श्री दुर्गा चालीसा | Durga Chalisa : नमो नमो दुर्गे सुख करनी…
आज के इस लेख के माध्यम से मैं आपके साथ Maa Durga Chalisa in Hindi शेयर करने जा रहा हूँ.
श्री दुर्गा चालीसा पाठ को पढ़ने से पहले आइए हम माँ दुर्गा के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं जिससे शायद आप अभी अनभिज्ञ हैं और आपको इसके बारे में ज्ञात होना चाहिए.
अब आप सोच रहे होंगे कि क्या जरूरत है जानकारी इकट्ठा करने की, तो मैं आपसे सिर्फ इतना ही बोलना चाहूँगा कि पुजा अर्चना आप क्यों करते हैं?
यकीनन ही दुर्गा माता की जीवनी के बारे में जानने से आपको काफी प्रेरणा मिलेगी और फिर आप अपनी जिंदगी की परेशानियों का सही तरीके से सामना कर सकेंगे.
दुर्गा माता को हिन्दू धर्म के लोग बहुत मानते हैं और उनकी पुजा अर्चना करते हैं क्यूंकि यह हिन्दुओं की प्रमुख देवी हैं जिनकी तुलना परम ब्रह्म से की जाती है.
उनके बारे में मान्यता है कि वे शान्ति, समृद्धि तथा धर्म पर आघात करने वाली राक्षसी शक्तियों का विनाश करती हैं एवं अंधकार व अज्ञानता रुपी राक्षसों से इंसानों की रक्षा करने वाली तथा कल्याणकारी है.
देवी दुर्गा हिन्दू ग्रन्थों में भगवान शिव की पत्नी के रूप में वर्णित की गई हैं.
ऐसी मान्यता है कि जिन ज्योतिर्लिंगों में देवी दुर्गा की स्थापना रहती है उनको सिद्धपीठ कहते है और वहां की गई सभी संकल्प पूर्ण होते है.
यदि आप माता दुर्गा की तीर्थ यात्रा करना चाहते हैं तो मैं आपको बता दूँ कि शिव का धाम कैलाश पर्वत है वहीं मानसरोवर (पवित्र झील) के समीप माता का धाम भी है.
प्रश्न : कैलाश पर्वत कहां पर है ?
उत्तर : Kangrinboqe Peak, Burang, Ngari, China (चाइना)
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मानसरोवर में दक्षायनी माता का मंदिर बना हुआ है वहीं पर मां साक्षात विराजमान है, तो आप प्रभु शिव जी की और माता दुर्गा की एक साथ दर्शन कर सकते हैं.
यदि हम माता के रूप के बारे में बात करें तो मैं आपको बता दूँ कि मां के एक हाथ में तलवार और दूसरे में कमल का फूल रहता है.
पितांबर वस्त्र, सिर पर मुकुट, मस्तक पर श्वेत रंग का अर्थ चंद्र तिलक और गले में मणियों-मोतियों का हार आपको देखने को मिलेगा और शेर हमेशा माता के साथ रहता है क्यूंकि शेर माता दुर्गा की सवारी है.
आप चाहे तो Maa Durga Chalisa Download भी कर सकते हैं और फिर उसे सुबह के समय बजा भी सकते हैं, या आप कभी यात्रा करते वक्त भी सुन सकते हैं यकीनन ही इससे आपके मन को शांति मिलेगी.
तो दोस्तों, अब मैं आपके लिए माँ दुर्गा चालीसा लिरिक्स अपडेट कर रहा हूँ, आप श्री दुर्गा चालीसा का पाठ ध्यान से पढ़ लीजिये और चाहे तो इसे याद भी कर सकते हैं और रोज सुभाह पुजा करते समय इसका जाप कर सकते हैं.
