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भारतीय गणतंत्र दिवस पर निबंध और इतिहास

भारतीय गणतंत्र दिवस 26 जनवरी का इतिहास क्या है?

प्रिय भारतीयों और भारत के बाहर रहने वाले सभी लोगों का HimanshuGrewal.com पर बहुत बहुत अभिनन्दन है। आज के इस लेख में, मैं आपके साथ भारतीय गणतंत्र दिवस के इतिहास के ऊपर कुछ विशेष जानकारी साझा करूँगा।

यदि आप किसी स्कूल या कॉलेज के छात्र है तो इस लेख को आप याद करके आने वाले गणतंत्र दिवस के दिन अपने स्कूल में या विश्वविद्यालय में भारतीय गणतंत्र दिवस पर भाषण के रूप में बोल सकते हैं। तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं आज के इस लेख को – जहाँ आपको भारत का राष्ट्रीय त्योहार गणतंत्र दिवस के बारे में जानने को मिलेगा।

सबसे पहले हम जानेंगे कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है। शुरुआत करने से पहले मैं इस प्यारे भारतीय त्यौहार के ऊपर 2 सुंदर शब्द बोलना चाहता हूँ जो इस प्रकार से है:-

“शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मिटने वालो का यही बाक़ी निशाँ होगा”

REPUBLIC DAY WISHES QUOTES SMS

भारतीय गणतंत्र दिवस क्या है?

मेरे प्यारे देशवासियों, यह बात तो आप सभी जानते ही होंगे की विश्व के हर देश में अनेक पर्व मनाए जाते हैं, जिनमें कुछ राष्ट्रीय त्योहार होते हैं और कुछ सांस्कृतिक त्योहार… मैं आपको बता दूं कि गणतंत्र दिवस भारत के प्रमुख राष्ट्रीय त्योहारों में से ही एक त्योहार है, और इस त्यौहार को प्रत्येक जाती, धर्म तथा सम्प्रदाय के लोग एक साथ मिल के मनाते हैं।

चलिए, अब हम अपने देश के बच्चों को गणतंत्र दिवस से जुड़े इतिहास से अवगत कराते है की आखिर गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है ?

26 January 2021 Republic Day Essay in Hindi

26 January gif Republic day gif

हमारी मातृभूमि भारत काफी लंबे समय तक ब्रिटिश शासन की गुलाम रही, जिस दौरान भारतीय लोग ब्रिटिश शासन द्वारा बनाये गये कानूनों को मानने के लिये मजबूर थे।

grammarly

भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा लंबे संघर्ष के बाद अंत: 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली और हमारा देश भारत स्वतंत्र हो गया।

जिस तरह 15 अगस्त का दिन हम भारतवासियों के लिए बहुत खास है, ठीक उसी प्रकार 26 जनवरी का दिन भी हमारे लिए बहुत ही ज्यादा खास होता है, और इसकी वजह आपको नीचे पढ़ने को मिलेगी।

26 जनवरी 2021 गणतंत्र दिवस का महत्व और निबंध

भारतीय गणतंत्र दिवस पर निबंध: 15 अगस्त, 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ, परन्तु 26 जनवरी, 1950 को यह देश गणतंत्र बना, ओर यही वजह है की उस दिन से हम हर साल 26 जनवरी का दिन गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।

अंग्रेजों से मुक्त होने के लगभग 2 साल 11 महीने और 18 दिनों के बाद 26 जनवरी 1950 को भारत ने अपना संविधान लागू किया और खुद को लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में घोषित किया। 26 जनवरी को स्वतंत्र भारत का संविधान लागू हुआ और सिर्फ इतना ही नहीं उस दिन हमारे देश के डॉ राजेन्द्र प्रसाद प्रथम राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किए गए।

चलिए अब हम जानते है कि भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास क्या है?

