गुरु रविदास जयंती 2021, भजन, दोहे, कथा
गुरु रविदास जयंती 2021: गुरु रविदास का नाम आते ही हमारे दिमाग में छवि उभरने लगती है एक ऐसे महापुरुष की जिन्होंने अपने जीवन में ईश्वर भक्ति में लीन रहकर समाज के कल्याण हेतु अपनी कविताओं, अध्यात्मिक संदेशों से लोगों के उज्जवल भविष्य निर्माण हेतु कार्य किया। स्वामी रामानंद को 15वीं सदी के महान सुधारकों में से एक माना जाता है। जिन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय ईश्वर की भक्ति करने और अपने महान विचारों से लोगों के जीवन में ज्ञान की ज्योति जलाने में लगा दिया।
संत रविदास भेदभाव छुआछूत के कट्टर विरोधी दे जिन्होंने लोगों को ऐसी मानसिकता से ऊपर उठकर कुछ बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। आज हम रविदास जयंती 2021 के मौके पर इस लेख में आपके साथ गुरु रविदास के जीवन से जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारियां आपके समक्ष लेकर आए हैं ताकि उनके विचारों और उनके जीवन को करीब से समझने का मौका मिल सके।
गुरु रविदास जयंती 2021
Sant Ravidas Biography in Hindi
नाम | संत गुरु रविदास जी |
अन्य नाम | रैदास, रोहिदास, रूहिदास |
जन्म | 1376, 1377, 1379 के बीच |
जन्म स्थान | वाराणसी, उत्तरप्रदेश |
मृत्यु | 1540 AD |
मृत्यु स्थान | वाराणसी, उत्तरप्रदेश |
पत्नी | श्रीमती लोना जी |
बेटा | विजय दास जी |
पिता | श्री संतोख दास जी |
माता | श्रीमती कलसा देवी जी |
दादा | श्री कालू राम जी |
दादी | श्रीमती लखपति जी |
संत रविदास जी की जीवनी और कहानी
हमारे देश में सदियों से गुरुओं और कवियों का एक स्थान रहा हैं। जिन्होंने अपने विचारों से हमेशा लोगों को प्रोत्साहित किया है। चाहे कबीर दास जी हो या फिर गुरु नानक जी सभी ने अपने अनमोल विचारों को दोहा, पंक्ति और कविताओं के माध्यम से लोगों के जीवन को संवारने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन गुरुओं में गुरु रविदास भी शामिल हैं।
गुरु रविदास जी 15वीं सदी के महान संतों में से एक हैं। गुरु रविदास जी एक बहुत बड़े संत दार्शनिक एक कवि, समाज सुधारक और ईश्वर के अनुयायी थे। गुरु रविदास जी का जन्म उत्तर भारत के वाराणसी शहर में हुआ था। गुरु रविदास जी की माता का नाम कलसा देवी है और उनके पिता का नाम बाबा संतोख दास जी है। लेकिन गुरु रविदास जी की जन्म तिथि को लेकर लोगों की अलग-अलग राय है। बहुत से लोग मानते है कि गुरु रविदास जी का जन्म 1376 से 1399 ईसवी के बीच में हुआ था और वहीं कुछ लोग यह मानते है कि गुरु रविदास जी का जीवन काल 1450 से 1520 के मध्य था।
गुरु रविदास जी ईश्वर के बहुत बड़े भक्त थे उन्होंने सदैव भलाई के कार्य में ही अपना ध्यान केंद्रित किया है। इतना ही नहीं गुरु रविदास जी निर्गुण संप्रदाय के एक बहुत बड़े संत भी थे जिन्होंने उत्तरी भारत में हो रहे भक्ति आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। गुरु रविदास जी ने लोगों को धर्म और समाज को लेकर कई सारे संदेश दिए, उन्होंने उनके भक्तों का जीवन बदल कर रख दिया। गुरु रविदास जी की रचनाओं में हम ईश्वर के प्रति उनके अपार प्रेम को साफ-साफ देख सकते हैं।
गुरु रविदास जी ने अपने पूरे जीवन काल में भाईचारा और शांति की स्थापना का ही प्रयत्न किया है। साथ ही उन्होंने अपने अनुयायियों को भी इसी मार्ग चलने का उपदेश दिया है। रविदास जी हमेशा रूढ़िवादी विचारधाराओं का विरोध करते थे और हमेशा मानवतावादी दृष्टिकोण पर जोर देते थे। गुरु रविदास जी कथा और कहानियों के माध्यम से अपनी बातें लोगों तक पहुंचाते थे उनके संगीत, आरती व भजन आज भी लोगों के मन को मोह लेते हैं। उनके द्वारा सुनाई गई कहानी आज संत गुरु रविदास की अमर कथा के नाम से जाने जाती हैं।
