14 नवंबर बाल दिवस 2020 पर निबंध व भाषण
आप सभी बच्चों का HimanshuGrewal.com पर बहुत बहुत अभिनंदन है। आज के इस लेख में हम भारत का राष्ट्रीय त्यौहार बाल दिवस पर निबंध अर्थात Children’s Day Essay in Hindi के विषय में बात करेंगे।
बाल दिवस पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन पर मनाया जाता है। यह 1956 से ही पूरे भारत में हर साल 14 नवंबर के दिन बहुत उल्लास से मनाया जाने वाला राष्ट्रीय पर्व है।
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भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का जीवन परिचय
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Happy Children’s Day Essay in Hindi For Students
पंडित जवाहर लाल नेहरू के अनुसार, बच्चे देश का भविष्य है। उन्हें ये अच्छे से पता था कि देश का उज्जवल भविष्य बच्चों के भविष्य पर निर्भर करेगा। वह कहते थे कि कोई भी देश कभी भी अच्छे से विकास नहीं कर सकता अगर उसके बच्चे कमजोर और गरीब होंगे और उनकी उचित ढंग से विकास न हो।
जब उनको ये महसूस हुआ कि बच्चे देश का उज्जवल भविष्य है तो उन्होंने अपने जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया जिससे देश के बच्चों पर ध्यान केन्द्रित किया जाये तथा उनकी स्थिति में सुधार लाया जा सके।
बाल दिवस का उत्सव सभी के लिये मौका उपलब्ध कराता है खासतौर से भारत के उपेक्षित बच्चों के लिये।
इसे पढ़े: बाल दिवस का महत्व बाल दिवस क्यों मनाया जाता है?
बच्चों के प्रति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारीयों के एहसास के द्वारा उन्हें अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचने पर मजबूर करता है। इस देश में बच्चों के बीते हुई स्थिति और देश के उज्जवल भविष्य के लिये उनकी सही स्थिति क्या होनी चाहिये के बारे में लोगों को जागरूक करता है। ये केवल तब ही मुमकिन है जब सभी लोग बच्चों के प्रति अपनी जिम्मदारी को गंभीरता से समझेंगे।
बाल दिवस 14 नवम्बर को मनाने जाना वाला ये राष्ट्रीय त्यौहार ढ़ेर सारे उत्साह और आनन्द के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार भारत के पहले प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देने साथ ही पूरे देश में बच्चों की स्थिति को सुधारने के लिये मनाया जाता है। बच्चों के प्रति पंडित जवाहरलाल नेहरु का प्यार और जुनून की वजह से उनके जन्मदिन पर बच्चों को सम्मान देने के लिये बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बच्चों के मन में नेहरू के प्रति गहरे लगाव और प्यार की वजह से बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कह कर पुकारते थे।
हमने जान लिया कि बाल दिवस मनाने की वजह क्या है? अब हम जानते है कि आज के समय में कैसे मनाते है बाल दिवस?
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बाल दिवस कैसे मनाया जाता है?