⇓26 जनवरी के लिए भाषण आपके लिए नीचे अपडेट किए है⇓
Republic Day 26 January 2021 Speech in Hindi
Republic Day 2021 Speech in Hindi

Republic Day History in Hindi

Gantantra Diwas Republic Day History in Hindi

2021 भारत के गणतंत्र दिवस पर निबंध 100 शब्द में

26 जनवरी, 1930 को जब भारत अंग्रेज़ों का गुलाम था तब रावी नदी के तट पर पंडित जवाहरलाल नेहरू (भारत के प्रथम प्रधानमंत्री) जी की अध्यक्षता में कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज प्राप्ति का प्रस्ताव अंग्रेज़ों को पास किया, जिससे अंग्रेज सरकार बौखला उठी थी। फिर ब्रिटिश सरकार ने भारत के देश-भक्तों पर अत्याचार करना शुरू कर दिए, पर अंत में उन्हें झुकना पड़ा और स्वतंत्र प्राप्ति के बाद 26 जनवरी, 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ। हम अब जानते है कि भारत में गणतंत्र दिवस किस तरह से मनाया जाता है-



Which of the following marks the end of the republic day celebration

Indian Beating Retreat ceremony

Republic Day School Pic

भारत में गणतंत्र दिवस कब मनाया जाता है?

जैसा की मैंने आपको ऊपर बताया की 26 जनवरी गणतंत्र दिवस भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय त्योहार है तो जायज़ सी बात होगी की यह पर्व सम्पूर्ण देश में उल्लास के साथ मनाया जाता है। पूरा भारत 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस को अपने-अपने तौर तरीके से अपनी खुशी प्रकट करके मनाते है, जैसे कि…

इस पर्व को मनाने के लिये भारत के विद्यालय और विश्वविद्यालय के विद्यार्थी हर वर्ष बेहद उत्साहित रहते है, और इस खास दिन की तैयारी लगभग एक महीने पहले से ही शुरू कर दी जाती है। इस दिन Students Academy (academics) में, खेल या शिक्षा के दूसरे क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिये पुरस्कार, इनाम, तथा प्रमाण पत्र आदि से सम्मान किया जाता है।

पारिवारिक लोग इस दिन अपने मित्रों, परिवार के सदस्यों, और बच्चों के साथ सामाजिक स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर इस दिन को और खास तरीके से मनाते है। वहीं सरकारी जगह पर इस दिन खास प्रोग्राम का आयोजन कराया जाता है, जहाँ अपने-अपने इंटरेस्ट के अनुसार सब भाग लेकर प्रतियोगिता का आनंद लेते हैं।

इस राष्ट्रीय त्योहार का विशेष आयोजन भारत के राजधानी दिल्ली में राजपथ पर किया जाता है। जहाँ इस दिन लाखों की संख्या में लोग सम्मिलित होते हैं और आयोजन का आनंद लेते हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा झंडारोहण और राष्ट्रगान के साथ होता है।

👉 भारत के राष्ट्रीय गान जन गण मन के रचयिता कौन थे? 👈

क्या भारत को लोकतंत्र की ज़रूरत है और लोकतंत्र की विशेषताएं क्या है?

  • Why is democracy important in India?

भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों में से एक है। विभिन्न राजाओं और सम्राटों द्वारा शासित होने के बाद यूरोपीय लोगों द्वारा सदियों से उपनिवेश बनाए गए और भारत पर लागू किए गए। वर्ष 1947 में अपनी स्वतंत्रता के बाद एक लोकतांत्रिक राष्ट्र बन गया था। इसके बाद, भारत के नागरिकों को अपने नेताओं को वोट देने और चुनाव करने का अधिकार दिया गया।

दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश और क्षेत्रफल के हिसाब से सातवां सबसे बड़ा देश, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।

1947 में देश को आजादी मिलने के बाद भारतीय लोकतांत्रिक सरकार का गठन किया गया था, केंद्र और राज्य सरकारों के चुनाव के लिए संसदीय और राज्य विधानसभा चुनाव हर 5 साल में होते हैं।

भारत में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की सूची: History Of 26 January in Hindi

