मेरे पिता पर निबंध हिंदी में
मेरे पिता पर निबंध | My Father Essay in Hindi 10 Lines
एक पिता की भूमिका हमारे जीवन में उस नीम के पेड़ की तरह है, जिसकी पत्तियां चबाने में भले ही कड़वी हो परंतु वह छाया हमेशा ठंडी देता है। हमारे जीवन में जिस तरह मां से हमें जीवन की पहली पाठशाला में शिक्षा मिलती है वहीं पिता हमें वास्तविक जिंदगी में हमेशा अनुशासन में रहने, कर्तव्य पालक बनने, मुश्किलों से लड़ने के लिए तैयार करते हैं। ताकि जिंदगी की विपरीत परिस्थितियों को हम हमेशा हंसते-हंसते झेल सके।
अतः एक बच्चे के लिए उसके पिता फिल्मी दुनिया से परे एक सच्चे हीरो एवं दोस्त होते है, जो उसकी हर ख्वाहिश को सच करने की, परेशानियों को दूर करने का हर संभव प्रयास करते हैं।
इस पृथ्वी में मां बाप दो ऐसे प्राणी है जिनका एहसान कभी नहीं चुकाया जा सकता। यही वजह है कि शास्त्रों में मां बाप को भगवान से भी ऊपर का दर्जा दिया गया है।
My Father Essay in Hindi
नमस्कार!
आज हम आपके समक्ष पिता के जीवन पर आधारित निबंध लेकर आए है जिन्हें आप अपने स्कूल, कॉलेज के साथ-साथ विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में उपयोग कर सकते हैं।
जीवन में पिता का महत्व पर निबंध (250 शब्द)
मेरे पिता का जीवन मुझे जीवन के कई सबक सिखाता है, बचपन से ही मेरे सुख-दुख को समझने वाले मेरे पिता मुझे बेहद प्यार करते है, मेरी ख्वाहिशों को पूरा करने एवं मेरी पढ़ाई, मेरे करियर को सफल बनाने के लिए वे दिन-रात कठोर परिश्रम करते हैं। चाहे बारिश हो, तेज धूप हो हो वे हमेशा अपने कार्यालय में सही समय पर पहुंचकर अपना फर्ज निभाते है तथा ऑफिस से आने के बाद शाम को मानसिक तनाव, थकान के बावजूद वे उस दर्द को भूलकर घर के सदस्यों को खुश रखने की कोशिश रखते हैं।
प्रत्येक सप्ताह रविवार के दिन छुट्टी के उपलक्ष्य में मेरे पिता मुझे घुमाने किसी धार्मिक स्थल में, पिकनिक या पार्क में ले जाते हैं। इस प्रकार हमें बाहरी दुनिया का भ्रमण करवा कर वे जिंदगी को करीब से समझने का मौका देते हैं। शाम को लौटते समय हमें वे आइसक्रीम, चॉकलेट दिलाते हैं, इसीलिए प्रत्येक सप्ताह हमें रविवार का बेसब्री से इंतजार रहता है।
जीवन में सफल होने के लिए आवश्यक अनुशासन, धैर्य और समय की कीमत का अंदाजा उनके दैनिक कार्यों से आसानी से लगाया जा सकता हैं।
उम्र बढ़ने के साथ हालांकि बचपन की भांति अब वे मेरे प्रति प्यार, दुलार, सनेह तो व्यक नहीं करते पर उनके द्वारा कहा गया प्रत्येक शब्द और लगाई डांट मेरे प्रति उनकी चिंता, देखभाल को दर्शाते है और जिससे प्रतीत होता है कि वे मुझे अपनी जान से अधिक प्रेम करते हैं। कई सालों से मेरे पिता परिवार कि सभी जिम्मेदारियों को दीवार में लगी उस कील की भांति उठाए हुए है जिसमें वर्षों तक एक तस्वीर लटकी हुई होती हैं।