लगभग सभी स्कूल और कॉलेजों में राष्ट्रीय स्तर पर हर वर्ष चाचा नेहरू का जन्मदिन जरूर याद किया जाता है। बच्चों पर ध्यान केन्द्रित करने और उनको खुशी देने के लिये स्कूलों में बाल दिवस मनाया जाता है।
एक राष्ट्रीय नेता और प्रसिद्ध हस्ती होने के बावजूद वह बच्चों से बेहद प्यार करते थे और उनके साथ खूब समय बिताया करते थे। इसे एक महान उत्सव के रूप में इसे चिन्हित करने के लिये पूरे भारत भर के शैक्षणिक संस्थान और स्कूलों में बहुत खुशी के साथ मनाया जाता है। इस दिन स्कूल खुला रहता है जिससे बच्चे स्कूल जाए और ढेर सारी गतिविधियों और कार्यक्रमों में भाग लें। जैसे की-
- बाल दिवस पर भाषण
- बाल दिवस के गीत-संगीत
- कला
- नृत्य
- कविता पाठ
- फैंसी ड्रेस
Few Lines on Children’s Day Essay in Hindi Language
- प्रतियोगिता आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिये शिक्षकों द्वारा आयोजित किया जाता है।
- जो विद्यार्थि कार्यक्रम को जीतते हैं उनको स्कूल की तरफ से पुरस्कार दे कर सम्मानित भी किया जाता है।
- इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजित करना केवल स्कूल की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि सामाजिक और संयुक्त संस्थानों की भी है।
- विद्यार्थी इस दिन पर पूरी मस्ती करते है क्योंकि वह कोई भी दूसरा रंग-बिरंगा कपड़ा पहन सकते है।
- उत्सव खत्म होने के बाद विद्यार्थियों को दोपहर के स्वादिष्ट भोजन के साथ मिठाई भी बांटी जाती है।
- अपने प्यारे विद्यार्थियों के लिये शिक्षक भी कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते है जैसे – ड्रामा और डांस आदि।
- कई विद्यालयों में इस दिन पर शिक्षक अपने विद्यालय के बच्चों को पिकनिक पर भी ले जाते है।
- इस दिन पर बच्चों को सम्मान देने के लिये टीवी और रेडियो मीडिया द्वारा खास कार्यक्रम भी चलाया जाता है क्योंकि वह देश के भावी भविष्य होते है।
बाल दिवस का महत्व: Importance of Children’s Day Speech in Hindi
बाल दिवस बच्चों के लिए विशेष अवसर होता है। जिस दिन उन्हें विद्यालयों में पढ़ाई के अलावा खेलकूद, मनोरंजन करने का मौका मिलता है।
बाल्य अवस्था जीवन का सबसे बेहतरीन समय होता है जिसमें एक इंसान शिक्षा प्राप्ति, खेलकूद कर चिंता मुक्त जीवन जीता है। वैसे तो वर्ष भर में विद्यालयों तथा घरों में बच्चों की पढ़ाई पर खूब जोर दिया जाता है। लेकिन बाल दिवस के इस मौके पर बच्चों को खुश करने के लिए विद्यालयों में अनेक तरह के कार्यक्रम जैसे डांस, सिंगिंग तथा लेख प्रतियोगिताएं होती है। जिसमें अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को इनाम भी दिए जाते हैं और छुट्टी से पूर्व बच्चों में टॉफियां, चॉकलेट्स इत्यादि बाटी जाती हैं।
साथ ही यह दिवस हमें देश के उन बच्चों की स्थिति को भी सोचने पर मजबूर कर देता है, जो आज भी विकट परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे हैं। जिन्हें दो वक्त की रोटी के लिए बाल्य अवस्था में ही फैक्ट्री होटलों में काम करते, सड़क किनारे कूड़ा बीनते देखा जाता है। बाल दिवस हमें उन बच्चों के अधिकारों, उनके बालपन के साथ हो रहे इस खिलवाड़ के लिए देश के नागरिकों और सरकार को भी आकर्षित करता है।
भारत में बाल दिवस काफी समय से मनाया जा रहा है। 20 नवंबर 1959 को पहली बार देश में बाल दिवस मनाने की शुरुआत की गई। लेकिन वर्ष 1964 में नेहरू जी के आकस्मिक निधन के पश्चात उनके जन्मदिवस को ही बाल दिवस के तौर पर मनाने का निश्चय किया गया।
पंडित जवाहरलाल नेहरू को हम सभी एक महापुरुष के तौर पर जानते हैं।
