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राजा पोरस की कहानी (सिकंदर का आक्रमण) व उनकी मृत्यु

राजा पोरस की कहानी, जीवन परिचय और उनके जीवन से जुडी कुछ महत्वपूर्ण घटना|

राजा पुरूवास या पोरस का राज्य पंजाब के झेलम से लेकर चेनाब नदी तक फेला हुआ था| वर्तमान में यह लाहोर के पास स्तिथ है|

राजा पोरस का साम्राज्य बहुत विशाल था ये बहुत बड़े जमीनी भू-भाग के मालिक थे| जिस जगह के पोर्स राजा थे माना जाता है की इस जगह के लोगो ने पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु का बदला लेने के लिए मोहम्मद गोरी को मार दिया था.

पोरस अपनी बहादुरी के लिए बहुत विख्यात था जब सिकन्दर भारत आया तो पोरस के साथ उसका युद्ध हुआ| पोरस को खुखरायण लोगो का पूरा समर्थन मिला|

इस युद्ध के दोरान सिंध नदी और झेलम नदी को पार किये बिना पोरस के राज्य में पैर रखना बहुत ही मुश्किल कार्य था.

पोरस अपने राज्य की जमीनी भू-भाग से अच्छी तरह वाकिफ था| पोरस ने इस बात का पता लगाने की कोशिश की कि एवं सेना की शक्ति क्या है| एवं सेना के लोग घोड़ो पर सवार रहते थे और वो बहुत फुर्तिले तीर अन्दाज थे.

राजा पोरस को अपनी शक्ति पर पूर्ण विश्वास था लेकिन उन्होंने राजा सिकन्दर को नदी पार करने से रोका यही उनकी भूल साबित हुई.

जब सिकन्दर ने झेलम नदी पार की तब वह वहां फस गये क्यूंकि झेलम नदी में भाड़ आ गयी थी| जब सिकन्दर ने आक्रमण किया तो राजा आम्भी ने उसकी पूर्ण रूप से गुप्त रह कर सहायता की| आम्भी तक्षशिला के राजा थे आम्भी राजा पोरस को अपना दुश्मन मानता था.

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भारत में सिकंदर का आक्रमण – राजा पोरस की कहानी

राजा सिकंदर ने युद्ध की शुरुआत से पहले राजा पोरस के पास एक पत्र पहुंचवाया जिसमे लिखा था की राजा पोरस सिकंदर के समक्ष समर्पण कर दे लेकिन राजा पोरस ने यह बिलकुल स्वीकार नहीं किया था| इसके बाद सिकंदर और पोरस का युद्ध शुरू हो गया.

पोरस की भारतीय सेना में घोड़ो की सेना भी थी जिसे देखकर महान सिकंदर और उनकी सेना चकित रह गये थे|

कहते है सिंकदर और पोरस जब अपने अपने घोड़ो पर सावर लड़ थे तब सिकन्दर निचे गिर गया था और राजा पोरस की तलवार सिकन्दर की गर्दन पर थी लेकिन तभी सिकन्दर के सैनिक उसे वहा से भगा ले गये थे.

पोरस एक बहुत शक्तिशाली राजा था| सिकन्दर का भारत पर विदेशी आक्रमण का इतिहास में बहुत प्रचलित है लेकिन कुछ इतिहास पुरु का मत है की पोरस सिकन्दर से हार गया था|

कुछ इतिहासकारों का मत है की सिकंदर पोरस के आगे हार मान चूका था परन्तु सत्य यही माना जाता है की सिकन्दर ने पोरस को गिरफ्तार कर लिया था.

लड़ाके कबीलों में से एक मालियों के गांव में सिकंदर की सेना एकत्रित हुई| इस हमले में सिकन्‍दर कई बार जख्‍मी हुआ|

जब एक तीर उसके सीने के कवच को पार करते हुए उसकी पसलियों में जा घुसा, तब वह बहुत गंभीर रूप से जख्‍मी हुआ| मेसेडोनियन अधिकारियों ने उसे बड़ी मुश्किल से बचाकर गांव से निकाला.

