Advertisement
लोहड़ी पर कविता (हिंदी निबंध)
|

लोहड़ी पर कविता 2022 के लिए

लोहड़ी के इस शुभ अवसर पर आज मैं आप सभी के समक्ष लोहड़ी पर कविता और लोहड़ी से जुड़ी कुछ जरूरी बात आप सभी के सामने प्रस्तुत करने जा रहा हूँ। लोहड़ी पर कविता के इस लेख को शुरू करने से पहले आप सभी भाइयों और बहनों को हिमांशु ग्रेवाल की तरफ से लोहड़ी की लख-लख बधाई!!!

वैसे तो आप सभी को पता ही होगा की लोहड़ी क्यों मनाई जाती हैपरन्तु अगर आपको इस विषय में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आप पंजाबियों का पवित्र त्योहार लोहड़ी पर निबंध वाला लेख पढ़ सकते हो। वैसे लोहड़ी के दिन अधिकतम सभी व्यक्ति लोहड़ी की कहानी अवश्य पढ़ते है और मुझे उम्मीद है कि आपको भी लोहड़ी कथा पढ़ने का मन होगा? अगर आप भी लोहड़ी की कथा पढ़ना चाहते हो तो आप लोहड़ी माता की कथा वाला लेख पढ़ सकते हो।

तो आईये मित्रों, आपका ज्यादा समय नष्ट न करते हुए Lohri Poems के इस लेख को पढ़ना प्रारंभ करते है:-

नोट: अगर आपको यहाँ पर दी गई लोहड़ी पर कविता पसंद आये तो कमेंट के माध्यम से अपने विचार हमारे साथ व्यक्त जरूर करें अथवा लोहड़ी 2022 की कविता के इस लेख को सोशल मीडिया पर शेयर करके इस पर्व का उत्साह बढ़ाये।

लोहड़ी पर कविता 2022 के लिए

Popular Poem on Lohri in Hindi

Lohri Poem in Hindi For Kids

!! प्यार और एकता का प्रतीक है लोहड़ी !!

मकर संक्रांति से एक दिन पहले अर्थात 13 जनवरी को लोहड़ी का त्यौहार मनाया जाता है।

अग्निदेव की पूजा स्वरूप मनाये जाने वाले इस त्यौहार की पंजाब, हरियाणा और जम्मू कश्मीर में सबसे ज्यादा मोज मस्ती और उत्साह रहता है। इस दिन बच्चों की टोलिया घर-घर जाकर लोहड़ी के गीत गाती है तथा लकड़ियां और मिठाई एकत्रित करती है फिर शाम के समय खुले स्थान पर लकड़ियां जलाई जाती है। घर परिवार के लोग रबड़ी, मक्का के दाने, मूंगफली आदि अग्नि में डालकर पूजा करते है तथा अग्नि की परिक्रमा की जाती है।

grammarly

गुड़, गजक, मूंगफली, रेवड़ी, तिल और मक्का के दाने आदि लोहड़ी के प्रतिक है जिसे लोग प्रशाद के रूप में बाटकर लोहड़ी की शुभकामनाएं देते है।

वैसे तो इस त्योहार को बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। लेकिन शादी के बाद वर-वधु की और बच्चे के जन्म के बाद उसकी पहली लोहड़ी का विषेश महत्व है, इसे बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। कड़ाके की सर्दी में आग जलाकर मनाये जाने वाले इस त्योहार से कई लोक कथा जुड़ी है।

ऐसी मान्यता है की दक्ष प्रजापति की पुत्री सती द्वारा आत्मदहन की स्मृतियाँ द्वारा लोहड़ी की अग्नि जलाई जाती है। इस अवसर पर विवाहित बेटियों को मिठाईया, रबड़ी, फल, मूंगफली आदि भेजे जाते है। यज्ञ के समय दक्ष प्रजापति ने अपने जमाता भगवान शिव का भाग नहीं निकाला था इसका प्रायश्चित भी लोहड़ी में परिलक्षित होता है।

एक अन्य लोककथा के अनुसार इसी दिन बाल कृष्ण ने अपने मामा कंश द्वारा भेजी गयी लोहिता नामक राक्षसी को खेल खेल में मार डाला था। इस घटना की याद में भी लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है।

