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What is SMPS in Hindi

What is SMPS in Hindi – एसएमपीएस क्या है ? (फायदे और नुकसान)

What is SMPS in Hindi (एसएमपीएस क्या है?) यदि इस प्रश्न का उत्तर आपके पास नहीं है और आप इसका उत्तर जानना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े.

आज के युग में हर इंसान कंप्यूटर का इस्तेमाल करना बहुत ही अच्छे तरीके से जानता है फिर चाहे हम बात डेस्कटॉप की करे या फिर किसी लैपटॉप की|

कंप्यूटर को इस्तेमाल हम अपने कई काम को करने के लिए करते हैं, लेकिन क्या आपको कंप्यूटर के अंदर इस्तेमाल हुए हिस्सो के बारे में ज्ञात है?

शायद आप सभी में से सिर्फ 2-3 ही इंसान ऐसे होंगे जिनका जवाब मेरे द्वारा पूछे गए प्रश्न का हाँ हो, अधिकांश का उत्तर ना में ही होगा|

तो मैं आपको बता दूँ कि SMPS उसी से जुड़ा एक हिस्सा है, और आज के लेख में मैं आपको SMPS से जुड़ी हर तरह की जानकारी देने की पूरी कोशिश करने जा रहा हूँ|

चलिये सबसे पहले हम एसएमपीएस का मतलब (SMPS Meaning in Hindi) जान लेते हैं.

SMPS Full Form in Hindi – SMPS in Hindi

यदि हम एसएमपीएस की परिभाषा (फुल्ल फॉर्म) की बात करें तो, इसकी फुल्ल फॉर्म है – Switched-Mode Power Supply.

इसके साथ-साथ SMPS को और भी कई नाम से जाना जाता हैं, जैसे की:-

grammarly
  1. Switching-Mode Power Supply
  2. Switch-Mode Power Supply
  3. Switched Power Supply
  4. SMPS
  5. Switcher

What is SMPS in Hindi – एसएमपीएस क्या है ?

आज कल हमारे घरों में अधिकतर काम बिजली की वजह से ही हो पता है| जैसे कि – कपड़े धुलना, पानी गरम करना, खाना बनाना, साफ-सफाई इत्यादि|

इन काम को करने के लिए हम जिन सामग्री का इस्तेमाल करते हैं जैसे कि – Television, Washing Machine, Oven, Cooler, A.C. इत्यादि वो सभी के सभी बिजली की मदद से ही चलते हैं.

हमारे घर में जो इलेक्ट्रिसिटी आती है वो डायरेक्ट इन सभी वस्तु के साथ कनेक्ट कर के एचएम प्रयोग करते हैं, जिसकी अगर हम वोल्टेज की बात करे तो 220 – 240 वोल्टेज होती है|

लेकिन कंप्यूटर के केस में ऐसा बिलकुल भी नहीं है, यदि हम बाकी वस्तु के तरह कंप्यूटर को भी डायरेक्ट इलेक्ट्रिसिटी से जोड़ दें तो यकीनन ही हमारा कंप्यूटर फुक जाएगा| इसलिए तब हम SMPS (smps computer) का इस्तेमाल करते हैं.

यह एक इलेक्ट्रॉनिक पॉवर सप्‍लाई है जो कुछ तरह के स्विचिंग डिवाइस का उपयोग करता है ताकि सोर्स से लोड के लिए इलेक्‍ट्रीकल एनर्जी ट्रांसफर हो सके|

यदि आपको याद हो अपना बचपन तो पहले के समय में टीवी या फ्रिज को चलाने के लिए भी हम वोल्टेज पावर सप्लायर का इस्तेमाल करते थे, तो इसका मुख्य काम यह आमतोर पर सोर्स AC या DC जो हमारे घर में आता है उस लोड को DC में परिवर्तित करता है.

दूसरे सभी पावर सप्‍लाई की तरह, SMPS सोर्स यानि मेन पावर के DC या AC को सीधे DC लोड में ट्रांसफर करता हैं, और यह हमारे कंप्यूटर में भी मौजूद होता है.

SMPS में एक इनपुट वेरिएशंस होता है और उसके बावजूद भी, यह लोड को अच्छी तरह से रेगुलेटेड पावर प्रोवाइड करते है.

अब तक आपको समझ में आ ही गया होगा कि एसएमपीएस क्या है और इसका इस्तेमाल क्यों और कहा-कहा किया जाता है|

जैसा की मैंने आपको ऊपर भी बताया कि SMPS का सबसे आम एप्‍लीकेशन, कंप्यूटर के लिए पावर सप्‍लाई यूनिट के रूप में कार्य करता हैं|

कंप्‍यूटर में SMPS (Computer SMPS) की वजह से हाई एफिशिएंसी, कम लागत और हाई पावर डेनसिटी के कारण ही पावर सप्‍लाई का एक स्‍टैंडर्ड टाइप बन पाया हैं|

Types of Power Supply in Hindi – एसएमपीएस कितने प्रकार के होते हैं ?

