Raksha Bandhan Essay in Hindi For School Students 1100+ Words
आज के इस लेख में मै आपके साथ रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay) शेयर करने जा रहा हूँ, जिसको आप अपने स्कूल में मंच पर याद करके बोल सकते हैं, या फिर अपनी कॉपी में लिख सकते हैं| तो चलिए भाई बहन पर निबंध पढ़ना शुरू करते हैं.
Raksha Bandhan Essay in Hindi For Class 1 To 12
हिन्दी कैलेंडर के मुताबिक साल का आठवा माह श्रावण का मास होता है और यह लगभग आ ही गया है| वर्षा की रिमझिम, बिजली की चमक तथा काले-कजरारे बादलों की घोर गर्जना तो आप सुन ही रहे हैं.
वर्षा की बूँदों ने सूखी-प्यासी धरती की प्यास बुझाकर उसके चाल को हरा-भरा और सुन्दर कर दिया है|
हरे-भरे पेड़-पल्लव शीतल मंद समीर के झोंकों के साथ झूम रहे हैं| जिधर दृष्टि डालिए, हरियाली-ही-हरियाली दृष्टिगत होती है| पपीहा की मधुर ध्वनि भी सुनाई पड़ रही है और दादुर अपना राग अलग ही अलाप रहे हैं.
इस मोहक वातावरण में आप ही बताइए की ऐसा कौन शुष्क-हृदय प्राणी होगा, जिसका मन आनंद और उल्लास से नृत्य न करने को चाहेगा ?
Essay on Raksha Bandhan in Hindi – रक्षाबंधन पर निबंध
यह हम सभी जानते हैं कि भारत एक विशाल देश है, यहाँ विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों व संप्रदायों के लोग निवास करते हैं| इनसे जुड़े हुए अनेक पर्व-त्योहार समय-समय पर होते हैं उत्साह का सचार करते हैं| इसलिए हिंदुओं के लिए संपूर्ण श्रावण मास ही ‘त्यौहार का मास’ माना जाता है.
हरियाली तीज, नागपंचमी, जन्माष्टमी, शिवकोटी आदि त्यौहार इसी मास में मनाए जाते हैं। ‘रक्षाबंधन’ इस मास का सबसे महत्त्वपूर्ण और लोकप्रिय त्योहार है| यह ‘श्रावण पूर्णिमा’ को मनाया जाता है.
जन-साधारण में इसका प्रचलित नाम ‘राखी’ है| वर्ण-व्यवस्था के अनुसार यह त्योहार ब्राह्मणों का है| रक्षाबधन हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है जो परस्पर प्रेम सौहार्द पवित्रता एव उल्लास का परिचायक है| यह त्योहार भाई-बहन के संबंधों को और भी मज़बूत करता है.
जरुर पढ़े => रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनायें सन्देश
रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है ? – रक्षाबंधन का इतिहास
इस संबंध में निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता| लेकिन जैसा की आप सभी जानते हैं की हिन्दुओ के हर त्यौहार के पीछे एक कहानी, एक आरम्भ ज़रूर होता है ठीक उसी तरह से रक्षाबंधन की कहानी कुछ इस तरीके से है:-
Raksha Bandhan Story in Hindi – रक्षा बंधन की कहानी
प्राचीन कथा के अनुसार देव-दानवों के मध्य एक बार भयंकर युद्ध हुआ और देवगण पराजित होने लगे| तब देवराज ईद्र की पत्नी शचि ने पति की विजयकामना हेतु उन्हें रक्षा-सूत्र बाँधकर संग्राम में भेजा| फलस्वरूप इंद्र ने विजयश्री का वरण किया| इसी दिन से रक्षाबंधन का पर्व मनाने की प्रथा का आरंभ हुआ.
श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन बहनें अपने भाइयों के हाथ में रक्षा-सूत्र अर्थात् “राखी” बाँधती हैं तथा उनकी दीर्घायु के लिए मंगल कामना करती हैं| वहीं भाई जीवन भर अपनी बहन की रक्षा का संकल्प लेता है.
इस प्रकार यह रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के परस्पर संबंधों की प्रगाढ़ता को दर्शाने वाला एक अनुपम एवं श्रेष्ठ त्योहार है.
रक्षाबंधन का महत्व – Happy Raksha Bandhan Essay in Hindi
रक्षाबंधन का यह त्यौहार आज भी प्रत्येक हिंदू भारतीय के हृदय में अपनी बहन द्वारा बाँधी हुई राखी का उतना ही महत्त्व और आदर है जितना कि प्राचीन काल में था|
रक्षाबंधन के दिन पंडित-पुरोहित अपने यजमानों के घर जाते हैं और पवित्र मंत्रों का उच्चारण करते हुए उनकी कलाई में ‘रक्षासूत्र’ बाँधते हैं.
यजमान ब्राह्मण को दक्षिणा आदि देकर सम्मानित करते हैं| रक्षाबंधन के दिन प्रातः काल स्नान करके एक स्वच्छ स्थान पर शुभ चौक पूरा जाता है, इसी चौक पर बहन भाई को बैठाकर राखी बाँधती है.