Importance of Lohri Festival in Hindi

लोहड़ी का त्यौहार सारे पंजाब, हरियाणा, हिमांचल प्रदेश, दिल्ली और जम्मू में बहुत ही धूम-धाम से 13 जनवरी के दिन प्रति वर्ष मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्यौहार है। 14 जनवरी को पूरे भारत देश में मकर संक्रांति और दक्षिण भारत में पोंगल का त्यौहार मनाया जाता है। रबी की फसल पकने की ख़ुशी में लोहड़ी पर्व मनाया जाता है।

  1. लोग मूंगफली, खेड़ी तिल इत्यादि ले जाकर मंदिरों में पूजा करते हैं, और रबी की अच्छी फसल देने के लिए प्रभु को धन्यवाद देते है।
  2. सूर्यास्त होते ही सयुक्त रूप से लोहड़ी जलाने का प्रचलन है।
  3. अग्नि प्रज्वलित होते ही सभी लोग अग्नि में खेड़ी, मूंगफली जलाकर पूजा करते हैं, और सूर्य देवता से अपने सरक्षण की कामना भी करते हैं।

बहुत वर्षों से लोहड़ी के साथ एक पौराणिक चरित्र भी जुड़ा हुआ है जिसका वर्णन लोहड़ी त्यौहार में गाये जाने वाले लोकगीतों में मिलता है।

दुल्ला भट्टी एक राजपूत डाकू था। उसके पूर्वज पिंडा भट्टियाँ स्थान, जो अब पाकिस्तान में है, के राजा थे। दुल्ला भट्टी राजा अकबर के कार्यकाल में पंजाब में रहता था। वह डाकू आते जाते अमीर व्यापारियों को लूटता था, परन्तु उसके चरित्र का एक और पहलू बहुत ही नेक था।

उन दिनों भारत वर्ष में जबरन हिन्दू लड़कियों को स्लेव बनाकर मिडल ईस्ट में बेचा जाता था। दुल्ला भट्टी उन लड़कियों को उनके चुंगल से निकाल कर हिन्दू लड़कों के साथ उनका विवाह रचाता था और कुछ दहेज की व्यवस्था भी करता था। इसीलिए प्रत्येक लोहड़ी के लोकगीत में दुल्ला भट्टी को विषेश रूप से धन्यवादित किया गया हैं।

लोहड़ी के दिन सभी बच्चे एकत्रित होकर घर-घर जाकर दुल्ला भट्टी की प्रशंसा में लोकगीत सुनाते है और बदले में उनको लोहड़ी जलाने के लिए लकड़ियां, पाथियाँ, कंडे इत्यादि प्राप्त होते हैं, और खाने के लिए तिल, चावल, गुड, गाजर इत्यादि मिलते हैं।

यह थी लोहड़ी के विषय में कुछ जानकारी.. उम्मीद है आपको जानकारी पढ़ कर अच्छा लगा होगा और आप कमेंट के माध्यम से अपने विचार हमारे साथ व्यक्त करेंगे। आईये अब लोहड़ी पर कविता पढ़ लेते है जिसे आप कॉपी करके फेसबुक, व्हाट्सएप्प, ट्विटर इत्यादि जगह शेयर कर सके।

Poem on Lohri Festival in Punjabi

Poem on Lohri Festival in Punjabi

लोहड़ी पर कविता पंजाबी में

कंडा कंडा नी लकडियो कंडा सी
इस कंडे दे नाल कलीरा सी
जुग जीवे नी भाबो तेरा वीरा सी,
पा माई पा, काले कुत्ते नू वी पा
कला कुत्ता दवे वदायइयाँ,
तेरियां जीवन मझियाँ गईयाँ,
मझियाँ गईयाँ दित्ता दुध,
तेरे जीवन सके पुत्त,
सक्के पुत्तां दी वदाई,
वोटी छम छम करदी आई|

लोहड़ी पर कविता और लोहड़ी गीत 2022

Hindi Poem on Lohri Festival For Kids

Poem on Lohri in Hindi 2022

लोहड़ी आई - लोहड़ी आई,
सर्दी खत्म होने को आई,
दिन बड़े होने की ख़ुशी में,
सब ने मिलकर लोहड़ी मनाई|

13 जनवरी का दिन है आया,
खुशियों ने हैं डेरा डाला,
सुंदरी-मुंदरी के गीतों से,
हम सब ने लोहड़ी का है त्योहार मनाया|

लोहड़ी आई लोहड़ी आई,
मिलकर हम सब,
एक दूजे को दे बधाई,
जात-पात का भेद मिटाकर,
मिलकर हम सब ने ढांड जलाई|

मूंगफली रेवड़ी अग्नि में डालकर
लोहड़ी के गीतों से,
इस त्योहार की शोभा बढाई!