पोरस की सेना का वर्णन – King Porus History in Hindi

पोरस एक भारतीय शाशक था उसकी सेना भी बहुत विशाल थी पोरस एक समझदार और नेक शासक था वह अपनी सेना को पूर्ण रूप से हर खतरे से लड़ने के लिए सदैव तैयार रखता था|

पोरस की सेना में तीन हजार से भी अधिक सैनिक थे और चार हजार से अधिक घुड़सवार सैनिक थे| जो सैनिक घोड़ो पर सावर होकर ही युद्ध करते थे करीब तीन सो से अधिक रथि योद्धा थे इन सब के अलावा पोरस की सेना में एक सौ तीस हाथी की फोज भी थी जो युद्ध के दौरान सामने आने वाली किसी भी वस्तु को अपने पेरो से खुचल देते थे.

इन सब के अलावा पोरस ने दो हजार सैनिक और कई रथ अपने पुत्र के साथ उसके शिविर पर तैनात कर रखे थे यदि दुश्मन वहा हमला करता है तो वो भी भली पूर्वक सामना कर सके.

पोरस अपनी सेना को मजबूत रखने के लिए उनके खान पान का पूरा ध्यान रखता था और अपनी सेना को समय समय परशिकशन के लिए युद्ध कराया करता था की यदि कभी भी कोई आक्रमण करे तो तुरंत बेझिझक सामना किया जा सके.

बहादुर पोरस की कहानी – Story Of King Porus in Hindi

सिकंदर राजा पोरस से युद्ध करने से पूर्व भली भाति जानता था की वह किस्से युद्ध करने जा रहा है| राजा पोरस एक शक्तिशाली बहादुर राजा था| पराक्रमी पोरस को हराना इतना आसान नही था|

पोरस ने झेलम नदी के किनारे पहले से ही अपनी सेना टेंन्ट करदी थी की अगर दुश्मन आएगा तो उसका सामना वही से ही किया जा सके| इस बिच सिकन्दर चुप रहा उसने कोई गतिविधि नही की|

कुछ दिन बाद पोरस की सेना हल्की ढीली हुई और इसका फायदा उठाकर सिकन्दर की सेना पोरस के राज्य में ऊपर पहाड़ियों पर चढ़ गयी|

सिकन्दर नदी पार करने के बाद 17 मिल दूर आगे पोरस के राज्य में जा पहुंचा था और पोरस की सेना को पता ही नही था की सिकन्दर नदी पार कर आ पहुच गया है उन्हें लग रहा था की सिकन्दर की सेना अब तक नदी पार करने का रास्ता ढूंढ रही है और अचानक से सिकन्दर ने पोरस के राज्य पर आक्रमण कर दिया|

पोरस की सेना इससे अचंबित जरुर हुई लेकिन उन्होंने जमकर इसका सामना किया| बारिश के कारण पोरस की सेना के रथ जमीन पर सही से नही चल पा रहे थे लेकिन पोरस की सेना ने सिकन्दर की सेना को बहुत तोड़ जवाब दिया| पोरस की सेना निडर होकर राजा सिकन्दर की सेना से लड़ती रही.

पोरस की मृत्यु कैसे हुई ? – Porus Death History in Hindi

कई इतिहासकारों का कहना है की पोरस की मृत्यु एक विष कन्या द्वारा हुई थी परन्तु सत्य यह माना जाता है की पोरस की हत्या की हुई थी और आचार्य चाणक्य ने पोरस की हत्या करवाई थी ताकि चंद्रगुप्त मौर्य के विजयी अभियान में पोरस कोई रुकावट ना बन सके इसीलिए चाणक्य ने पोरस की मृत्यु करवाई थी.

दोस्तो आज हमने आपको राजा पोरस की कहानी के बारे में बताया है| राजा पोरस का इतिहास में इतना ही लिखा है| पोरस के विषय में इतिहास में बहुत कम मिला है|

आज इस लेख में हमने जो जानकारी लिखी है इसे बहुत पढ़ने के बाद लिखी है| अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो कमेंट जरुर करे और जैसे की इतिहास में बहुत से विषय पर तर्क है की ऐसा है ऐसा नही है इसिलए कुछ भी कहना आसान नही है क्यूंकि कहि कुछ लिखा है कहि कुछ बस आपको जानकारी अच्छी लगी हो तो शेयर भी जरुर करे.

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