Durga Chalisa in Hindi Lyrics
Durga Chalisa Lyrics in Hindi
⇓ Namo Namo Durge Sukh Karani Lyrics in Hindi ⇓
नमो नमो नमो नमो
नमो नमो नमो नमो
नमो नमो दुर्गे सुख करनी
नमो नमो अम्बे दुःख हरनी
निरंकार है ज्योति तुम्हारी
तिहूं लोक फैली उजियारी
शशि ललाट मुख महाविशाला
नेत्र लाल भृकुटि विकराला
रूप मातु को अधिक सुहावे
दरश करत जन अति सुख पावे
नमो नमो नमो नमो
नमो नमो नमो नमो
तुम संसार शक्ति लै कीना
पालन हेतु अन्न धन दीना
अन्नपूर्णा हुई जग पाला
तुम ही आदि सुन्दरी बाला
प्रलयकाल सब नाशन हारी
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें
नमो नमो नमो नमो
नमो नमो नमो नमो
रूप सरस्वती को तुम धारा
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा
परगट भई फाड़कर खम्बा
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं
श्री नारायण अंग समाहीं
नमो नमो नमो नमो
नमो नमो नमो नमो
क्षीरसिन्धु में करत विलासा
दयासिन्धु दीजै मन आसा
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी
महिमा अमित न जात बखानी
मातंगी धूमावति माता
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता
श्री भैरव तारा जग तारिणी
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी
नमो नमो नमो नमो
नमो नमो नमो नमो
केहरि वाहन सोह भवानी
लांगुर वीर चलत अगवानी
कर में खप्पर खड्ग विराजै
जाको देख काल डर भाजै
सोहै अस्त्र और त्रिशूला
जाते उठत शत्रु हिय शूला
नगरकोट में तुम्हीं विराजत
तिहुंलोक में डंका बाजत
नमो नमो नमो नमो
नमो नमो नमो नमो
शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे
रक्तबीज शंखन संहारे
महिषासुर नृप अति अभिमानी
जेहि अघ भार मही अकुलानी
रूप कराल कालिका धारा
सेन सहित तुम तिहि संहारा
पड़ी भीड़ संतन पर जब जब
भई सहाय मातु तुम तब तब
नमो नमो नमो नमो
नमो नमो नमो नमो
अमरपुरी अरु बासव लोका
तब महिमा सब कहें अशोका
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी
तुम्हें सदा पूजें नर-नारी
प्रेम भक्ति से जो यश गावें
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई
जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई
नमो नमो नमो नमो
नमो नमो नमो नमो
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी
शंकर आचारज तप कीनो
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको
शक्ति रूप का मरम न पायो
शक्ति गई तब मन पछितायो
नमो नमो नमो नमो
नमो नमो नमो नमो
शरणागत हुई कीर्ति बखानी
जय जय जय जगदम्ब भवानी
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा
मोको मातु कष्ट अति घेरो
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो
आशा तृष्णा निपट सतावें
रिपू मुरख मौही डरपावे
शत्रु नाश कीजै महारानी
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी
करो कृपा हे मातु दयाला
ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला
जब लगि जिऊं दया फल पाऊं
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं
दुर्गा चालीसा जो गावै
सब सुख भोग परमपद पावै
देवीदास शरण निज जानी
करहु कृपा जगदम्ब भवानी
नमो नमो नमो नमो
नमो नमो नमो नमो
नमो नमो नमो नमो
नमो नमो नमो नमो
नमो नमो नमो नमो
नमो नमो नमो नमो
नमो नमो नमो नमो
नमो नमो नमो नमो
Maa Durga Chalisa Video – मां दुर्गा चालीसा वीडियो में
Shri Durga Chalisa in Hindi PDF – दुर्गा चालीसा इन हिंदी पीडीऍफ़ डाउनलोड
प्रिय भक्तों यह थी Durga Chalisa Aarti (दुर्गा चालीसा आरती) यदि आप Durga Chalisa PDF Download (दुर्गा चालीसा पीडीएफ फाइल डाउनलोड) करना चाहते हैं तो नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक कर के भी डाउनलोड कर सकते हैं.
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क्या आपको माता दुर्गा के अनेक रूप के बारे में ज्ञात है? यदि नहीं तो आप नीचे दी गई जानकारी को ध्यान पूर्वक आवश्य पढ़े.
माँ दुर्गा के नौ रूपों की जानकारी – Information About Durga Maa in Hindi
देवी दुर्गा के (सावित्री, लक्ष्मी एव पार्वती से अलग) कई रूप है, मुख्य रूप उनका “गौरी” है, अर्थात शांतमय, सुन्दर और गोरा रूप.