राष्ट्रीय दल स्थापना वर्ष संस्थापक पार्टी मुख्यालय
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 28 दिसम्बर 1885
  • ए ओ ह्यूम
  • दादा भाई, नौरोजी
  • दिनशा वाचा
24, अकबर रोड, नई दिल्ली- 110001
भारतीय जनता पार्टी 6 अप्रैल 1980
  • अटल बिहारी वाजपेयी
  • लाल कृष्ण आडवाणी
6A, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग, नई दिल्ली – 110002
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी 25 मई 1999
  • शरद पवार
  • पी॰ ए॰ संगमा
  • तारिक अनवर
10, बिशम्बर दास मार्ग, नई दिल्ली, 110001
सर्वभारतीय तृणमूल कांग्रेस 1 जनवरी 1998
  • ममता बनर्जी
36G Tapsia Road, कोलकाता, वेस्ट बंगाल, भारत-700039
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) 7 नवम्बर 1964
  • ई.एम.एस. नम्बूदरीपाद
  • ज्योति बसु
  • हरकिशन सिंह सुरजीत
२७-२९, ए.के.गोपालन भवन, भाई वीर सिंह मार्ग, नई दिल्ली- ११०००१
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी 26 दिसम्बर 1925
  • मानवेन्द्र नाथ राय
अजॉय भवन, १५, इंद्रजीत गुप्ता मार्ग, नई दिल्ली- ११०००२
बहुजन समाज पार्टी 14 अप्रैल 1984
  • कांशीराम
11, गुरुद्वारा रकाबगंज रोड, नई दिल्ली – 110001
नेशनल पीपुल्स पार्टी 6 जनवरी 2013
  • कॉनराड संगमा
प्लॉट नं.९०-ए, लाचाउमिरी जिला, पूर्वी खासी हिल्स, शिलांग

इनके अलावा, कई क्षेत्रीय दल राज्य विधानसभाओं के चुनाव के लिए आगे आते हैं। संसद और राज्य विधानसभाओं के चुनाव हर 5 साल में होते हैं। (विकिपीडिया पर आप इसके बारे में विस्तार से पढ़ सकते है।)

Trending Topic: Speech on 26 January in Hindi For Student

भारतीय गणतंत्र दिवस के लोकतांत्रिक सिद्धांत 2021: India Republic Day in Hindi

यहां भारत के लोकतांत्रिक सिद्धांत दिए गए हैं

  • संप्रभुता का मतलब स्वतंत्र है। किसी विदेशी शक्ति के हस्तक्षेप या नियंत्रण से मुक्त। देश की सरकार सीधे देश के नागरिकों द्वारा चुनी जाती है। भारतीय नागरिकों के पास संसद, स्थानीय निकायों के साथ-साथ राज्य विधानमंडल के लिए आयोजित चुनावों द्वारा अपने नेताओं को चुनने की संप्रभुता शक्ति है।
  • समाजवादी का अर्थ है देश के सभी नागरिकों के लिए सामाजिक और आर्थिक समानता।
  • लोकतांत्रिक समाजवाद का अर्थ है विकासवादी, लोकतांत्रिक और अहिंसक साधनों के माध्यम से समाजवादी लक्ष्यों को प्राप्त करना। सरकार धन की एकाग्रता को कम करके आर्थिक असमानता को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
  • धर्म निरपेक्ष का अर्थ है किसी के धर्म को चुनने का अधिकार और स्वतंत्रता। भारत में, किसी को भी किसी भी धर्म का अभ्यास करने या उन सभी को अस्वीकार करने का अधिकार है। भारत सरकार सभी धर्मों का सम्मान करती है और उनका कोई आधिकारिक राज्य धर्म नहीं है। यह किसी भी धर्म का अपमान या प्रचार नहीं करता है।
  • डेमोक्रेटिक का मतलब है कि देश की सरकार को लोकतांत्रिक तरीके से अपने नागरिकों द्वारा चुना जाता है। सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के माध्यम से देश के लोगों को सभी स्तरों (संघ, राज्य और स्थानीय) पर अपनी सरकार का चुनाव करने का अधिकार है, जिसे known एक आदमी एक “वोट” के रूप में भी जाना जाता है। वोट का अधिकार बिना किसी भेदभाव के रंग, जाति, पंथ, धर्म, लिंग या शिक्षा के आधार पर दिया जाता है। सिर्फ राजनीतिक ही नहीं, भारत के लोग भी सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र का आनंद लेते हैं।
  • गणतंत्र: यहाँ राज्य का मुखिया एक आनुवंशिकता राजा या रानी नहीं है, बल्कि एक निर्वाचित व्यक्ति है। राज्य के औपचारिक प्रमुख, यानी भारत के राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा पांच साल की अवधि के लिए किया जाता है, जबकि कार्यकारी शक्तियां प्रधानमंत्री में निहित होती हैं।

भारतीय लोकतंत्र की चुनौतियां: Importance of Republic Day 2021 in Hindi

Happy Republic Day

जबकि संविधान एक लोकतांत्रिक राज्य का वादा करता है और भारत के लोग उन सभी अधिकारों के हकदार है जो एक लोकतांत्रिक राज्य में आनंद लेने चाहिए, ऐसे कई कारण है जो इसके लोकतंत्र को प्रभावित करते है और इसके लिए एक चुनौती पेश करते हैं। इन कारणों पर एक नजर है:-

