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योगेश्वर दत्त का जीवन परिचय हिंदी में

योगेश्वर दत्त का जीवन परिचय, निबंध, शिक्षा, करियर

आज हम आपको भारत के जाने माने पहलवान एवं कुश्ती बाजो में से एक योगेश्वर दत्त का जीवन परिचय के बारे में जानने को मिलेगा.

मै आज की बात तो नहीं कर रहा हूँ, परंतु आज से 2-3 साल पहले तक की अगर बात की जाये तो आए दिन अखबारों की हेडलाइन और टीवी के समाचार चैनल पर अपनी न्यूज को बरकरार करने में योगेश्वर दत्त कभी भी पीछे नहीं रहे.

वैसे तो भारत का एक राज्य हरयाणा ऐसा है, जहाँ से भारत को एक से बढ़ के एक प्लेयर मिले हैं| लेकिन हर सफल इंसान ने अपनी ज़िंदगी में बहुत कुछ झेला होता है और कड़ी मेहनत के बाद वो उस मुकाम तक पहुच पाता है.

दोस्तो इस लेख में आपको योगेश्वर दत्त की जीवनी से लेकर उपलब्धि भरे जीवन यानिकी एक-एक बात के बारे में बताया जाएगा.

यदि आप किसी सरकारी नौकरी खास कर खेल जगत से जुड़े नौकरी के लिए तैयारी कर रहे हैं तो इस लेख को अंत तक ध्यान से पढे.

आइये जानते हैं कि किस तरह से भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपने नाम का झण्डा इस धुरंधर ने फहराया, किस तरह से उन्नति की सीढ़ियों पर इन्होंने अपने कदम रखे?

Yogeshwar Dutt Biography in Hindi

आपने कभी सोचा है कि क्यों एक बच्चे को स्कूल में जाने से पहले ही सीखा दिया जाता है कि उसे अपनी ज़िंदगी में बनना क्या है जिसको की अंग्रेजी में एम कहा जाता है.

योगेश्वर दत्त जिनको की योगी भी कहा जाता है| इन्होंने मात्र 8 वर्ष की उम्र में ही अपने गाँव के एक पहलवान से प्रेरित होकर यह सोच लिया था कि इनको अपनी ज़िंदगी में एक पहलवान बनना है.

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योगेश्वर दत्त का जीवन परिचय – Biography Of Yogeshwar Dutt in hindi

योगेश्वर दत्त का जन्म 2 नवम्बर 1982 में हरयाणा के सोनीपत जिले के भैंसवाल कलन गाँव में हुआ था| इनका जन्म एक शिक्षित परिवार में हुआ था|

योगेश्वर दत्त के पिता जी का नाम राम मेहर और माता जी का नाम सुशीला देवी हैं जो दोनों पेशे से एक शिक्षक थे.

भारत के ज्यादा तर बेटों की तरह यह भी अपनी माता के ज्यादा करीब थे| इनकी माँ एक शिक्षक होने के साथ-साथ एक अच्छी माँ भी थी, जिन्होंने अपने बेटे को उनके जीवन के लिए अच्छी सीख दी थी.

भारत के हर परिवार की तरह ही इनका भी परिवार था, जहाँ सभी की सोच यही थी कि बेटा घर वालों के बताए हुए लक्ष कदम पर ही चले, परंतु 8 वर्ष की उम्र में देखा हुआ सपना इनका खूद का था और अपनी माँ की मदद की वजह से उसका वह कुश्ती करने का सपना साकार हुआ.

योगेश्वर दत्त की शिक्षा – योगेश्वर दत्त बायोग्राफी हिंदी में

योगेश्वर दत्त ने अपने स्कूल में कुश्ती के खेल में हिस्सा लिया और प्रदर्शन दिया| ज्यादातर प्रतियोगिता में इन्होंने जीत हासिल की, जिससे इनका खूद के सपने और खूद पर विश्वास बन पाया.

सन् 1992 में जब वे पाँचवी कक्षा में थे, तब उन्होंने “स्कूल चैंपियनशिप” जीता और फिर तब से उनका परिवार भी उनके सपने को सच करने के लिए प्रोत्साहित करने लगा और तभी से उनकी रुचि जो की कुश्ती में थी उसमे समर्थन दिया.

सन् 1994 में योगेश्वर दत्त ने पोलंड में “अंतर्राष्ट्रीय स्कूल कैडेट खेलो” में भाग लिया, और तब उन्होंने स्वर्ण पदक जीता|

सन् 1996 में जब उनकी पढ़ाई पूरी हो गई, साथ ही उनके माता-पिता भी संतुष्ट हो गए थे तब उन्होंने कुश्ती पर और अधिक अपना ध्यान केन्द्रित किया| तब ही उन्होंने दिल्ली के “छत्रसाल स्टेडियम” में स्थानांतरित किया और वहाँ से उनके कैरियर की शुरुआत हुई.

Yogeshwar Dutt Career Information in Hindi – Yogeshwar Dutt History in Hindi

⇓ योगेश्वर दत्त का जीवन परिचय ⇓

योगेश्वर दत्त के सफल कैरियर की शुरुआत सन् 2003 में लंदन में आयोजित “कॉमनवेल्थ कुश्ती चैंपियनशिप” से हुई, जहाँ उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व बनकर 55 केजी फ्रीस्टाइल वर्ग में स्वर्ण पदक जीता.