उनका सबसे भयानक रूप “काली” है, अर्थात काला रूप.
विभिन्न रूपों में दुर्गा माता भारत और नेपाल के कई मन्दिरों और तीर्थस्थानों में बहुत ही सुंदर तरीके से पूजी जाती हैं| वही कुछ दुर्गा मन्दिर ऐसे भी हैं जिनमे पशुबलि भी चढ़ती है.
आइए अब हम नवरात्रो में 9 दिन जो अलग – अलग दुर्गा के रूप को पूजते हैं अर्थात माँ दुर्गा के 9 अवतारों की कहानियाँ जानते हैं.
नवदुर्गा : देवी माँ के नौ नाम
माँ दुर्गा के ९ रूपों के नाम | |
शैलपुत्री | Shailputri |
ब्रह्मचारिणी | Brahmacharini |
चंद्रघंटा | Chandraghanta |
कूष्माण्डा | kushmanda |
स्कंदमाता | Skandmata |
कात्यायनी | Katyayani |
कालरात्रि | Kalratri |
महागौरी | Mahagauri |
सिद्धिदात्री | Siddhidatri |
Maa Durga Stories in Hindi (Stories of 9 Durgas) : दुर्गा माता की कहानी
1. शैलपुत्री (Shailaputri)
शैलपुत्री देवी दुर्गा का प्रथम रूप है जब उन्होंने पर्वतों के राजा हिमालय और उनकी पत्नी मेनका के द्वारा की गई तपस्या के फल स्वरुप उनकी पुत्री के रूप में पृथ्वी पर जन्म लिया.
तभी उनका नाम “शैलपुत्री” रखा गया यानी (शैल = पर्वत और पुत्री = बेटी)।
माता शैलपुत्री का वाहन है ‘बैल’ तथा उनके दायें हाँथ में होता है ‘त्रिशूल’ और बाएं हाँथ में होता है ‘कमल का फूल‘.
दक्ष यज्ञ में माँ ने सती के रूप में अपने शरीर को त्याग कर दिया और उसके पश्चात माँ दोबारा भगवान शिव जी की दिव्य पत्नी बनी.
2. ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini)
माता दुर्गा के इस रूप में उनके दायें हाथ में एक ‘जप माला’ है और बाएं हाथ में एक ‘कमंडल’.
इस जन्म में नारद मुनि के सलाह देंने पर माता ब्रह्मचारिणी ने शिवजी को पाने के लिए कठोर तपस्या किया.
मुक्ति प्राप्त करने के लिए माता शक्ति ने ब्रह्म अर्थात तपस्या कर ज्ञान को ज्ञात किया और उसी कारण से उनको ब्रह्मचारिणी के नाम से पूजा जाता है.
3. चन्द्रघंटा (Chandraghanta)
माता के तीसरे रूप में उनको चंद्रघंटा के नाम से जाना गया.
चंद्र यानी की चाँद की रोशनी और इस रूप में माँ अपने भक्तों को परम शांति प्रदान करती हैं.
इस रूप में माँ का वाहन सिंह होता है और उनके दस हाँथ हैं और कई प्रकार के अस्त्र-शस्त्र जैसे कडग, बांड, त्रिशूल, पद्म फूल उनके हांथों में होते हैं.
4. कुष्मांडा (Kushmanda)
जब पृथ्वी पर अंधकार के अलावा कुछ नहीं था तब माता कुष्मांडा ने सृष्टि को जन्म दिया, और उस समय माता सूर्य लोक में रहती थी तभी उन्होंने ऊर्जा का सृजन भी सृष्टि में किया था.
माता कुष्मांडा के आठ हाँथ होते हैं इसलिए उन्हें अष्टभुजा देवी के नाम से भी जाना जाता है.
इस रूप में उनका वाहन सिंह है और माता के हांथों मैं कमंडल, चक्र, कमल का फूल, अमृत मटका, और जप माला होते हैं.
5. स्कंदमाता (Skandamata)
असुरों और देवताओं के युद्ध होने के दौरान देवताओं को अपना एक मार्ग दर्शक नेता की जरूरत थी और तभी प्रभु शिव और माता पार्वती जी के पुत्र कार्तिक जिन्हें स्कंद भी कहा जाता है उनको देवताओं का नेता बनाया गया.
