सिकंदर महान की कहानी, जीवन परिचय (भारत पर आक्रमण) व उनकी मृत्यु कब और कैसे हुई ?
सिकंदर महान की कहानी : सिकंदर महान का जन्म 20 और 21 जुलाई 356 ई पू को मैसिडोनिया में हुआ था| (यह यूनान में है) सिकंदर मेसेडोनिया का ग्रीक शाषक था| इतिहास मै सिकंदर को महान और सबसे अधिक यशस्वी शासक माना गया है.
सिकंदर ने मैसिडोनिया, फिनिशिया, जुदेआ, गाझा, बॅक्ट्रिया, सीरिया , मिस्र तथा भारत में पंजाब तक के प्रदेशों पर अपना कब्जा जमा लिया था| यह हिस्सा पूरी पृथ्वी का सिर्फ 5 चौथाई हिस्सा ही था.
सिकंदर महान की कहानी
सिकंदर महान के पिता और माता का क्या नाम था ?
सिकंदर के पिता फिलिप द्वितीय (अंग्रेजी : Philip II of Macedon) और सिकंदर की माता का नाम ओलंपियाज था|
सिकन्दर जब 16 वर्ष का था तब वह अरस्तु से शिक्षा प्राप्त करके सिकंदर अपने राज्य में वापस आ गया था और जब वह अपने राज्य वापस आया था तभी फिलिप ने बेजान्टियम के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया था और सिकंदर को अपने राज्य का प्रभारी बनाकर राज्य की देख रेख के लिए छोड़ दिया.
जब फिलिप वहा उपस्थित नही था तब थ्रेसियन मैदी ने मैसिडोनिया के खिलाफ विद्रोह कर दिया था| सिकंदर बहुत बहादुरी से उन्हें वहा खदेड़ कर भगा दिया और बाद में उसी इलाके में सिकंदर ने यूनानी लोगो के साथ एक उपनिवेश स्थापित करके अलेक्जेंड्रोपोलिस नामक शहर की स्थापना की थी.
फिलिप वापस लोटा तो उसे अपने सेनापती अटलुस की भतीजी क्लियोपेट्रा ईरीडिइस से प्यार हो गया था| फिलिप ने उससे विवाह कर लिया| इस विवाह से सिकंदर की उत्तराधिकारी की दावेदारी संकट में आ चुकी थी क्यूंकि फिलिप का होने वाला पुत्र पुरे तरीके से उत्तराधिकारी होता.
सिकन्दर अपनी माँ को लेकर मेसेडोनिया से भाग गया और अपनी माँ को अपने मामा के यहा छोड़ आया और खुद इलियारिया चला गया| वहा जाकर उसने इलियारिया के राजा से संरक्षण की मांग की जबकि कुछ साल पहले वह सिकन्दर से हारा था फिर भी उसने सिकंदर का अथिथि के रूप में स्वागत किया.
जब सिकन्दर 11 साल का था तो उसके पिता फिलिप की हत्या कर दी गयी थी| ऐसा कहा जाता है की सिकंदर की माँ ने अपने पती को जहर देकर मार दिया था|
अपने पिता की मृत्यु हो जाने के बाद सिकन्दर ने अपने सोतेले भाई और अपने चचेरे भाइयों को मार कर मकदूनिया की राज गद्दी हासिल की थी
पोरस और सिकन्दर का युद्ध – Alexander and Porus Story in Hindi
पंजाब में झेलम से चेनाब नदी तक राजा पुरूवास (पोरस) का राज्य था| राजा पुरूवास को ही ‘पोरस’ कहा जाता है|
राजा पोरस पुर्व के वंशज थे| अपने आस पास के सभी राज्य में राजा पोरस को सबसे शक्तिशाली माना जाता है| उस समय सिकंदर ने विश्व विजय की ठानी हुई थी और वह अपने इस लक्ष्य को लेकर पोरस के राज्य तक आ चूका था.
तक्षशिला के राजा ने सिकंदर के आगे घुटने टेक दिए थे लेकिन पोरस हार मानने को तैयार नही था| वह अपनी सेना के साथ सिकन्दर से युद्ध करता रहा और फिर पोरस को काफी संघर्ष के बाद सिकंदर से हार माननी पड़ी|
सिकन्दर की सेना में 50 हजार सैनिक थे और पोरस की सेना में 20 हजार सैनिक थे| पोरस की सेना में हाथी भी थे| युद्ध के समय पोरस ने सिकंदर की सेना के सामने अपने हाथी भी खड़े कर दिए थे जिससे सिकंदर भी दंग रह गया था|
जब इस युद्ध के बाद पोरस को सिकंदर के सामने प्रकट किया गया तब सिकन्दर से पोरस से पूछा आपके साथ केसा व्यवहार किया जाये ? तब पोरस ने बहुत ही आत्मविश्वास के साथ यह जवाब दिया|
“मेरे साथ ऐसा व्यवहार हो जैसा एक शासक दुसरे शासक के साथ करता है|”
सिकन्दर को पोरस का आत्मविश्वास भरा जवाब बहुत पसंद आया इस तरह सिकंदर और पोरस के बीच दोस्ती का सम्बन्ध स्थापित हो गया था|
सिकंदर उत्तराधिकारी के रूप में – सिकंदर महान की कहानी
जब फिलिप की मृत्यु हुई तो राज्य में विद्रोह होने लगे, लोग लड़ने लगे| सिकंदर ने इस समस्या को बड़ी साझेदारी से लिया| सिकंदर ने कूटनीति का उपयोग करके अपनी सेना में 3000 घुड़सवार सैनिकों का गठन कर दिया था तभी उसे खबर मिलती है की थिसलियन की सेना ओलम्पस पर्वत और ओसा पर्वत के बीच कब्जा किये हुए है.