भारतीय जनता उन्हें आज भी देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले एक स्वतंत्रता सेनानी, एक राजनेता के तौर पर देश के पहले प्रधानमंत्री के साथ ही बच्चों के प्रति उनके मन में अपार स्नेह के लिए उन्हें चाचा नेहरू के नाम से संबोधित किया जाता है। पंडित नेहरू अक्सर अपने भाषणों में बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने हेतु, उनके अधिकारों एवं उनकी शिक्षा पर बल देते थे। उनका मानना था कि देश का प्रत्येक बच्चा देश का आने वाला कल है, देश का भविष्य इन बच्चों के हाथों में ही है। अतः अभी से हम इन्हें जैसी शिक्षा देंगे, वह देश के भविष्य को निर्धारित करेगा।
बच्चों के प्रति उनके मन में जो स्नेह और लगाव था इससे बच्चे भी उनकी ओर खिंचे चले आते थे। बच्चे प्यार से देश के इस महान नेता को चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे। उनके निधन के बाद भी बच्चों के प्रति उनके स्नेह को देशवासियों द्वारा भुलाया न जा सका। आज की पीढ़ी के बच्चे उन्हें चाचा नेहरू के नाम से बुलाते है।
वर्ष 1964 में जब इस महापुरुष ने इस दुनिया को अलविदा कहा तो उसी वर्ष के नवम्बर माह से देश में उनकी जन्मतिथि को बाल दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा।
दशकों से मनाए जाने वाले इस यादगार दिवस का महत्व आज भी कम नहीं हुआ है। प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर के दिन बाल दिवस को देश के सभी विद्यालयों तथा शिक्षण संस्थानों मे मनाते देखा जा सकता है। मेरा मानना है कि हमारे पहले प्रधानमंत्री बिलकुल सही बोलते थे, की देश के बच्चे ही देश का उज्जवल भविष्य है। ज़रूरी है कि उनको जितना हो सके अच्छी फैसिलिटी देनी चाहिए फिर चाहे वो पढ़ाई से जुड़ी हो या उनकी निजी जीवन से।
देश के बच्चे राष्ट्र की बहुमूल्य संपत्ति और कल के एकमात्र उम्मीद और कुलदीपक होते है। हर पहलू में बच्चों की स्थिति पर ध्यान देने के लिये, चाचा नेहरु ने अपने जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में घोषणा की जिससे भारत के हर बच्चे का भविष्य बेहतर हो सके।
बाल दिवस कैसे मनाएं: How to celebrate Children’s Day in lockdown 2020
बाल दिवस बच्चों को समर्पित एक ऐसा दिवस है, जिस दिन बड़ों द्वारा बच्चों के जीवन में खुशियां बिखेरी जाती है। अगर आप इस दिन को स्पेशल बनाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कुछ टिप्स आपकी इस काम में सहायता कर सकते हैं।
- 👉 इस खास दिन के मौके पर बच्चों को मजेदार अंदाज में इस दिन का महत्व बताएं, तथा घर पर बच्चों के साथ कुछ बढ़िया एक्टिविटीज करें।
- 👉 बच्चों को चिल्ड्रन पार्क में ले जाए, जहां कई सारे बच्चे खेलते मिलेंगे तो उन बच्चों के साथ खुद के बच्चे को शामिल करें।
- 👉 घर पर रहकर इस दिन आप उनके लिए कुछ पसंदीदा snacks, फेवरेट डिश या फिर उनकी कुछ पसंदीदा चीज को इस दिवस पर देकर उन्हें सरप्राइज दे सकते हैं।
- 👉 आप बच्चों को अपने बचपन के दिनों को स्टोरी की तरह सुना सकते हैं। और बता सकते है किस तरह आप बाल दिवस मनाते थे।
- 👉 आप इस दिन अपने शहर/क्षेत्र के गरीब बच्चों को टॉफी, चॉकलेट बाटकर उनके लिए यह दिन यादगार बना सकते हैं। ऐसे बच्चों के चेहरे की खुशी देखना वाकई दिल को काफी सुकून देता है।
- 👉 आज मनोरंजन लैपटॉप, TV पर सिमट चुका है, तो अगर आपके बच्चे को मूवी देखना पसंद है तो आप इस मौके पर उसकी फेवरेट मूवी बच्चे को दिखा सकते हैं।
- 👉 आपका बच्चा कोई Creative चीज बनाना चाहता हो जैसे कोई पेंटिंग, कोई डिश तो आप इस दिन उसे वह काम करने दे, इससे उनके अंदर की रचनात्मकता को आप देख पाएंगे।