इस रूप में माता पार्वती कार्तिक/स्कंदा अर्थात अपने पुत्र को अपने गोद में लिए अपने वाहन सिंह पर बैठे हुए रहती है इसलिए उन्हें स्कंदमाता के नाम से पूजा जाता है.
6. कात्यायनी (Katyayani)
महर्षि कात्यायन एक महान ज्ञानी थे जो अपने आश्रम में कठोर तपस्या कर रहे थे ताकि वो महिषासुर का अंत कर सके.
आश्विन महीने के 14वें दिन पूर्ण रात्रि के समय जब वो माता दुर्गा की पूजा कर रहे थे तब माता उनके सामने प्रकट हुई और उन्होंने खुश होकर उनको शक्ति दी कि महर्षि कात्यायन, महिषासुर का अंत कर सके.
आश्विन माह के पूर्ण उज्वाल रात्रि सातवें, आठवें और नौवे दिन नवरात्री का त्यौहार मनाया जाता है और दसवें दिन को महिषासुर का अंत मानया जाता है.
7. कालरात्रि (Kalratri)
माँ दुर्गा का यह सातवा रूप था और इस रूप में उनका नाम कालरात्रि इसलिए है क्योंकि उन्होंने काल का भी विनाश किया हैं.
कालरात्रि का अर्थ है अन्धकार की रात…
इस रूप में उनका रंग काला होता है, उनके बाल बिखरे और उड़ते हुए होते हैं और उनका शरीर अग्नि के सामान तेज गरम होता है.
इस रूम में उनका वाहन गधा है और उनके ऊपर दायिने हाथ में वह आशीर्वाद देती मुद्रा में होती हैं और निचले दायिने हाथ में माँ निडरता प्रदान करती है।
उनके ऊपर बाएं हाथ में गदा और निचले बाएं हाथ में लोहे की कटार रखती हैं.
उनका प्रचंड रूप बहुत भयानक है परन्तु वह अपने भक्तों की हमेशा मदद करती है इसलिए उनका एक और नाम भायांकारी भी है। उनकी पूजा करने से भूत, सांप, आग, बाढ़ और भयानक जानवरों के भय से मुक्ति मिलती है.
8. महागौरी (Maha Gauri)
देवी पार्वती का रंग सावला था और इसी कारण से महादेव शिवजी उन्हें कालिके के नाम से पुकारा करते थे.
माता पार्वती के कड़ी तपस्या करने के कारण शिवजी बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने गंगा के पानी को माता पार्वती के ऊपर डाल कर उन्हें गोरा रंग का बना दिया और तभी से माता पार्वती को महागौरी के नाम से पूजा जाने लगा.
इस रूम में उनका वाहन बैल है और उपरी दाहिने हाथ से माँ आशीर्वाद वरदान देती है, और निचले दायिने हाथ में त्रिशूल रखती है और उपरी बाएं हाथ में उनके डमरू होता है.
9. सिद्धिदात्री (Siddhidatri)
माता दुर्गा के नौवें रूप में उनका नाम सिद्धिदात्री पड़ा क्यूंकि उन्हें सिद्धि प्रदान करने की माता भी कहा जाता है.
इस रूप में उनका वाहन सिंह है और उनका आसन कमल का फूल है, उनके उपरी दायिने हाथ में माता एक गदा और निचले दायिने हाथ में चक्रम रखती है.
माता अपने उपरी बाएं हाथ में एक कमल का फूल और निचले बाएं हाथ में एक शंख रखती हैं।
माता सिद्धिदात्री अपने भक्तों की सभी मनोस्कम्नाओं की सिद्धि देती हैं.
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तो दोस्तों मैं इस लेख का यही पर अंत कर रहा हूँ, आशा है आपको इस लेख के माध्यम से मैंने बहुत ही अच्छी जानकारी दी है जो आपको पसंद भी आई होगी.
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|| जय माता दी ||
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माँ दुर्गा
माता दुर्गा हिन्दुओं की प्रमुख देवी हैं जिन्हें केवल देवी और शक्ति भी कहते हैं। शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं जिनकी तुलना परम ब्रह्म से की जाती है।
jai mata diii……
Good article
Jai Ma Durga.