  • निरक्षरता

लोगों के बीच निरक्षरता सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है जिसे भारतीय लोकतंत्र ने शुरू से ही सामना किया है। शिक्षा लोगों को बुद्धिमानी से मतदान करने के अपने अधिकार का उपयोग करने में सक्षम बनाती है।

  • दरिद्रता

गरीब और पिछड़े वर्ग के लोगों को आमतौर पर राजनीतिक दलों द्वारा हेरफेर किया जाता है। उन्हें अक्सर अपना वोट हासिल करने के लिए रिश्वत दी जाती है। इनके अलावा, जातिवाद, लैंगिक भेदभाव, सांप्रदायिकता, धार्मिक कट्टरवाद, राजनीतिक हिंसा और भ्रष्टाचार अन्य कारक है जो भारत में लोकतंत्र के लिए एक चुनौती हैं।

  • निष्कर्ष

भारत में लोकतंत्र को दुनिया भर से सराहना मिली है। देश के प्रत्येक नागरिक को वोट देने का अधिकार उनकी जाति, रंग, पंथ, धर्म, लिंग या शिक्षा के आधार पर बिना किसी भेदभाव के दिया गया है। हालांकि, देश में विशाल सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई विविधता इसके लोकतंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती है। इससे उत्पन्न मतभेद, गंभीर चिंता का कारण हैं। भारत में लोकतंत्र के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए इन विभाजनकारी प्रवृत्तियों पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है।

26 जनवरी गणतंत्र दिवस परेड

Republic Day Parade Images Free Download

Republic Day 2021 Parade Information in Hindi

राजपथ पर भारतीय गणतंत्र दिवस की मुख्य परेड निकाली जाती है, जिसमें वर्तमान राष्ट्रपति जी की राजकीय सवारी निकलती है।

दिल्ली के विजय चौक में तीनों सेनाओं द्वारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है, एवं परेड भी की जाती है।

  1. जल सेना
  2. थल सेना
  3. वायु सेना
  • उसके अलावा इसमें थल सेना अपने टैंक का प्रदर्शन करती है, जिसका इस्तेमाल दूसरे देश से लड़ाई के वक़्त किया जाता है।
  • वही वायु सेना विमानों की मदद से अपना प्रदर्शन करती है, यदि आपने नहीं देखा तो आप इस गणतंत्र दिवस अपने घर बैठ के टीवी में ही देखिये। यकीनन ही आपको भी वह देखने में बहुत ही आकर्षक लगेगा।
  • भारत के लगभग सभी राज्यों से आये लोक-नर्तक अपने-अपने झांकियों पर अपना नृत्यों का प्रदर्शन करते हैं।

परेड में भारत के हर राज्य की एक झाँकी निकाली जाती है, तथा सेना और पुलिस के दल अपने-अपने बैंड के साथ मार्च करते हैं। इस परेड को देखने के लिए अपार जनसमूह उमड़ पड़ता है, लोग काफी समय पहले से ही सीट की टिकट ले लेते हैं। एक बार मैंने न्यूज में देखा था कि – लोग पिछली रात में उतने ठंड के समय में भी 1-2 बजे से ही आकर अपनी सीट पर बैठ जाते हैं। इससे यह देखने को मिलता है की वह 26 जनवरी के फंकशन को देखने के लिए बेहद ही जागरूक होते हैं।

26 जनवरी की परेड को दूरदर्शन और अन्य टीवी चैनल (खास कर न्यूज चैनल) पर लाइव भी दिखाया जाता है, इसलिए जो लोग परेड देखने राजपथ नहीं जा पाते हैं वह सुबह 8 बजे के पहले से ही टी.वी. पर कार्यक्रम देखने के लिये तैयार हो जाते है। संध्या के समय सरकारी भवनों पर प्रमुख आयोजन किए जाते हैं, सभी मंत्री एक साथ मिलते है और आयोजन का आन्नद लेते हैं।

गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारी लगभग एक या दो महीने पहले से ही शुरू हो जाती है और इस दौरान सुरक्षा कारणों से इंडिया गेट पर लोगों की आवा जाही पर रोक लगा दी जाती है, जिससे किसी तरह की आपराधिक घटना को होने से पहले रोका जा सके। ऐसा करने के पीछे उस दिन (गनतंत्र दिवस के दिन) वहाँ मौजूद लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाती है। इस दिन सभी को ये वादा करना चाहिये कि वह अपने स्वतंत्र देश के संविधान की सुरक्षा करेंगे, देश की समरसता और शांति को बनाए रखेंगे साथ ही देश के विकास में जितना बल पड़ेगा सहयोग भी करेंगे।


गणतंत्र दिवस परेड की टिकटें कैसे खरीदें?