Essay About Father in Hindi
- 👉 मेरे पिताजी जिन्हें में पापाजी कहता हूं। मेरे सच्चे साथी प्रेरक रहे हैं।
- 👉 जीवन के प्रत्येक मोड में उन्होंने मेरी भलाई हेतु मेरी हर संभव मदद की है।
- 👉 एक अच्छे पिता के रूप में, पारिवारिक तौर पर साथ ही सामाजिक स्तर पर उनका स्वभाव लोगों के साथ काफी अच्छा रहा है।
- 👉 दैनिक कार्यों में दूसरे का हाथ बटाना आवश्यकता पड़ने पर उनकी सहायता करना वे अपना कर्तव्य मानते हैं।
- 👉 साथ ही वे हमें भी सीख देते कि हमेशा आपने दादी-दादा की तरह दूसरे बड़े बुजुर्गों का आदर करें उनकी सेवा करें तथा जरूरतमंद को यदि सहायता पहुंचा सके तो उनकी मदद से पीछे नहीं हटना चाहिये।
अक्सर परीक्षा में जब मेरे नंबर कम आते है या मेरे प्रदर्शन में गिरावट होती है तो मेरे पिता मुझे सकारात्मक विचारों से हमेशा पॉजिटिविटी भर देते हैं।
“स्वस्थ रहो, मस्त रहो” कथन का पालन करते हुए वे आज भी सुबह जल्दी उठकर योगाभ्यास करते है एवं अक्सर जब मैं देरी से सोता या फिर जागता हूं तो वह मुझे सुबह जल्दी उठने का महत्व बताते हैं।
वे कहते है:- सुबह जल्दी उठना सफल लोगों की एक निशानी है, अतः जीवन में कुछ बड़ा बेहतर करने के लिए सुबह जल्दी उठना शुरू करो।
एक चैंपियन के तौर पर वे अक्सर हमें कैरम या लूडो खेलते हुए वे मुझे अपनी शानदार रणनीति से हरा देते है एवं क्रिकेट की पिच पर मुझे डिफेंस खेलने पर मजबूर कर देते है और जब कभी खेल के मैदान में या जिंदगी में मिली हार से मैं निराश हो जाता हूं तो जिंदगी के कड़वे अनुभव मेरे साथ अपने किसी दोस्त की भांति शेयर करते हैं। उनकी बातों को सुनकर निराशावादी मेरा मन दोगुने विश्वास के साथ फिर से जाग उठता हैं। इसलिए क्या खूब कहा है किसी ने:-
“मुझे छांव में रखकर जो जलता रहा धुप में देखा है जो मैंने फरिश्ता एक पिता के रूप में”
इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपने भाषण को विराम देना चाहूंगा।
Essay on my Father in Hindi
“जब मम्मी डांट रही थी तो कोई चुपके से हंसा रहा था वह थे मेरे पिता”
भले ही आज पिता के साथ बिताए वो बचपन के पल वापस नहीं लाए जा सकते परंतु उन यादों को याद कर अक्सर मैं खुद को एवं अपने पिता के चेहरे पर मुस्कुराहट ला देता हूं।
आज अपने पिता के लिए कुछ पंक्तियां कहना चाहूंगा।
मेरे पिता मेरी जिंदगी के वो अनमोल रत्न हैं, जिन्होंने जिंदगी के इस खेल में मुझे एक पक्का खिलाड़ी बनने के लिए प्रेरित किया है। बचपन में या आज भी जब में किसी बात से अक्सर अंदर से टूट जाया करता हूं तो एक प्रेरक वक्ता की तरह मुझे फिर से हिम्मत के साथ खड़ा होने में उन्होंने मदद की है। उन्होंने सदा एक जिम्मेदार पिता, पुत्र, पति होने के नाते परिवार के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया हैं।