दोस्तों खास तौर पर सिर्फ दो प्रकार के ही पावर सप्लाई होते हैं:-

  1. Linear Regulated Power Supply
  2. Switching Mode Power Supply (SMPS)
  • Linear Regulated Power Supply

Linear Regulated Power Supply : मैं आपको बता दूँ कि इस तरह के पावर सप्लाइ में कंट्रोल नामक एलिमेंट की मदद से सीरीज पास होता है और फिर आउटपुट वोल्टेज देता है.

यदि हम उदाहरण का नाम लें तो इसका बेसिक उदाहरण resistor है, लेकिन मैं आपको बता दूँ कि एक्टिव या लिनियर मोड में अक्सर उपयोग किए जाने वाले सिरिज के पास एलिमेंट BJT या MOSFET ही होता हैं.

  • Switching Mode Power Supply – SMPS in Hindi

SMPS Definition in Hindi : यदि आप इसे आसान शब्दों में समझना चाहते हैं तो हम SMPS को एक तरह का रेगुलेटेड पावर सप्‍लाई के रूप में समझ सकते है, जो कि पावर सप्‍लाई को फ्रीक्वेंसी स्विचिंग रेगुलेटर की मदद से DC यानि कि डाइरैक्ट करेंट में बदलता हैं.

अब आप सोच रहे होंगे कि ये स्विचिंग रेगुलेटर क्या होता है तो चलिये मैं आपको बताता हूँ कि ये भी Linear Regulator की ही तरह का एक ट्रांजिस्टर है|

अब सवाल आपके जेहन में ये आएगा कि जब यह भी लिनियर रेगुलेटर की ही तरह है तो यह SMPS उससे भिन्न कैसे है, तो दोस्तों इसमें अंतर यहाँ सिर्फ इतना ही है कि SMPS के पास ट्रांजिस्टर हमेशा ON स्‍टेट में नहीं रहता|

ट्रांजिस्टर पूरी तरह से फ्रीक्वेंसी पर ही निर्भर रहता है और उसके अनुसार ON और OFF स्‍टेट के बीच स्विच करता है, और दोस्तों सिर्फ यही वजह है कि इसका नाम Switching Mode Power Supply हैं.

चलिये दोस्तों अब हम SMPS के Structure को हिंदी भाषा में समझने की कोशिश करते हैं:-

SMPS Structure in Hindi – एसएमपीएस क्या है ?

जो यह इमेज है इसमें आपको SMPS युनिट का सिर्फ एक बेसिक स्ट्रक्चर दिखाया गया है जिससे आपको समझने में काफी आसानी होगी.

SMPS Structure in Hindi

इसमे मुख्यत: अनरेगुलेटेड DC सप्‍लाई, Switched Mode DC से DC Chopper Circuit को दिया जाता हैं और आउटपूट रेगुलेटेड DC सप्‍लाई होता हैं| चलिये अब हम इसे डीटेल में समझते हैं.

Inside Computer SMPS : SMPS में चार कंपोनेंट महत्वपूर्ण है|

  1. Input rectifier
  2. Inverter
  3. Voltage converter
  4. Output regulator

1). Input rectifier – Inside SMPS in Hindi

नाम से ही समझ में आ रहा है की कुछ रेक्टिफाई होने का कार्य है, इस SMPS में, पावर सप्लाइ को DC में कन्वर्ट करने से पहले AC इनपूट में rectified किया जाता हैं.

दोस्तों मैं यदि आसान भाषा में इसको समझाऊँ तो कंट्रोल टेक्निक का इस्‍तेमाल करते हुए कवरेज इनपुट करंट को साइन वेव फालो करने के लिए फोर्स किया जाता हैं, ताकि वोल्टेज स्मूथ तरीके से आगे पहुचे.

2). Power Inverter Information in Hindi – SMPS क्या हैं ?

आज कल लगभग सभी घरों में आपको इनवर्टर देखने को बहुत ही आसानी से मिल जाता है, शायद आपके घर में भी हो लेकिन क्या आपको उसके अंदर हो रहे कार्य के बारे में ज्ञात है?

यदि है तो बहुत ही अच्छी बात है लेकिन अगर नहीं है तो दोस्तों दुखी होने की जरूरत नहीं है क्यूंकी मैं आपको बहुत ही सरल और आसान शब्दों में बताने जा रहा हूँ.

इनवर्टर के अंदर Power oscillator नाम की एक वस्तु लगी होती है जिसमें एक छोटा आउटपुट ट्रांसफार्मर होता हैं, जिसका मुख्य तौर पर 20-100 kHz फ्रीक्वेंसी कि कुछ वाइंडिंग को संभालने का कार्य होता हैं|

उसी Power oscillator का उपयोग करके हमारे घर में जो बाहर से DC आता है उसको AC में बदलने का कार्य इसी के माध्यम से होता है.

3). Voltage Converter Information in Hindi – SMPS Information in Hindi

इस स्‍टेज में, पहले के स्टेज के मुकाबले कुछ ज्यादा कडा काम होता है क्यूंकी एक हाई फ्रीक्वेंसी ट्रांसफार्मर और इनवर्टेड AC उसके प्राइमरी वाइंडिंग को ड्राइव अर्थात एक साथ चलाते हैं.