तो यह थे कुछ टिप्स जो आपको अपने बच्चे के इस चिल्ड्रंस डे को खास बनाने में आपकी मदद कर सकते हैं। वैसे इस कोरोना काल में चिल्ड्रंस डे को घर पर सुरक्षित रहकर मनाए। अंत में हम आपको इस बाल दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं देना चाहेंगे।
दोस्तों, अगर आपकी छोटी सी मदद से किसी बच्चे को कोई मदद मिलती है, उनके हालात सुधरते हैं तो ज़रूर करे फिर चाहे वो आर्थिक हो शारीरिक।
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सुप्रभात सभा, सम्मानित प्राचार्य, शिक्षकों और मेरे प्यारे साथियों (या अन्य संबंधित निकायों) को सुप्रभात, आज यह बाल दिवस का एक बहुत ही शानदार कार्यक्रम है, जिसे हम सभी के बीच मनाया जाता है.
जैसा कि हम सभी सहमत हैं कि बच्चे समाज की उज्ज्वल धूप है, एक पौधे का बीज जो हमें मीठे फल और भविष्य देगा, और वह एक संगठन है जो परिवारों को बढ़ता हुआ देखते हैं, एक-दूसरे को पकड़ते हैं और सकारात्मक के साथ रहते हैं, नैतिकता के साथ बढ़ने का निर्दोष सत्य।
हम कह सकते हैं, बच्चे इस समाज की चमक हैं, एक बच्चा जीवन में कुछ अच्छे संगीत की तरह है, वह जीवन के बारे में अपने निर्दोष सवालों के साथ सभी को स्थाई रखते हैं, अपने प्यारे और मनमोहक गतिविधियों से माहौल को खुश करते है.
यदि किसी बच्चे के जीवन में खुशी ना हो तो उसके बिना वो बहुत सुस्त और परेशानी भरा जीवन व्यतित कर सकता है, क्योंकि मुस्कान और आँखें हमेशा भविष्य में कुछ अच्छा होने की उम्मीद के साथ होती हैं.
बाल दिवस को पूरे विश्व में एक बच्चे की मासूमियत को सजाने और निखारने के लिए मनाया जाता है, ताकि वह दुनिया में अपनी भूमिका के लिए विशेष रूप से महसूस कर सके और उन्हें बच्चा होने की सकारात्मकता दिखा सकें.
मैं आपको बताना चाहता हूँ कि यह पूरे विश्व में विभिन्न तिथियों पर मनाया जाता है। तिथि विभिन्न कारणों पर निर्भर करती है, जैसे भारत में यह 14 नवंबर को मनाया जाता है.
हालाँकि, 1 जून को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है जबकि 20 नवंबर को सार्वभौमिक बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
14 नवंबर को महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और हमारे भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती है। उनकी जयंती को पूरे देश में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि बच्चों के लिए उनका असीम प्यार और स्नेह हुआ करता था.
हम ऐसा कह सकते हैं कि वह एक बदलाव निर्माता थे, न केवल स्वतंत्रता लड़ाई में बल्कि सामाजिक परिवर्तन में भी रहे हैं
उन्हें बच्चे चाचा नेहरू भी कहते थे, क्योंकि वे बहुत प्यारे थे और बच्चों के साथ शामिल थे और उन्हें अपनी कंपनी में बहुत सहज बनाने के लिए उपयोग करते थे।
कहा जाता है कि वह गुलाब और बच्चों के बहुत शौकीन थे। वह बच्चों के विकास को लेकर काफी चिंता किया करते थे क्योंकि उन्हें विश्वास था कि वह देश का भविष्य हैं।
उन्होंने सभी माता-पिता से अनुरोध किया कि वो अपने बच्चों की उचित देखभाल करें, उनका उचित पोषण करें, उनकी देखभाल करें और उनसे प्यार करें।
उन्होंने पाया कि एक देश की ताकत देश के बच्चे हैं। बच्चों के लिए यह महान विचारधारा और प्रेम एक कारण है कि हम उनकी जयंती पर बच्चों का दिन मनाते हैं, उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए।
बाल दिवस सिर्फ हमारे पहले प्रधान मंत्री के काम का जश्न मनाने के लिए नहीं है, बल्कि देश के छोटे से छोटे दीपकों को विशेष और प्रिय बनाने के लिए भी है.