गुरु रविदास जी के इन्हीं विचारों को पूरी दुनिया में फैलाने के लिए हर साल गुरु रविदास जयंती मनाई जाती हैं जिससे कि पूरी दुनिया में भाईचारे का संबंध और शांति की स्थापना हो सके। गुरु रविदास जी के विचारों को और गहराई से समझने के लिए हम उनके द्वारा व्यक्त की गई विचारों का उल्लेख करेंगे साथ ही संत रविदास की अमर कहानी के विषय में भी आप सभी को बताएंगे।
संत गुरु रविदास की वाणी
गुरु रविदास जी अपनी वाणी से लोगों के मन को बदलने की क्षमता रखते थे यही कारण है कि कृष्ण भक्त मीराबाई जो राजस्थान के चित्तौड़ की रानी थी वह गुरु रविदास जी की बहुत बड़ी अनुयायी थी। गुरु रविदास जी के कुछ खास दोहे और पदों का उल्लेख हम नीचे कर रहे हैं-
संत रविदास जी के पद
चल मन! हरी चटसाल पढ़ाऊं।। गुरु की साटी ज्ञान का अक्षर, बिसरै तो सहज समाधि लगाऊं।। प्रेम की पाटी सुरति की लेखनी, ररौ ममौ लिखि अंक लगाऊं।।
अब कैसे छूटै राम रट लागी
प्रभु जी, तुम चंदन हम पानी, जाकी अंग-अंग बास समानी।। प्रभु जी, तुम घन बन हम मोरा, जैसे चित्रपट चंद चकोरा।। प्रभु जी, तुम दीपक हम बाती, जाकी ज्योति बरै दिन राती।। प्रभु जी, तुम मोती, हम धागा जैसे सोना ही मिलत सोहा गवा।।
संत गुरु रविदास जी के दोहे
जाति जाति में जाति है, जो केतन के पात। रैदास मनुष ना जुड़ सके, जब तक जाति ना जात।।
Sant Ravidas Ji Ke Dohe in Hindi
रैदास कनक और कंगन माहि जिमि अंतर कछु नाहिं। ऐसे ही अंतर नहीं हिन्दुअन तुरकन माहि।।
गुरु महाराज रविदास जी की आरती
गुरु रविदास जी की वाणी में हमें भक्ति के मधुर सुर नजर आते हैं। रैदास जी की आरती में हमें राम, कृष्ण, करीम, राघव आदि सब एक ही परमेश्वर के विविध नाम हैं, वेद, कुरान, पुराण आदि ग्रंथों में एक ही परमेश्वर का गुणगान नजर आता है। गुरु रविदास जी के सबसे अच्छे आरती के नाम नीचे बताए गए हैं-
Shri Ravidas Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi
ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै । गरीब निवाजु गुसाईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥ जाकी छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै । नीचउ ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥ नामदेव कबीरू तिलोचनु सधना सैनु तरै । कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरिजीउ ते सभै सरै ॥
Aisi lal Tujh Bin Kaun Karey Video
सतगुरु रविदास जी के भजन लीरिक्स
गुरु रविदास जी द्वारा गाए भजन आज भी लोग काफी मन से सुनते है और उनके भजन में हम ईश्वर के प्रति उनके प्रेम को अच्छी तरह देख सकते हैं। गुरु रविदास जी द्वारा गाने को भजनों में से कुछ भजनों के नाम हम आपको नीचे बताने वाले हैं-
- होली खेलन आईया वे
- काशी नू जाना
- हे ज्ञानवान भगवन
- दुख में सुमिरन सब करे सुख में करे न कोई
- तेरे दर्शन कर कर के
गुरु रविदास जी के शब्द वाणी
समाज में भाईचारा व्याप्त करने के लिए और ऊंच-नीच का भाव मिटाने के लिए गुरु रविदास जी के शब्द में हमें ईश्वर के प्रति प्रेम के साथ यह संदेश मिलता है कि केवल शांति और भाईचारे बाद से ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है। गुरु रविदास जी के कुछ अनमोल शब्द आपको नीचे बताने वाले हैं-
मेरी प्रीत गोविंद सियु हर के नाम बिन नाथ कथू ना जानू सू कत जाने किया तो सोइया एह तन ऐसा तू जनत जे कल साथ जीवन मुखंदे साद का निंदक
Ravidas WIKI: FAQs
इन दोहों, शब्दों, आरती, भजन के माध्यम से आप समझ सकते है कि गुरु रविदास जी ईश्वर और ईश्वर की भक्ति पर विश्वास करते थे। उनके विषय में और जानकारी देने के लिए हम कुछ प्रश्नों का उपयोग करने वाले हैं।
गुरु रविदास जी का जन्म कब हुआ था?