एक छोटे से गांव में विकट परिस्थितियों में बड़े हुए मेरे पिता की आर्थिक स्थिति कुछ बेहतर नहीं थी। परंतु जिंदगी में कुछ बेहतर करने एवं पाने के उनके जज्बे एवं लक्ष्य ने उन्हें जिंदगी में इस काबिल बनाया कि वह आने वाली पीढ़ी को अपने से बेहतर जीवन की सुबह सुविधाएं एवं खुशियां दे सकें।
शहर में उन्होंने एक घर खरीदा, बाकी बच्चों कि तरह मेरी अच्छी स्कूली शिक्षा के लिए मुझे बड़े स्कूल में भेजा। साथ ही पिताजी ने हमें वे सभी सुविधाएं दी जिससे उन्हें वंचित होना पड़ा।
एक बात और उन्होंने कभी भी मुझे अपने व्यापार में आने और इसमें शामिल होने के लिए बाध्य नहीं किया बल्कि जिस चीज में मेरी दिलचस्पी एवं जुनून है जिसमें मैं कुछ बड़ा कर सकूं उस कार्य में मेरा सपोर्ट किया। मैं दिल से कहता हूं मेरे पिता ने जो मुझे जिंदगी का सबसे बड़ा तोहफा दिया वह मुझ पर विश्वास करके दिया। मेरी ही तरह कई ऐसे छात्र होंगे जिनके पिता ने दुर्गम पस्थितियों में जीवन जीकर अपने बच्चों एवं परिवार का बेहतर भविष्य बनाने की नींव रखी होगी।
अतः सिर्फ हमारे लिए उनके द्वारा अपने जीवन में किए गए त्याग, परिश्रम एवं अनुशासन के लिए हम सभी को अपने पिता का सम्मान करना चाहिए। खुशनसीब हूं कि मेरे पिता ने मुझे जीवन की सारी खुशियां देने के लिए भरसक प्रयास किया एवं आज भी मेरे बेहतर भविष्य के लिए सदा मेरी मदद करते हैं फिर चाहे वित्तीय रूप से हो या फिर अपने सुविचारों से।
My Father Essay in Hindi
बचपन में पिताजी के कंधे पर घुमाना, उंगली पकड़कर चलना और प्रत्येक गलती पर हमें प्यार से समझाना और ना मानने पर हमें डंडा मारना जीवन की एक बड़ी सीख देता है। पिता जिन्होंने मुझे जिताने के लिए अपना सब कुछ हारा है, उस पिता के त्याग बलिदान पर जितना लिखो उतना कम हैं।
आज भी याद है रविवार के दिन जब पिताजी अपने स्कूटर पर हमें घुमाने ले जाते, रास्ते में हमारे पसंदीदा खिलौने आइसक्रीम दिलवाते, खुद चाहे कपड़े कैसे ही पहने परंतु सदैव हमें टिप-टॉप बनाकर रखते। शाम को कार्यालय से घर आकर टीवी पर अपने पसंदीदा कार्टून के लिए उन्हें TV न देखने देना, यह भी याद हैं। मेरे पिता जिनके शब्दों में आज हमें डांट सुनने को मिलती है, परंतु वे दिल से हमारा हित चाहते हैं।
मां मुझे मेरा दिल न टूटे, मैं बेचैन न हो इसके लिए सदा खुश रखने की कोशिश करती है। वही पिता मुझे खुश रखने के साथ-साथ सदा जीवन के सही मार्ग पर मैं चलूं इसके लिए कार्य करते है जिसके लिए हमें भले ही उनकी थोडी डांट सुननी पड़े परन्तु स्कूली पढ़ाई पूरी होने के बाद असल जिंदगी में उनकी प्रत्येक बात आज सही साबित होती है। कहते हैं एक पिता बनने के बाद ही पता चलता है कि पिताजी की प्रत्येक डांट के पीछे उनका प्यार छुपा होता है!