कुछ दिन पहले से बच्चों ने,
घर घर जाकर लोहड़ी मांगी,
दे नी माएं लोहड़ी,
तेरे द्वारे सारी टोली है आई,
दे नी माएं लोहड़ी,
तेरे द्वारे सारी टोली है आई!

लोहड़ी आई- लोहड़ी आई,
सबने इसे दिल से मनाई!

|| हैप्पी लोहड़ी ||

लोहड़ी पर शायरी पंजाबी और हिंदी भाषा में

लोहड़ी पर शायरी पंजाबी और हिंदी भाषा में

Lohri Poem in Punjabi

प्रिय पाठकों, ऊपर मैंने आपके समक्ष लोहड़ी पर हिंदी कविता साझा करी हैं। अब मैं लोहड़ी पर कविता पंजाबी भाषा में साझा करने जा रहा हूँ। तो जिसको पंजाबी भाषा में लोहरी पोएम पढ़नी है वो नीचे दी गई Lohri Kavita को पढ़ सकते हैं।

Poem on Lohri in Punjabi Language

. ਸੁੰਦਰ ਮੁੰਦਰੀਏ – ਹੋ
ਸੁੰਦਰ ਮੁੰਦਰੀਏ – ਹੋ!
ਤੇਰਾ ਕੌਣ ਵਿਚਾਰਾ – ਹੋ!
ਦੁੱਲਾ ਭੱਟੀ ਵਾਲਾ – ਹੋ!
ਦੁੱਲੇ ਧੀ ਵਿਆਹੀ – ਹੋ!
ਸੇਰ ਸੱਕਰ ਆਈ – ਹੋ
ਕੁੜੀ ਦੇ ਬੋਝੇ ਪਾਈ – ਹੋ!
ਕੁੜੀ ਦਾ ਲਾਲ ਪਟਾਕਾ – ਹੋ!
ਕੁੜੀ ਦਾ ਸਾਲੂ ਪਾਟਾ – ਹੋ!
ਸਾਲੂ ਕੌਣ ਸਮੇਟੇ – ਹੋ!
ਚਾਚਾ ਗਾਲ੍ਹੀ ਦੇਸੇ – ਹੋ!
ਚਾਚੇ ਚੂਰੀ ਕੁੱਟੀ – ਹੋ!
ਜ਼ਿੰਮੀਦਾਰਾਂ ਲੁੱਟੀ – ਹੋ!
ਜ਼ਿੰਮੀਦਾਰ ਸਦਾਓ – ਹੋ!
ਗਿਣ ਗਿਣ ਪੌਲੇ ਲਾਓ – ਹੋ!
ਇੱਕ ਪੌਲਾ ਘਟ ਗਿਆ! 
ਜ਼ਿਮੀਂਦਾਰ ਨੱਸ ਗਿਆ – ਹੋ!

Lohri Poem in English

आशा है कि आपको लोहरी पोएम इन हिंदी और लोहरी पोएम इन पंजाबी पढ़कर आपको अच्छा लगा होगा। 10Lines.co के कुछ पाढ़क ऐसे भी है जिनको अंग्रेजी भाषा में लोहड़ी पोएम पढ़नी होती है तो उन्हीं लोगों के लिए नीचे आपको लोहड़ी पर इंग्लिश कविताएं पढ़ने को मिलेगी।

Poem on Lohri in English

Harvest Hymn

~ Sarojini Naidu (1879-1949)

Men's Voices
Lord of the lotus, lord of the harvest,
Bright and munificent lord of the morn!
Thine is the bounty that prospered our sowing,
Thine is the bounty that nurtured our corn.
We bring thee our songs and our garlands for tribute,
The gold of our fields and the gold of our fruit;
O giver of mellowing radiance, we hail thee,
We praise thee, O Surya, with cymbal and flute.