रक्षाबंधन के अवसर पर प्रत्येक बहन अपने भाई के मस्तक पर कुंकुम-अक्षत से रोचना करती है और मिठाई खिलाकर उसकी दीर्घायु की मंगल-कामना करती है| भाई भी अपनी सामर्थ्य के अनुसार बहन को स्नेह-उपहार भेंट करके अपने पावन स्नेह का परिचय देता है.
जिन बहनों के सहोदर भाई नहीं होते, वे भी रक्षाबंधन के दिन नाते-रिश्ते के भाइयों को ‘रक्षासूत्र’ बाँधकर अपनी रक्षा का भार उन्हें सौंपने में संकोच नहीं करतीं और भाई भी इस भार को सहर्ष स्वीकार करते हैं.
रक्षाबंधन के अवसर पर जिन बहनों के भाई विदेश में होते हैं, उनको भी राखी, अक्षत तथा कुंकुम आदि भेजकर बहनें अपने स्नेह का परिचय देती हैं.
Raksha Bandhan Essay – 10 Lines Of Raksha Bandhan For Kids
सामाजिक सौहार्द की दृष्टि से राखी का त्यौहार बहुत उपयोगी है, यह त्यौहार भाई-बहन को अटूट स्नेह-बंधन में बाँधे रखने में समर्थ है| उनके हृदय के दूषित मनोविकारों को नष्ट करने में सहायक होता है.
जब एक भारताय स्त्री किसी भी पुरुष को रक्षासूत्र बाँधकर उसे अपना भाई बना लेती है तब वह पुरुष जन्म-जन्मांतर तक उस राखी की मर्यादा को बनाए रखता है और उसे सदैव कुदृष्टि से बचाता है| इस रूप में रक्षाबंधन का अपना एक विशेष महत्त्व है.
दोस्तों शायद आप नहीं जानते होंगे की इस त्योहार का एक ऐतिहासिक महत्व भी है जो मध्यकालीन भारतीय इतिहास के मुगल शासनकाल से संबंधित है| चलिए जानते हैं रक्षाबंधन से जुड़ा इतिहास-
Raksha Bandhan History in Hindi Language – Importance Of Raksha Bandhan in Hindi
कहा जाता है कि एक बार गुजरात के शासक बहादुर शाह ने चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया| चित्तौड़ पर आई आकस्मिक विपदा से रानी कर्मवती चिंतित हो गईं और जब उन्हें आत्म सुरक्षा का कोई रास्ता नहीं दिखाई दिया तब उन्होंने हुमायूँ को रक्षा हेतु रक्षासूत्र (राखी) भेजा.
उस समय हुमायूँ स्वयं शेरशाह के साथ लड़ाई में उलझा हुआ था परंतु राखी की मर्यादा को कायम रखने के लिए वह कर्मवती की सहायता के लिए आया परंतु तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
यह ऐतिहासिक घटना निस्संदेह रक्षाबंधन की गरिमा एवं पवित्रता को दर्शाती है.
रक्षा-सूत्र बाँधते समय इस प्राचीन मंत्र का उच्चारण किया जाता, आप चाहे तो इस रक्षाबंधन के अवसर पर इस मंत्र को याद कर अपने भाई के कलाई पर राखी बांधते वक़्त इसका उच्चरण कर सकती हैं-
रक्षाबंधन का मंत्र | रक्षा सूत्र मंत्र इन हिंदी | कलावा मंत्र
“येन बद्धौ बली राजा, दानवेंद्रो महाबल: ।
तेन तवां प्रतिबध्नामि रक्षे ! मा चल मा चल ।।”
रक्षाबंधन का त्यौहार समस्त भारत में पूरे उल्लास व प्रेम के साथ मनाया जाता है| वैसे तो यह प्रमुखत: हिंदुओं का ही त्यौहार है परंतु हिंदुओं के अतिरिक्त अन्य धर्मों एवं संप्रदायों के लोग भी इसकी महत्वता को स्वीकार करते हैं.
इस दिन बाजारों और दुकानों में चहल-पहल भी देखते ही बनती है| रक्षाबंधन का पर्व भारतीय संस्कृति की एक अनुपम धरोहर है जो इसकी विशालता, अपनत्व एवं पवित्रता को दर्शाती है.
भावनात्मक एवं सांस्कृतिक रूप से मनुष्य को मनुष्य से जोड़ने के लिए यह त्योहार अद्वितीय भूमिका अदा करता है.
दोस्तों मेरा रक्षाबंधन इन हिन्दी का यह लेख यही पर समाप्त हो रहा है, आशा है इस लेख में आपको अनेक तरह की जानकारी मिली होगी और आपको इस लेख को पढ़ कर यक़ीनन ही अपने भाई की याद आई होगी.
मेरी ओर से रक्षाबंधन की आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाये, आपका दिन मंगल माय हो और हाँ दोस्तों..! इस लेख को आप अपने भाई-बहन और दोस्तों के साथ शेयर करना बिलकुल भी मर भूलियेगा और कमेंट करके अपनी राय हमारे साथ जरुर शेयर करें|
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Mast bhai aapki to baat hi Alag hau