गणतंत्र दिवस उत्सव के बारे में आप भली-भांति जानते है। आप भी भारत के इस राष्ट्रीय पर्व के जश्न में साक्षी होना चाहते है तो आप सेल्स काउंटर से टिकट खरीद सकते हैं। यह Sales काउंटर दिल्ली में खरीद सकते है। सेना भवन, लाल किला, जंतर मंतर के सेल्स काउंटर पर जाकर आप 26 जनवरी की परेड के लिए टिकट खरीद सकते हैं। बता दें, 26 जनवरी के दिन टिकट नहीं कर सकते क्योंकि सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए गणतंत्र दिवस की टिकट इस दिन नहीं खरीदी जा सकती।


पहला गणतंत्र दिवस कैसे मनाया गया था?

वर्ष 1950 में जब पहली बार गणतंत्र दिवस भारत में मनाया गया तो उस समय देश के राष्ट्रपति ने स्टेडियम पर तिरंगा फहराया था। और आज के समय में जिस तरह हर साल विदेशी मेहमानों को राष्ट्रीय पर्व के जश्न में शरीक होने के लिए आमंत्रित किया जाता है उसी प्रकार इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो भारत के पहले गणतंत्र दिवस के जश्न में बुलाए गए थे।

सूत्रों के मुताबिक भारत में 10:18 AM को पहली बार देश का संविधान लागू किया गया। तत्पश्चात कुछ ही मिनटों में डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा राष्ट्रपति पद की शपथ लेकर कार्यभार संभाला और बतौर राष्ट्रपति देश में उसी दिन 26 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया।

हर साल राजपथ पर गणतंत्र दिवस का आयोजन हम देखते हैं। ऐसे में अगर किसी से झट से पूछा जाए की पहला गणतंत्र दिवस कहां मनाया होगा? तो संभव है जवाब होगा राजपथ“। लेकिन आपको बता दें वर्ष 1950 से 1954 तक गणतंत्र दिवस को मनाने का कोई एक निश्चित स्थान नहीं था। क्योंकि इन 5 सालों में गणतंत्र दिवस को अलग-अलग स्थानों में मनाया गया। शुरुआत इसकी लाल किला से कि गई उसके बाद रामलीला मैदान में तथा Kingsway Camp में इस राष्ट्रीय पर्व को मनाया गया। लेकिन अगले ही वर्ष 1955 से राजपथ को गणतंत्र दिवस मनाने का निश्चित स्थान घोषित किया गया। तब से आज तक राजपथ पर ही गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।


गणतंत्र दिवस के बारे में कुछ रोचक तथ्य: Republic Day 2021 Facts in Hindi

👉 देश के संविधान को 26 जनवरी के दिन ही लागू करने के पीछे मुख्य कारण पूर्ण स्वराज दिवस था।

👉 18 वर्षों तक गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही मनाया गया। पूर्ण स्वराज दिवस के तौर पर वर्ष 1930 से देश की आजादी वर्ष 1947 तक देश में 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस मनाया गया।

👉 देश के संविधान को 2 भाषाओं में लिखा गया है। जिसमें 2 पत्नियां हैं, जो हिंदी और इंग्लिश भाषा में है।

👉 आज भी देश के संविधान की मूल प्रतियां उसी तरह है जैसे पहली थी। जो भारत के संसद भवन के पुस्तकालय में संभाल कर रखी गई हैं।

👉 प्रथम दिवस के समापन हेतु दिल्ली के विजय चौक में बीटिंग रिट्रीट का हर साल आयोजन होता है। इस मौके पर भारत की तीनों सेनाएं जल सेना, थल जल, वायु सेना के बैंड हिस्सा लेते हैं।

👉 देश की आजादी में बलिदान देने वाले अमर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु देश के प्रधानमंत्री द्वारा अमर ज्योति पर श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।


26 जनवरी का इतिहास क्या है?