Lord of the rainbow, lord of the harvest,
Great and beneficent lord of the main!
Thine is the mercy that cherished our furrows,
Thine is the mercy that fostered our grain.
We bring thee our thanks and our garlands for tribute,
The wealth of our valleys, new-garnered and ripe;
O sender of rain and the dewfall, we hail thee,
We praise thee, Varuna, with cymbal and pipe.

Women's Voices
Queen of the gourd-flower, queen of the harvest,
Sweet and omnipotent mother, O Earth!
Thine is the plentiful bosom that feeds us,
Thine is the womb where our riches have birth.
We bring thee our love and our garlands for tribute,
With gifts of thy opulent giving we come;
O source of our manifold gladness, we hail thee,
We praise thee, O Prithvi, with cymbal and drum.

All Voices
Lord of the Universe, Lord of our being,
Father eternal, ineffable Om!
Thou art the Seed and the Scythe of our harvests,
Thou art our Hands and our Heart and our Home.
We bring thee our lives and our labours for tribute,
Grant us thy succour, thy counsel, thy care.
O Life of all life and all blessing, we hail thee,
We praise thee, O Bramha, with cymbal and prayer.

Lohri Shayari in Hindi For Friends

Lohri Kavita

Happy Lohri 2022 Shayari in Hindi

ट्विंकल ट्विंकल लिटिल पंजाबी,
पीके दारु वो हो गया शराबी,
चिकन तंदूरी ते दाल फ्राई,
त्वानू लोहड़ी दी लख लख बधाई…

Happy Lohri 2022 Wishes in Hindi

मक्की दी रोटी ते सरसों दा साग,
नाचेंगे सारे ते बीच लगाके आग,
ढोल दी आवाज ते नाचेंगे सारी रात,
मुबारक होवे नवे-नवे जोड़े क लोहड़ी की सोहगात…
ओ बल्ले… बल्ले…
शादी की पहली लोहड़ी कि आप दोनों को लख-लख बधाईयाँ…
Wish you a very Happy Lohri

Happy Lohri Wishes in Hindi

याद रखा करो, दिल वीच हमारी,
शादी के बाद ये क्या, ना दोस्ती ना यारी,
इतना जल्दी भूल गये हमें,
पत्नी ने तो हमारी दोस्ती कि लुटिया दे मारी :)
आप दोनों को हमारी ओर से शादी की पहली लोहड़ी की लख लख बधाईयाँ
रब दी मेहर आप दोनों पर सदा बनी रहे ऐसी शुभकामना…
लव यु यारा… Happy Lohri

Happy Lohri 2022 Poem in Hindi

दस्तक दी, किसी ने कहा सपने लाया हूँ,
खुश रहो आप हमेशा, इतनी दुआ लाया हूँ
नाम है मेरा संदेश,
आपको “हेप्पी लोहड़ी” विश करने आया हूँ ।

New Poem on Lohri 2022 in Hindi

गुड़ हम है और तील हो आप,
मिठाई हम है और मिठास हो आप,
हर दिन हम करते है आपका जाप,
लोहड़ी आते और नाम आपके लेते,
हो जाती है गर्मी की शुरुआत
|| हैप्पी लोहड़ी ||

लोहड़ी क्यों मनाई जाती है?

लोहड़ी पर पहली कहानी

प्रतिवर्ष हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला लोहड़ी के पर्व को मनाने के पीछे का कारण भी आपको पता होना चाहिए। बता दें, इस त्यौहार को मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई है। आइए एक-एक कर उन सभी के बारे में जानते हैं।

माना जाता है अकबर के शासन काल में पंजाब में दुल्ला भट्टी नामक एक डाकू हुआ करता था। लेकिन यह डाकू गरीबों की मदद के लिए भी जाना जाता था। इसलिए आगे चलकर इस डाकू को बेहद सम्मान दिया गया। क्योंकि माना जाता है उस समय व्यापारियों द्वारा लड़कियों की कालाबाजारी कर उन्हें अमीरों को बेच दिया जाता था और दुल्ला भट्टी इस कार्य और इस सोच का सख्त विरोध करता था। जिस कारण उसने अनेक लड़कियों को गुलामी की जंजीरों से मुक्त करवाया और उनकी शादी का इंतजाम कर उनकी शादियां कराई। जिस वजह से जनता के दिल में दूल्हा भट्टी सदा के लिए अमर हो गए और हर साल उनकी याद में लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है।।