सिकंदर ने अपनी सेना को ओसा पर्वत पर चढ़ने का आदेश दिया और सिकंदर की सेना ने थिसलियन की सेना को पीछे की और से घेर लिया और थिसलियन की सेना ने घुटने टेक आत्मसमर्पण कर दिया| फिर सिंकदर ने उस सेना को भी अपनी सेना में मिला लिया और वह दक्षिण की और कुच करने लगा|
जब सिकंदर दक्षिण की और बढ़ रहा था तब एथेंस ने शांति की गुहार लगाई और सिकंदर इस बात को मान गया और विद्रोहियों को माफ़ कर दिया.
सिकंदर का भारत पर आक्रमण कब हुआ और क्या प्रभाव पड़ा – Sikandar Mahan History in Hindi
सिकंदर ने 326 ईसा पूर्व भारत पर आक्रमण किया था| कुछ इतिहासकार का कहना है की सिकंदर का भारत पर कभी आक्रमण हुआ ही नहीं था| पहले भारत और पाक एक ही थे जिस जगह सिकंदर का आक्रमण हुआ था वह जगह पाक में है|
कहा जाता है की सिकंदर सिंध नदी को पार नहीं कर पाया था| सिकंदर ने काबुल पर आक्रमण किया और उस जगह को सिकंदरिया नामक नाम दिया इसके बाद सिकंदर पश्चिम गांधार तक जा पंहुचा यहां पर पुष्कलावती के शासक ने सिकंदर का घोर प्रतिकार किया.
सिकंदर का सबसे अधिक प्रतिकार अशोक के राज्य में हुआ| अशोक की राजधानी मसग थी। इसके बाद स्त्रियों ने इमके प्रतिकार किया|
स्त्रियों को रास्ते से हटाने के लिए सभी का कत्लेआम कर दिया गया| इसके बाद सिंधु नदी के पश्चिमी भाग पर अधिपत्य कायम किया| फिलिप के नेतृत्व में एक सैनिक टुकड़ी रख दिया|
जब सिकंदर ने भारत की और आक्रमण किया तब यूनानियों ने यहां आकर ज्योतिष विद्या का ज्ञान प्राप्त किया|
सिकंदर महान की मृत्यु कब और कैसे हुई – Alexander Death History in Hindi
जब सिंकदर की सेना थक गयी थी और वह वापस अपने राज्य जा रहा था तब रास्ते में सिकंदर की एक रोग के कारण मृत्यु हो गयी थी|
इतिहासकारों का कहना है की भुखार की वजह से सिकंदर की मृत्यु हुई थी| जब सिकन्दर की मृत्यु हुई तो वह तैंतीस साल का था| उसकी अर्थी के सामने लोग सैकड़ों की गिनती में थे| लोग उसकी अर्थी देखने के लिए कब से खड़े हुए थे.
बचपन से ही विश्व विजेता बनने का सपना देखने वाला सिकंदर जब मरा तो उसकी दोनों बाहें फेली हुई थी| लोग इसी आश्चर्यजनक बात को देखने के लिए उसकी अर्थी को देखने आये थे की उसके हाथ खुले क्यों है क्या किसी ने भी ध्यान नही दिया लेकिन यह सिकंदर की इच्छा थी की मरने के बाद उसके हाथ खुल जाये जिससे सभी को पता चले की चाहे कोई कितना भी धन क्यों न करले लेकिन जाते सब खाली हाथ ही है.
सिकंदर की कहानी मै बस इतना ही| उम्मीद है की आपको सिंकदर महान की कहानी पढ़ कर अच्छा लगा होगा|
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इतिहास के प्रसिद्ध व्यक्ति ⇓
महाभारत ⇓
Dear sir ji,
Bahut hi badhiya jankari aap de re hai sir ji aap ne is post may aap k site par visit kar k bahut hi aachi aur useful jankari mili hai thanks for this and kep it up sir ji Thank You Sir ji
Nice story but is me ye smz nhi aa rha ki sikander ki born date kya h or usne bharat pr kb aakrman kiya
ईसा पूर्व 326 में सिकंदर सिंधु नदी को पार करके तक्षशिला की ओर बढ़ा व भारत पर आक्रमण किया
one comes empty hands in the world and go too empty hands from the worlds