अतः जहां माता हमारे जीवन की पहली शिक्षिका होती है वही जिंदगी कि पढ़ाई में प्रथम गुरु साबित होती है पिता, जिनकी छत्रछाया में रहकर एक बच्चा जिदंगी में सफल होता हैं। इसलिए पिता का ना होना बिना छत के मकान होने के समान है, जो घर में रहने वाले सदस्यों को तेज धूप बारिश आंधी तूफान से बचाकर दूसरों को सुरक्षित रखते है अतः कभी भी हमें अपने मां बाप का दिल नहीं तोड़ना चाहिए।
मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि जिस प्रकार मेरे माता-पिता ने मुझे मेरे बचपन में खुश रखा उसी प्रकार मैं बुढ़ापे में उन्हें खुश रख सकूं।
Essay on Father in Hindi for Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12
पिता दिवस पर निबंध 2021
सुप्रभात यहां उपस्थित सभी माननीय शिक्षकगण, प्रिंसिपल को मेरा नमस्कार। मैं तहे दिल से शुक्रिया करना चाहूंगा जिन्होंने आज मुझे पितृ दिवस के मौके पर पिता के विषय पर कुछ कहने का मौका दिया हैं।
मेरे पिता मेरे आदर्श हैं, अपने आदर्शों, सिद्धांतों पर चलने वाले मेरे पिता सम्मानजनक एवं श्रेष्ठ जीवन जीने पर भरोसा करते हैं। उनमें वे सभी गुण मौजूद है जो एक श्रेष्ठ पिता में होने चाहिए। जिम्मेदार पति पिता होने के साथ-साथ वे एक अच्छे नागरिक भी है जो देश सेवा के लिए बेहतर कार्य करने का लेकर सदैव तत्पर रहते हैं।
परिवार में हम सभी सदस्यों का ख्याल रखने वाले मेरे पिता मुझे एक बेहतर व्यक्ति बनाने की और लगातार मार्गदर्शन करते रहते हैं।
वे मेरे लिए एक अच्छे दोस्त हैं, जो मुझे सदैव सच्ची और सीधी राह पर चलने के लिए अग्रसर करते है और रास्ते में आने वाली परेशानियों से लड़ने एवं उन्हें दूर करने में सहायता करते है। पिताजी के जीवन से अब तक मुझे काफी कुछ सीखने को मिला है और उम्र के इस पड़ाव में उनसे सीखी गई बातें निम्नलिखित हैं।
- अनुशासन
मेरे पिताजी का मानना है कि सफलता की राह में अनुशासन सबसे पहली सीढ़ी है और वे स्वयं भी इसका पालन करते हैं, सुबह से लेकर रात तक उनकी दिनचर्या में सभी जरूरी कार्यों को वे समय पर पूरा करते है। अक्सर जब हम पढ़ाई के प्रति लापरवाह हो जाते है तो हमें हमारी जिम्मेदारियों का अहसास करवाते हैं।
- संयम रखना
एक सफल, समझदार इंसान का मुख्य गुण है कि वह विपरीत परिस्थितियों के समय खुद को संयमित रखता है। मैंने अक्सर पाया है घर में कई बार ऐसी परिस्थिति आई है, जब मैं बहुत डर जाता था लेकिन उस परिस्थिति में मेरे पिता बिना अपना क्रोध प्रकट किए संयम रखकर उन कठिन परिस्थितियों से जीत जाते थे।
- गंभीर
वैसे तो पिता हंसमुख स्वभाव के है और जब कभी मैं निराश हो जाता हूं तो मुझे मुस्कुरा देते है। परंतु मैंने यह महसूस किया है कि वे घर की जिम्मेदारियां, छोटी-छोटी समस्याओं को भी बड़ी गंभीरता से गौर करते हैं, और उन्हें सुलझाने में जुट जाते हैं जिससे पता चलता है कि गंभीर होना भी आवश्यक हैं।
- घमंड न करना
उपरोक्त गुण होने के साथ-साथ मेरे पिताजी का एक गुण यह भी है कि वे मेरे परिवार में मां-दादी, बच्चों से हमेशा प्रेम से बात करते हैं, और साथ ही वे बाहर भी अपने समाज में लोगों के साथ बेहतर व्यवहार करते हैं। हमें भी हमेशा प्रेम पूर्वक रखने की सीख देते है, वे कहते है इंसान को कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए भगवान के द्वारा दी गई चीजों पर संतोष व्यक्त करना चाहिए।
- दिल बड़ा रखो