Why we celebrate Lohri Story in Hindi

दूसरी मान्यता पर गौर करें तो इस त्यौहार को सती के त्याग के तौर पर हर साल मनाया जाता है।

बात उस समय की है प्रजापति दक्ष ने अपनी पुत्री सती के पति भगवान शिव का घोर अपमान किया और उन्हें यज्ञ में शामिल न होने दिया। जिसका पता चलते ही प्रजापति दक्ष की पुत्री सती वहां पहुंची और पति के अपमान के दुख में सती ने खुद को अग्नि को समर्पित कर दिया। इसीलिए माना जाता है माता सती की याद में लोहड़ी का पर्व हर साल मनाया जाता है और इस मौके पर उन घरों में जिन की पुत्रियों की हाल ही में शादी हुई है, उन बेटियों को भोजन में आमंत्रित कर उपहार दिया जाता है और खूब सम्मान दिया जाता है।

लोहड़ी पर तीसरी कहानी

एक और पुरानी कथा का अध्ययन करें तो पता चलता है कि होलिका की बहन लोहड़ी थी जो अपने बेहद अच्छे स्वभाव के लिए जानी जाती थी। इस वजह से यह त्योहार लोहड़ी के नाम पर पड़ा और इस दिन लोहड़ी का पूजन कर उन्हें याद किया जाता है।

लोहड़ी की चौथी कहानी और लोहड़ी कथा

पंजाब के कुछ ग्रामीण इलाकों में जहां लोहड़ी को लोही के नाम से मनाया जाता है। वहां मान्यता है संत कबीर (कबीर दास) की पत्नी का नाम भी लोही था और उनकी याद में आज भी अनेक स्थानों पर इस पर्व को लोहड़ी के तौर पर मनाया जाता है।

लोहड़ी पर पांचवी कथा

इस सांस्कृतिक पर्व के संबंध में एक और मान्यता जुड़ी हुई है इसे पहले पंजाब में लोह पर्व के तौर पर भी मनाया जाता था। ऐसा इसलिए क्योंकि लोह का तात्पर्य लोहे से होता है। माना जाता है कि इस मौसम में फसल कटने के बाद किसानों को मिले अनाज की रोटियां जब तवे पर पहली बार सेंकी जाती है तो यह तवा चूंकि लोहे का बना होता है इसी वजह से फसल के पकने की खुशी के कारण इसे पहले लोह के नाम से भी मनाया जाता था। इस प्रकार देखा जाए तो इस पर्व को मनाने के पीछे कई पौराणिक मान्यता जुड़ी हुई हैं। और इन पारंपरिक मान्यताओं पर लोगों के अटूट विश्वास के कारण आज भी यह पर्व विभिन्न स्थानों पर पूरी धूमधाम से मनाया जाता है।


लोहड़ी शब्द का मतलब क्या है?

लोहड़ी शब्द का संधि विच्छेद किया जाए तो यह तीन अक्षरों से मिलकर बना एक शब्द है।

  • ल का अर्थ लकड़ी
  • ओह का मतलब गोहा
  • री का अर्थ रेवड़ी है

यहां पर गोहा शब्द से तात्पर्य अग्नि में जलते हुए उपलों से है।

लोहड़ी को देश के विभिन्न राज्यों मे लोहड़ी के अलावा अलग-अलग नामों जैसे लाल लाही, लोहिता व खिचड़वार जैसे नामों से जाना जाता है।


पंजाब में कौन-कौन से त्योहार मनाए जाते हैं?

पंजाब भारत का वह राज्य है जहां बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोग निवास करते हैं और मौसम, ऋतु में परिवर्तन के अनुसार अनेक सांस्कृतिक त्योहार राज्य के निवासियों द्वारा मनाए जाते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं।

👉 होला मोहल्ला: सिख समुदाय में इसे रंगों के त्योहार के तौर पर भी जाना जाता है। होली त्योहार के एक दिन पश्चात पंजाब के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में इस त्योहार के मौके पर बड़ी धूमधाम देखी जाती है। पंजाब के प्रसिद्ध त्यौहार की सूची में सबसे ऊपर शामिल इस पर्व के मौके पर मार्शल आर्ट का प्रदर्शन किया जाता है।