हम में से अधिकतर लोग 26 जनवरी के दिन तो विशेष इसीलिए मानते हैं क्योंकि इस दिन हमारा देश गणतांत्रिक राष्ट्र बन गया। लेकिन कुछ अन्य वजहें भी हैं जिसकी वजह से यह तिथि इतिहास में बेहद खास मानी जाती हैं, आइए जानते हैं दिलचस्प तथ्यों को!

  • वर्ष 1956 में 26 जनवरी के दिन बाबर के पुत्र हुमायूं की मृत्यु हुई थी।
  • आजादी से पूर्व वर्ष 1929 में 26 जनवरी के दिन ही ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में पहली बार स्वराज दिवस मनाया गया था।
  • 26 जनवरी वर्ष 1950 में राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह के रूप में अशोक स्तंभ को स्वीकार किया गया था।
  • वर्ष 1972 में इसी दिन दिल्ली के इंडिया गेट पर राष्ट्रीय स्मारक अमर जवान ज्योति की स्थापना की गई थी।
  • यह दिन गुजराती लोगों के बीच दर्दनाक त्रासदी के तौर पर भी जाना जाता है वर्ष 2001 में इसी दिन गुजरात के भुज में आए भीषण भूकंप में हजारों लोगों की जान चली गई थी।
  • वर्ष 1963 में 26 जनवरी के दिन ही मोर के सौंदर्य के कारण इस पक्षी को भारत के राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा दे दिया गया।
  • देश के 59 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर देश की पहली महिला राष्ट्रपति के तौर पर श्रीमती प्रतिभा पाटिल को सेना द्वारा सलामी दी गई।

तो गणतंत्र दिवस के साथ-साथ यह कुछ विशेष घटनाएं एवं यादगार मौके 26 जनवरी का दिन हर साल लेकर आता है।


राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का अपमान करने पर क्या सजा मिल सकती हैं?
  1. देश के किसी नागरिक द्वारा अगर जानबूझकर देश के तिरंगे का अपमान किया जाता है तो इस कृत्य के लिए वह सजा का पात्र है। राष्ट्रीय तिरंगे के अपमान करते पाए जाने पर व्यक्ति को 3 साल तक की सजा एवं जुर्माना भरना पड़ सकता है।
  2. समारोह के बाद में तिरंगे को जमीन पर पटका या फेंका नहीं जा सकता।
  3. इसमें कुछ लिखा नहीं जा सकता या फिर किसी भी अन्य तरह से अगर इसको हानि पहुंचाई जाती है जिससे झंडे का अपमान हो तो इसके तहत सजा के प्रावधान हैं।
  4. ध्यान रखने योग्य है कि नियम कानूनों को देखते हुए तिरंगे को डिस्पोज किया जाना चाहिए।
इस साल हम कौन सा गणतंत्र दिवस मना रहे है?

इस साल 2021 में देश 72वाँ गणतंत्र गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है।

मेरे प्यारे देशवासियों, इस 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के लेख को मैं यही पर समाप्त कर रहा हूँ। जिस तरह से मैंने खूबसूरत वाक्यों से इस लेख की शुरुआत की थी उसी प्रकार मैं इसका अंत भी करना चाहता हूँ:-

‘जिसको न निज गौरव तथा निज देश का अभिमान है,
वह नर नहीं, है पशु निरा और मृतक समान है’


दोस्तों, अगर आपको लगता है कि इस लेख में और कुछ अच्छा जोड़ा जा सकता है तो आप अपने सुझाव कमेंट के माध्यम से या आप हमको मेल करके हम तक जरूर पंहुचा सकते है। भारतीय गणतंत्र दिवस का यह लेख बेहद ही आसान शब्दों में लिखा गया है जिसे बच्चे आसानी से समझ सकेंगे और काफी जानकारी भी उन्हें मिलेगी इस लेख की मदद से। अगर आप चाहे तो इस लेख को अपने मित्रों और प्रियजनों के साथ सोशल मीडिया जैसे की फेसबुक, ट्विटर, अथवा व्हाट्सएप्प पर शेयर कर सकते हैं, ताकि उनको भी इस लेख में दी गई जानकारी मिले।

अंत में, मैं बस यही कहना चाहूँगा की भारतवासी होने के कारण आपको अपने देश के संविधान की सुरक्षा करनी चाहिए, देश की समरसता और शांति को बनाए रखें साथ ही देश के विकास में सहयोग करें।

धन्यवाद! जय हिन्द, जय भारत, भारत माता की जय, वन्दे मातरम्!

भारतीय गणतंत्र दिवस

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