बढ़ती उम्र मैं अब मुझे एहसास होता है कि पिताजी का दिल काफी बड़ा है। उन्होंने कई ऐसी चीजें जिन्हें बच्चों को ज्यादा जरूरत होती है वह अक्सर उसे त्याग देते हैं, अपनी खुशी के लिए वे परिवार के सभी सदस्यों की ख्वाहिश पूरी करते हैं, और सबसे बड़ी बात कितनी भी गलती मैंने बचपन में की और आज भी करता हूं वे थोड़ी देर बाद भूल जाते हैं। जो दर्शाता है कि हमें भी दूसरों की भूल को माफ करना चाहिए और दूसरे की खुशी के लिए त्याग बलिदान करना चाहिए।
उपरोक्त गुण पिताजी के अंदर दर्शाते हैं कि वे साक्षात पृथ्वी पर ईश्वर के रूप में हमारे लिए आए है जो अपने परिवार, बच्चों की खुशी के लिए सर्वस्व न्योछावर करने के लिए तैयार रहते हैं। अतः एक पुत्र-पुत्री होने के नाते हमारा फर्ज बनता है कि उनका सम्मान करें और इस बुजुर्ग अवस्था में उसी तरह उनसे प्रेम करें, जिस तरह उन्होंने हमारी उम्र में किया।
My Father Essay in English 10 Lines for Class 1 to 8th
10 Lines on My Father in English
How to write an essay About Father in Hindi
मेरे पिता का नाम (यहां अपने पिता का नाम लिखे) उनकी उम्र और बताएं जहां वे कार्य करते हैं।
मेरे पिता मेरे लिए एक हीरो है जिनके लिए मैं और मेरे परिवार के अन्य सदस्य पूरी दुनिया है।
पिता जी समय के पाबंद है जो सर्दी हो या गर्मी हर मौसम में अपने सभी कार्यों को समय पर पूरा करते हैं, विशेषकर वे काम से कभी छुट्टी नहीं लेते है तथा कोई भी आवश्यक कार्य में टाल मटोल नहीं करते बल्कि उसे समय पर पूर्ण करते हैं। ”
समय सबसे अधिक बलवान हैं।”
यह कहते हुए वे हमें समय पर सभी कार्यों को करने की सलाह देते हैं। पिताजी से मुझे कई चीजें सीखने को मिलती हैं।
वे मुझे जिंदगी के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाने की सलाह देते है वे मुझे हमेशा जिंदगी की चुनौतियों के सामने डटकर खड़े होने, कभी भी हार ना मानने की बात कहते है और जीवन में बनाए गए लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत करने की सीख देते हैं। उसी का नतीजा है कि परीक्षाओं के समय में मैं चिंता मुक्त रह पाता हूं और प्रतिवर्ष अच्छे अंको से पास हो पाता हूं।
मैं अपने पिता को दिल से धन्यवाद करता हूं जिन्होंने मुझे जिंदगी में कुछ बेहतर करने के लिए लगातार प्रेरित किया है।
आज भी मेरे पिता स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है, वे सुबह उठकर प्रातः काल व्यायाम, एक्सरसाइज करते है तथा स्वस्थ रहने की अपनी आदत को मुझे भी अपनी दिनचर्या में शामिल करने की सलाह देते हैं। अक्सर जब मैं कभी देरी से उठ जाता हूं तो वह सुबह उठने के बाद मुझे जगा देते हैं।
मुझे यह आभास होता है कि पुत्र के जीवन में मां के अलावा ही पिता वह व्यक्ति है जो सबसे महत्वपूर्ण होता है क्योंकि मां जहां बच्चे को अच्छी शिक्षा संस्कार देती है वही पिता से मुझे जिंदगी में एक मजबूत इंसान बनने और जिम्मेदारियों को बखूबी निभाने की सीख मिलती हैं।
उम्र बढ़ने के साथ अब मुझे एहसास होता है कि एक पिता ही एक सच्चा दोस्त होता है जो कभी भी गलत राह पर हमें जाने नहीं देता है। अक्सर जब उनकी किसी बात को मैं काटता हूं तो कहते है कि यह सारी बातें तुम्हें तब समझ में आएगी जब तुम भी पिता बन जाओगे। भले ही वे हमें कितना डांट ले, फटकारे परंतु उसमें भी हमारी भलाई छुपी होती हैं।
मैं भगवान को बहुत-बहुत धन्यवाद करना चाहूंगा जिन्होंने मुझे ऐसे पिताजी दिए अतः हम सभी को मां के समान ही अपने पिता का आदर करना है। पिता एक सच्चे प्रेरक, मार्गदर्शक हैं, पिता पूरी जिंदगी हैं सदैव उनका ख्याल रखना चाहिए।
मेरे पिता पर निबंध | My Father Essay in Hindi 10 Lines
Aapka ye pita ke upar aadharit nibandh dil ko chhoo gaya.
sir ap bahut unique content dalte ho thanks
niceeee wow thanks sharring