महान दार्शनिक व कवि गुरु रविदास जी का जन्म 15वीं सदी में हुआ था। लेकिन इनके जन्म को लेकर बहुत सारे विवाद हैं। कुछ लोगों का कहना है कि गुरु रविदास जी 1376, 1377, 1379 के बीच जन्मे थे।
गुरु रविदास जी की पत्नी का क्या नाम था?
गुरु रविदास जी अपना पूरा जीवन ईश्वर की भक्ति और लोक कल्याण में लगाना चाहते थे यही कारण है कि उन्होंने अपने परिवार के पेशेवर काम को भी नहीं किया जिसके कारण उनके माता पिता ने बहुत ही कम उम्र में उनका विवाह श्रीमती लोना देवी से कर दिया था। गुरु रविदास जी की पत्नी का नाम श्रीमती लोना देवी है।
रविदास जयंती क्यों मनाया जाता है?
गुरु रविदास जी के विचारों, वाणी, दोहे, पदों और शब्दों को कई सारे लोगों तक पहुंचाने के लिए, लोगों में ईश्वर के प्रति प्रेम और एक दूसरे के प्रति भाईचारा का भाव स्थापित करने के लिए हर साल रविदास जयंती मानाया जाता है। जिससे लोग इतने साल बाद भी गुरु रविदास जी के विचारधारा को अपने जीवन में उतार सकें और अपने जीवन को एक नया मोड़ दे सकें।
रविदास जी की मृत्यु कब हुई थी?
गुरु रविदास जी समाज में बराबरी एकता इंसानियत अच्छा ईश्वर एक है का उपदेश लोगों को देते थे। गुरु रविदास जी अन्य पाखंडी गुरु की तरह नहीं थे हमेशा ईश्वर की भक्ति और सभी इंसान एक समान है का विचार ही सब के साथ व्यक्त करते थे। बहुत से लोगों ने उनकी विचारधारा की वजह से उन्हें मारने का प्रयास किया लेकिन सभी असफल रहे। गुरु रविदास जी की मृत्यु प्राकृतिक रूप से हुई थी ऐसा माना जाता है कि गुरु रविदास जी 120 या 126 साल की उम्र तक जीवित थे। बहुत से लोगों का यह भी मानना है कि गुरु रविदास जी की मृत्यु 1540 AD में हुई थी।
संत रविदास जी के पिता का क्या नाम था?
संत रविदास जी के पिता का नाम बाबा संतोख दास जी था जो मल साम्राज्य के राजा नगर के सरपंच थे। साथ ही साथ गुरु रविदास जी के पिता का खुद का जूतों का व्यापार था।
संत रविदास जी की माता का क्या नाम था?
संत रविदास जी की माता का नाम कलसा देवी था।
संत रविदास जी का जन्म कहां हुआ था?
15 वीं सदी के महान समाज सुधारक और दार्शनिक कवि गुरु रविदास जी का जन्म भारत के उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में हुआ था।
रैदास के गुरु का क्या नाम था?
संत रविदास (रैदास) जी के गुरु स्वामी रामानंद जी है जो महान कवि कबीर दास के भी गुरु थे। ऐसा भी माना जाता है कि गुरु रविदास जी कबीर दास जी के गुरु भाई थे।
साथियों आज का यह लेख यही समाप्त होता है। हमें आशा है गुरु रविदास जयंती 2021 पर आधारित यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। जिसमें आपको संत रविदास का जीवन परिचय से जुड़ी अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हुई होंगी।
– Guru Ravidas Jayanti in Hindi
Great Content Sir.. Thankyou.