👉 बैसाखी: अप्रैल या मई के महीने में पंजाबियों द्वारा मनाए जाने वाला बैसाखी का त्यौहार एक फसल त्यौहार है। मान्यता है बैसाखी के दिन ही सिक्खों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह द्वारा खालसा की स्थापना की थी। अतः इस मौके पर सिख गुरुद्वारे जाकर मत्था टेकते हैं, भजन कीर्तन करते हैं और लंगर लगाते हैं।

👉 लोहड़ी: नई साल की शुरुआत में पंजाबियों के बीच प्रसिद्ध लोहड़ी का त्यौहार बेहद अहम है। इस मौके पर अलाव जला कर लोहड़ी पूजन किया जाता है। गजक, रेवड़ी, मूंगफली इत्यादि बाटी जाती है और गिद्दा, भंगड़ा डांस से पूरा पंजाब झूम उठता है।

👉 माघी: लोहड़ी के ठीक 1 दिन बाद यानी मकर संक्रांति के दिन पंजाब में माघी त्योहार मनाया जाता है, इस दिन लोग पवित्र स्नान करते हैं, दान करते हैं और बड़े उत्साह के साथ यह पर्व मनाते हैं।

👉 दीपावली: भारत के अन्य राज्यों की तरह ही पंजाब में भी दीपावली के पर्व में दीप जलाकर ईश्वर से सुख शांति, सुख समृद्धि की कामना करते हैं। इस त्यौहार में गुरु गोविंद जयंती भी शामिल है तो इस मौके पर उन्हें भी याद किया जाता है। इनके अलावा टीका, बसंत पंचमी, तीज, गुरु पर्व पंजाबियों के प्रमुख त्यौहार हैं, अतः उपरोक्त सभी पर्व बड़े ही धूमधाम से पंजाब में मनाए जाते हैं।


शीतला माता कौन है?

युगों युगों से हिंदू धर्म के अनुयायियों द्वारा शीतला माता का पूजन किया जाता है, उन्हें चेचक की देवी माना जाता है। हाथों में कलस लिए झाड़ू और नीम के पत्ते धारण किए माता शीतला गर्दभ में विराजती और उसकी सवारी करती है। शीतला सप्तमी और अष्टमी के मौके पर हिंदुओं द्वारा शीतला माता का पूजन कर उन्हें याद किया जाता है यह पर्व हर साल होली के बाद मनाया जाता है।


लोहड़ी पर लघु निबंध

लोहड़ी का पर्व सिख समुदाय का प्रमुख त्योहारों में से एक है। नया साल शुरू होने के पश्चात इस पर्व के आने पर फसल पकने की खुशी किसानों के बीच रहती है। अतः दुल्ला भट्टी लोकगीत गाकर पंजाब, हरियाणा समेत देश के विभिन्न राज्यों में यह पर्व मनाया जाता है। लोहड़ी का पर्व नए साल के मौके पर शिशिर ऋतु में मनाया जाता है जब रात बड़ी एवं दिन छोटे होते हैं। रात्रि के समय लकड़ियां, उपलों का घेरा बनाकर अग्नि जलाई जाती है जिसमें गजक, मूंगफली, रेवड़ी इत्यादि डाली जाती है तब लोहड़ी पूजन किया जाता है।।

  • सिंधी लोगों द्वारा इस पर्व को लाल लोई के तौर पर मनाया जाता है। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले पंजाबियों द्वारा यह पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
  • सर्द मौसम में आग सेकते हुए लोगों के बीच रेवड़ी, गजक, मूंगफली इत्यादि बैठकर खाई जाती है।
  • इस पर्व पर शाम होते ही संगीत और नृत्य का भी विशेष इंतजाम होता है। इस मौके पर लड़कियों द्वारा गिद्दा और लड़कों द्वारा भांगड़ा किया जाता है।
  • इस पर्व का किसानों को बेसब्री से इंतजार होता है क्योंकि किसानों का वित्तीय वर्ष लोहड़ी पर्व से ही शुरु होता है। इसलिए पहले के समय में इस पर्व को लोह पर्व के तौर भी मनाया जाता था।

मैं उम्मीद करता हूँ कि लोहड़ी पर कविता का ये लेख आपको पसंद आया होगा। आपको ये लेख कैसा लगा हमको कमेंट करके जरूर बताएं और इस लेख को सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करें जिससे और लोग भी कविता डाउनलोड कर सके।

Best Hindi Lohri Rhymes 2022

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *