, हम चाहे किसी भी धर्म से हो समान रूप से हम सभी भारत माँ की संतान है और हम सभी के बराबर अधिकार और दायित्व हैं। विश्व के देशों और लोगों को शुभकामनाएं भेजिए और उनके साथ मिल कर शांति, स्वतंत्रता और लोकतंत्र को बढ़ावा देने की प्रतिज्ञा लीजिए, और हम अपने भारत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, एक जुट होकर नए सिरे से इसकी सेवा करते हैं।
जय हिन्द
पंडित जवाहरलाल नेहरू की कहानी
पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री है और उनकी उपलब्धियों से हर नागरिक वाकिफ है। वह बच्चों के बीच काफी प्रसिद्ध थे कि बच्चे उन्हें “चाचा नेहरू“ भी कहते थे। बच्चों के प्रति उनके प्यार के कारण, सरकार उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाती है। चाचा नेहरू एक महान नेता थे जो अपने देश से बेहद प्यार करते थे, तो चलिये अब हम उनके प्रारम्भिक जीवन के बारे में जानते हैं।
पंडित जवाहरलाल नेहरू का प्रारंभिक जीवन
पंडित नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था। इसके अलावा, उनके पिता मोती लाल नेहरू थे, जो पेशे से वकील थे और वह बहुत अमीर थे जिसके कारण उन्हें सबसे अच्छी शिक्षा मिली थी। इसके अलावा, उन्हें कम उम्र में पढ़ाई के लिए विदेश भेज दिया गया था। इंग्लैंड में, उन्होंने दो विश्वविद्यालयों कैम्ब्रिज और हैरो से अपनी शिक्षा प्राप्त की। 1910 में नेहरू जी ने अपनी डिग्री पूरी की और भारत लौट आए। वह अपनी पढ़ाई में एक औसत व्यक्ति थे और कानून की पढ़ाई करने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रखते थे और उनकी राजनीति में रुचि थी। हालांकि, बाद में वह एक वकील बन गए और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में कानून का अभ्यास किया। उन्होंने 24 साल की उम्र में कमला देवी से शादी की और इसके तुरंत बाद, उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया, जिसका नाम उन्होंने इंदिरा रखा।
एक नेता के रूप में नेहरू जी
भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। इसके अलावा, वे एक अयोग्य व्यक्ति के रूप में भी थे, वे एक महान नेता, राजनीतिज्ञ और लेखक भी थे। उन्होंने हमेशा देश और इसके लोगों की भलाई के लिए दिन-रात काम किया। सबसे उल्लेखनीय, उन्होंने ‘अराम हराम है का नारा’ दिया, जिसका सीधा सा मतलब है ‘रेस्ट इज नॉट बेस्ट’ अर्थात आराम सबसे अच्छा नहीं है।
वह शांति और समझौते के व्यक्ति थे लेकिन जब उन्होंने देखा कि ब्रिटिश कैसे भारतीयों के साथ व्यवहार करते है तो उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने का फैसला किया। देश के लिए अपने प्यार के कारण, उन्होंने महात्मा गांधी (राष्ट्र के पिता) से हाथ मिलाया और असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा यहां तक कि वह अंग्रेजों के खिलाफ विरोध करने के लिए कई बार जेल गए लेकिन, देश के प्रति उनका प्यार कभी कम नहीं हुआ। देश के विभिन्न स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिल कर 15 अगस्त 1947 को, उन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलवाई और प्रयासों के कारण पंडित नेहरू को भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया था।
एक प्रधानमंत्री के रूप में जवाहरलाल नेहरू की उपलब्धियां
वह एक आधुनिक और प्रगतिशील विचारक थे और वे हमेशा भारत को एक आधुनिक और सभ्य देश बनाना चाहते थे। हालाँकि, महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू की सोच में अंतर था इसके साथ ही, समाज और सभ्यता के प्रति उनकी अलग-अलग विचारधारा थी।
नेहरू दूसरी तरफ एक आधुनिक भारत चाहते थे, गांधी प्राचीन भारत के थे।
नेहरू हर समय आगे की दिशा में जाना चाहते थे। भले ही देश में धार्मिक और सांस्कृतिक भिन्नता हो। उस समय देश में धार्मिक स्वतंत्रता का दबाव था और मुख्य उद्देश्य देश को एकजुट करना था। इसलिए, इस सारे दबाव के साथ नेहरू ने आधुनिक और वैज्ञानिक प्रयासों में देश का नेतृत्व किया। उन्होंने एक प्रधानमंत्री के रूप में महान चीजें हासिल की और उन्होंने प्राचीन हिंदू संस्कृति को बदल दिया। इससे हिंदू विधवाओं को काफी मदद मिली और इसके अलावा, इस परिवर्तन ने महिलाओं को पुरुषों की तरह समान अधिकार दिए थे। इनमें विरासत और संपत्ति का अधिकार शामिल है।
पंडित जवाहरलाल नेहरू आधारित कविता
यदि आप चाचा नेहरू जयंती के उपलक्ष पर अपने विद्यालय में होने वाले प्रोग्राम में हिस्सा लेते हैं और चाचा नेहरू पर आधारित कविता सुनाना चाहते है तो मैं आपके लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू पर कविता अपडेट कर रहा हूँ, जो कि आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।
Chacha Nehru Poem in Hindi
नेहरू चाचा तुम्हें सलाम कविता
नेहरू चाचा तुम्हें सलाम। अमन-शांति का दे पैगाम॥ जग को जंग से बचाया। हम बच्चों को भी मनाया॥ जन्मदिवस बच्चों के नाम। नेहरू चाचा तुम्हें सलाम॥ देश को दी हैं योजनाएं। लोहा और इस्पात बनाए॥ बांध बने बिजली निकाली। नहरों से खेतों में हरियाली॥ प्रगति का दिया इनाम। नेहरू चाचा तुम्हें प्रणाम॥
What is Nehru famous for?
नेहरू भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता थे और बाद में, भारत के पहले प्रधानमंत्री और साथ ही स्वतंत्रता से पहले और बाद में भारतीय राजनीति में एक केंद्रीय व्यक्ति थे। वे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रख्यात नेता के रूप में उभरे, 1947 में एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपनी स्थापना के बाद 1964 तक प्रधानमंत्री के रूप में भारत की सेवा करते रहे। उन्हें कश्मीरी पंडित समुदाय के साथ अपनी जड़ों के कारण पंडित नेहरू के रूप में भी जाना जाता था, जबकि भारतीय बच्चे उन्हें चाचा नेहरू के रूप में बेहतर जानते थे।
How many years did Nehru rule India?
15 अगस्त 1947 से 27 मई 1964 तक जवाहरलाल नेहरू ने भारत पर राज किया अर्थात प्रधानमंत्री के पद पर रहे थे। तो हम ऐसा बोल सकते है कि जवाहरलाल नेहरू कुल 16 वर्ष 9 महीने और 12 दिन तक प्रधान मंत्री रहे थे।
How did Jawaharlal Nehru change the world?
नेहरू ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अंतरराष्ट्रीय वादी दृष्टिकोण के विकास में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने भारत के लिए विदेशी सहयोगियों की मांग की और पूरी दुनिया में स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए आंदोलनों के साथ संबंध बनाए। 1927 में, उनके प्रयासों ने भुगतान किया और कांग्रेस को बेल्जियम में ब्रुसेल्स में उत्पीड़ित राष्ट्रीयताओं के सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया। नेहरू ने भारत का प्रतिनिधित्व किया और इस बैठक में पैदा हुए साम्राज्यवाद के खिलाफ लीग की कार्यकारी परिषद के लिए चुने गए।
What is the slogan of Jawaharlal Nehru in Hindi
- 1929 में लाहौर बैठक में जवाहर लाल नेहरू ने “पूर्ण स्वराज” बोल कर अपना एक स्लोगन दिया था और एक मांग भी रखी थी।
- “आराम हराम है” – यह स्लोगन भी उनके चर्चित स्लोगन में से एक है।
- Who live if India dies
मैंने पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय अथवा Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi की सारी जानकारी आपको बता दी है। आपको पंडित जवाहरलाल नेहरू की जीवनी का ये लेख कैसा लगा या फिर आप चाचा नेहरू जी को धन्यवाद देना चाहते हो तो नीचे दिए गये कमेंट बॉक्स में जाकर अपना सुझाव लिखे और इस लेख को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर भी शेयर जरूर करे।
Thanks for sharing interesting post on Nehru ji.
Nice sume one right
सुन्दर
Ur poems and articles on nehruji r best but have u followed ur life path on his rules and regulations u determined 2 ur own country with proud on it ????
$$$ hope so ssss
Hii Happy children.s day
really nice man thanks
sir apke articles se mujhe nayi prernaa miti hai apse anurodh ki ap future mein ese hi articles likhen taaki ham logon ko or jankaariyan milti rahe apka dhanyvaad sir…
Kya aap hume Jawaharlal Nehru ke Vyaktitav ke baare mae bataa skate hai
जरुर|
आपने बहुत ही अच्छा पोस्ट नेहरूजी के बारे लिखा। धन्यवाद