वर्ष 2004 के “एथेंस ओलंपिक” में भारतीय कुश्ती दल का हिस्सा बने और पुरुष के 55केजी फ्रीस्टाइल वर्ग में 18वे स्थान पर थे|

वर्ष 2006 में जब वे “एशियाई गेम्स” के लिए गए तभी उनके पिता जी का 3 अगस्त को देहान्त हो गया था| उस घटना के चोट से भी ग्रस्त होने के बावजूद उन्होंने 60केजी में फ्रीस्टाइल वर्ग में कांस्य पदक जीतने में कामयाब रहे.

वर्ष 2008 में एशियाई जेजू सिटी, दक्षिणी कोरिया में आयोजित चैंपियनशिप में एक स्वर्ण पदक जीत कर 2008 के “बीजिंग ओलंपिक” के लिए क्वालीफाई हुए| उनका वह दूसरा ओलंपिक था, किन्तु 60केजी फ्रीस्टाइल वर्ग में वे असफल रहे.

वर्ष 2010 में जब भारत की राजधानी दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजित हुए थे, उसी वक्त इनके घुटनों की सर्जरी भी हुई थी| लेकिन सभी बाधाओं को पार कर 60केजी फ्रीस्टाइल वर्ग में इन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया.

वर्ष 2012 मे कज़ाखस्तान के अस्ताना मे आयोजित “एशियाई योग्यता प्रतियोगिता‘ मे योगेश्वर ने रजत पदक जीतकर 2012 के “लंदन ओलंपिक” में अपनी जगह बनाई.

2 अगस्त 2012 मे “लंदन ओलंपिक” में पुरुष के फ्रीस्टाइल 60केजी वर्ग में कांस्य पदक जीतकर उस पल को योगदार बना दिया|

सन् 1952 में के.डी. जाधव एवं सन् 2008 और 2012 में सुशील कुमार के बाद योगेश्वर दत्त भारत के तीसरे ओलंपिक पदक जीतने वाले कुश्तीबाज बने.

सन् 2014 में योगेश्वर दत्त ने स्कॉटलैंड के ग्लासगो में आयोजित “कॉमनवेल्थ गेम्स” मे भारत के प्रतिनिधित्व बन कर बहुत ही अच्छा प्रदर्शन दिया| फिर से 60केजी फ्रीस्टाइल वर्ग में इन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया| उसी वर्ष “एशियाई गेम्स” में 65केजी फ्रीस्टाइल वर्ग में इन्होने स्वर्ण पदक भी जीता था.

वर्ष 2015 में योगेश्वर दत्त को हरियाणा हम्मेर के द्वारा प्रो कुश्ती लीग के पहले संस्कारण के तहत पहले की 6 टीमों में से एक टीम का “आइकॉन” श्रेणी में जोड़ लिया था जोकि भारत के 6 शहरों में 10 दिसम्बर से 27 दिसंबर तक आयोजित किया गया था.

वर्ष 2016 में योगेश्वर दत्त ने फरवरी के महीने में अस्ताना में आयोजित “एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर” को क्वालिफाइ किया और रियो में होने वाले ओलंपिक में अपनी जगह बना ली|

सन् 2016 मे आयोजित “रियो ओलंपिक” में योगेश्वर दत्त ने मंगोलिया के गंजोरिगी मंद कारण के खिलाफ खेल खेला परंतु वहाँ वो असफल हो गए और कुछ इसी तरह से योगेश्वर दत्त का कैरियर भारत का गौरव बढ़ा रहा है.

दोस्तो इन पुरस्कारों के अलावा भी योगेश्वर दत्त को और भी कई पुरस्कार मिले, आइये एक नजर उन पर देख लेते हैं क्या पता आपके परीक्षा पत्र में वही सवाल आ जाये?

Yogeshwar Dutt Award – योगेश्वर दत्त इनफार्मेशन – योगेश्वर दत्त का जीवन परिचय
  1. सन् 2012 ने भारत सरकार द्वारा “राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड” से इनको नवाजा गया|
  2. सन् 2012 के “लंदन ओलंपिक” में कांस्य पदक जीतने के बाद देश की सरकार द्वारा इनको बहुत तरह के पुरस्कार दिये गए|
  3. हरियाणा सरकार द्वारा 10 मिल्यन नगद इनाम|
  4. राजस्थान सरकार द्वारा 5 मिल्यन रूपये|
  5. एक PSU बैंक द्वारा 4*4 वाहन|
  6. हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम मे 250मिल्यन के लायक ज़मीन आवटित करने का निर्णय लिया गया|

इस तरह से योगेश्वर दत्त ने अपने कैरियर में बहुत सी उपलब्धियां हासिल की जिससे उन्होंने अपने परिवार के साथ-साथ हमारे भारत देश का भी नाम ऊंचा कर दिया.

इस लेख के माध्यम से आपको योगेश्वर दत्त का जीवन परिचय के बारे में जो भी जानकारी मिली है आप चाहे तो उस जानकारी को अपने दोस्तो के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर कर सकते हैं और कमेंट के माध्यम से अपने विचार हमारे साथ व्यक्त कर सकते है.

जीवन परिचय ⇓

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