यह आउटपुट को बैलेंस करने में मदद कर उसपर अप और डाउन वोल्‍टेज क्रिएट करते हैं, जब सप्लाइ को DC कि जरूरत होती हैं, तब आउटपूट AC को DC में rectifier circuit के Silicon diodes या Schottky diodes का उपयोग कर कन्वर्ट करता है.

4). Output Regulator – Types Of Voltage Regulator in Hindi

इस आउटपुट शब्द से आपको यह समझ में आ गया होगा कि फाइनल रिजल्ट की यहाँ पर बात होगी, और दोस्तों आपका सोचना बिलकुल ठीक है|

इस स्‍टेज में हमेशा एक फीडबैक सिस्‍टम (जो सही, गलत और अच्छा कैसे हो सकता है कहाँ कमी आ रही है के बारे में बताता है) उसका उपयोग करके आउटपुट वोल्टेज को मॉनिटर करता है|

कुछ SMPS में, ओपन लूप रेगुलेशन का प्रयोग फीडबैक सर्किट के बिना किया जाता है और ट्रांसफार्मर इनपुट के लिए लगातार वोल्टेज को फिड किया जाता है, इससे काम थोड़ा तीव्र गति से हो पाता है|

क्यूंकी फीडबैक सर्किट को पावर खूद से बनाने से पहले रन होने के लिए पावर की जरूरत होती है, और यही वजह है कि इसमे नॉन-स्विचिंग पावर-सप्लाई जोड़ा जाता है.

अब जब आपने एसएमपीएस क्या है का पूरा कार्य करने का तरीका समझ लिया है तो अब चलिये हम SMPS का मुख्य तौर पर क्या उद्देश्य है, ये जानते हैं?

SMPS का मुख्य तौर पर क्या उद्देश्य है?

इतना तो आपने ऊपर जान लिया कि किसी भी डिवाइस में इलेक्ट्रिकल सप्‍लाई या तो बहुत ज्यादा या फिर बहुत कम होता हैं लेकिन यह कभी भी स्थिर नहीं रहता, जिस वजह से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में खराबी आने के चान्स बढ़ जाते हैं|

और दोस्तों इसी वजह से इलेक्‍ट्रॉनिक डिवाइस की सुरक्षा के लिए या आप बोल सकते हैं उसके लंबे समय तक के इस्तेमाल के लिए SMPS का इस्तेमाल किया जाता हैं.

Advantages and Disadvantages of SMPS in Hindi – स्विच मोड पॉवर सप्लाई की जानकारी

इस बात से तो आप भी सहमति रखते होंगे कि हर एक टेक्नोलॉजी के अपने कुछ न कुछ advantages और disadvantages होते हैं| ठीक उसी प्रकार से SMPS के भी हैं, तो चलिये अब हम SMPS के भी फायदे एवं नुकसान पर एक बार नजर डाल लेते हैं.

Advantages of SMPS in Hindi

1. High efficiency : यदि यहाँ स्विच मिल जाता है तो समान को इस्तेमाल करने में आसानी हो जाती है, ठीक उसी प्रकार से यहा आपको स्विचिंग एक्शन मिलता है जिसको आप On या Off भी कर सकते है.

2. Compact : कभी भी पावर का सप्लाइ अचानक से बढ़ या घट जाता है और वैसे सिचुएशन में अप्लायंस खराब ना हो इसलिए परिणामस्वरूप स्विच मोड पावर सप्‍लाई को अधिक कॉम्पैक्ट बनाया जाता है.

3. Flexible technology : इस टेक्नोलॉजी के मदद से जब कभी वोल्टेज स्‍टेप-अप या स्‍टेप-डाउन करने की जरूरत पड़ती है तो उसमें इस टेक्नोलॉजी के मदद से हाई वोल्टेज कन्वर्जन प्रोवाइड किया जाता हैं.

Disadvantages of SMPS in Hindi

नोट : दोस्तों स्विच मोड पावर सप्लाई में स्विचिंग एक्शन की वजह से होने वाली क्षणिक स्पाइक एक बहुत बड़ी समस्या है|

इसके अतिरिक्त स्पाइक या ट्रांसमीटर्स, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक या RF इंटरफेरेंस का कारण बन सकते हैं जिसका असर अन्‍य नजदीकी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर हो सकता हैं, खासकर अगर वे रेडियो सिग्नल रिसीव करते हैं.

तो दोस्तों यह था एक लेख SMPS in Hindi टॉपिक पर, आशा है आपको इस लेख के माध्यम से SMPS के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हुई होगी, यदि कोई पॉइंट मुझसे छूट गया हो तो आप कमेंट कर मुझसे उसके बारे में पूछ सकते हैं.

यदि आपको यह लेख अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तो के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर करना ना भूले, ताकि उनका भी कम्प्युटर के बारे में थोड़ा और ज्ञान बढ़ सके.

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2 Comments

  1. बहुत ही बढ़िया तरीके से समझाया है सर आपने
    स्टेप बाय स्टेप
    पढ़ के अच्छा लगा.

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