प्रत्येक वर्ष बाल दिवस मनाने का उद्देश्य है, हमारी संस्कृति के युवा बीजों के महत्व से सभी को अवगत कराना, बच्चों की भूमिका को स्वीकार करना और बच्चों की उचित देखभाल करने के लिए वयस्कों में जागरूकता फैलाना है।
उचित देखभाल का मतलब सिर्फ प्यार और जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि उन्हें समाज की बुराइयों से दूर रखना और उन्हें मानवतावादी दृष्टिकोण के साथ खिलाना एवं शामिल करना है.
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि तेजी से बढ़ते अपराध की इस सदी में कोई भी इतना सुरक्षित नहीं है।
बच्चे सबसे कमजोर होते हैं क्योंकि उन्हें बहुत आसानी से रोका जा सकता है, सामाजिक बुराइयों जैसे ड्रग्स, बाल शोषण, शराब, बाल श्रम, हिंसा, सेक्स, आदि कुछ ब्लैकबर्ड हमेशा हमारे ऊपर आकाश में उड़ते हैं।
अक्सर पापी वयस्कों अनाथ बच्चों को सीलिंग और लूटपाट के भयावह व्यवसाय में धकेल देते है और लूटपाट के शिकार होते हैं, यह बच्चे उस बचपन से वंचित रह जाते है जिसे वह बचाते हैं, प्यार और देखभाल से दूर रहते हैं.
पूरे देश में बाल दिवस को बहुत खुशी के साथ मनाया जाता है, विभिन्न गतिविधियों का प्रदर्शन किया जाता है जैसे नृत्य गायन प्रतियोगिताओं, कहानी, और कविता प्रतियोगिता, पेंटिंग, और निबंध लेखन और अन्य…
सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ, इसके लिए कई दान दिए जाते हैं जिन बच्चों को संसाधनों की आवश्यकता होती है सरकार ने बच्चों के लिए विकास कार्य की सुविधा के लिए शिविर और कार्यक्रम भी रखे.
इनडोर आउटडोर गेम्स स्कूल, कॉलेजों में बच्चों के साथ खेले जाते हैं। हमारे भविष्य के जीवन में परिवर्तन करने के लिए एक दिन का नाम बाल दिवस दिया गया है.
मैं इसमें एक उदाहरण जोड़कर अपना भाषण समाप्त करना चाहूंगा।
“यदि आप छाया और फल के लिए आम के पेड़ की तलाश करते हैं, तो पहले आम के पेड़ का एक बीज लगाएं और फिर उसे सही समय पर पानी दें, इसी तरह अगर आप एक ऐसा देश चाहते हैं जो सकारात्मक और सफल तरीके से विकसित हो तो अपने बच्चों को शिक्षा और नैतिकता दें कल देश का निर्माण करें।”
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दोस्तों मेरा आज का Children’s Day Essay in Hindi का यह लेख यही समाप्त हो रहा है, अगर आपको मेरा यह अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं.
आप चाहे तो इसे याद कर के आने वाले बाल दिवस 2020 पर अपने स्कूल या कॉलेज में सबके सामने भी बोल सकते हैं। आपको बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. 🙂
very fun reading
very nice post sir
bahut achha post thaa.. very effective.. this article explains the real value of childrens day..