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होली पर निबंध

होली पर निबंध 2022 | Holi Par Nibandh | Holi Essay in Hindi

नमस्कार, 10Lines.co में आज हम होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) लेकर आया हूँ। तो लेख को अंत तक पूरा पढ़ें और होली का निबंध, होली से हमें क्या लाभ होता है?, होली से क्या शिक्षा मिलती है?, होली पर 10 लाइन, 10 Lines on Holi in Hindi इत्यादि कि जानकारी प्राप्त करें।

होली पर निबंध 2022

भारत एक सांस्कृतिक और पारंपरिक देश है, जिसमें हर त्यौहार बहुत ही धार्मिक तरीके से और उल्लास के साथ मनाया जाता है, चलिए हम एक मुख्य त्यौहार होली (होली पर निबंध) के बारे में चर्चा करते हैं। दिवाली की तरह होली भी हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, यह त्यौहार रंगों के त्यौहार के नाम से भी चर्चित है। होली हमारे लिये सांस्कृतिक और पारंपरिक उत्सव है जिसे हम सभी बेहद खुशी के साथ मनाते है।

Holi Par Nibandh Hindi Mein (300 word)

होली का त्यौहार भारत में मनाए जाने वाले मुख्य त्योहार में से एक एक है। भारत के अतिरिक्त अन्य कई देशों में जहां भारतवासी रहते है वह होली का त्यौहार मनाते हैं। यू कहें तो होली रंगों का, खुशियों का त्यौहार है ही साथ में आपसी मतभेद और गिले शिकवे मिटाने का एक जरिया भी हैं। तो अगर जाने अनजाने कोई रूठ भी जाए तो ये दिन हमें एक और मौका देता है सारे शिकवे मिटाकर गले लगके होली खेलने का।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार होली मनाने के पीछे का कारण बुराई पर अच्छाई की जीत है तो ये इस त्योहार की पवित्रता को और बढ़ा देता हैं। ऐसा माना जाता है कि हिरण्यकश्यप नाम के घर में एक पुत्र पैदा हुआ जो जन्म से ही श्री हरिनारायण विष्णु भक्त (Vishnu Chalisa) था उसका नाम प्रह्लाद था। हिरण्यकश्यप ने उसे मारने के लिए अपनी बहन होलिका को बुलाया और उसे आग में बैठने को कहा, होलिका प्रह्लाद के साथ आग में बैठी तो खुद जल गई और भक्त प्रह्लाद बच गया। इसी के साथ होलिका का जो बुराई का प्रतीक थी अच्छाई के सामने टिक ना पाई।

होली में विशेष रूप से गुलाल और अबीर जैसे रंगों से लोग एक दूसरे को रंगते है चारों और रंगों में डूबा हुआ सा लगता है फाल्गुन का महीना। गुजिया की मिठास हो या भांग वाली ठंडाई या फिर खूब सारी मिठाईयां। होली ज्यादातर लोगों को शायद इसी लिए लुभाती हैं। पूरे भारत में होली का विभिन्न लोक संस्कृतियों भिन्न भिन्न प्रकार से मनाया जाता है और मुख्यत बृज की होली, वृंदावन की होली, बरसाना की होली और मथुरा की होली तो अपने आप में प्रसिद्ध है ही साथ ही राजस्थान और आगरा की होली भी अपने आप में एक अलग रूप दिखाती है होली की विविधता में। धन्यवाद!

Holi Essay in Hindi 10 Lines

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Holi Ka Nibandh Hindi Mein

Holi Per Nibandh: होली रंगों का एक प्रसिद्ध त्यौहार है जो हर साल फाल्गुन के महीने में भारत के लोगों द्वारा बड़ी खुशी के साथ मनाया जाता है। इंग्लिश कैलेंडर के हिसाब से यह मार्च के माह में मनाया जाता है। ये ढेर सारी मस्ती और खिलवाड़ का त्यौहार है खास तौर से बच्चों के लिये क्योंकि वो होली के एक हफ्ते पहले और बाद तक रंगों की मस्ती में डूबे रहते हैं।

होली कब मनाई जाती है और क्यों?

हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा इसे पूरे भारतवर्ष में मार्च के महीने में मनाया जाता है खासतौर से उत्तर भारत में यह त्यौहार ज्यादा प्रसिद्ध है।

Holi Kab Hai 2022 Mein Friday, 18 March 2022

इस उत्सव का अपना महत्व है, हिन्दू मान्यताओं के अनुसार होली का पर्व बहुत समय पहले प्राचीन काल से मनाया जा रहा है। हर त्यौहार मनाने के पीछे एक खास वजह होती है। उसी तरह सालों से भारत में होली मनाने के पीछे कई सारी कहानियां और पौराणिक कथाएं चर्चित हैं।

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होली क्यों मनाई जाती है बताइए निबंध के रूप में

बहुत समय पहले की बात है, एक राजा था हिरण्यकश्यप जिसका पुत्र प्रह्लाद था और वो उसको मारना चाहता था क्योंकि वो उसकी पूजा के बजाय भगवान विष्णु की भक्ती करता था। एक दिन हिरण्यकश्यप के कहने पर होलिका अपने भाई के पुत्र (प्रहलाद) को मारने के लिए आग में लेकर बैठ गई जिससे भक्त प्रह्लाद तो बच गये लेकिन होलिका मारी गई तब प्रहलाद के पिता जी की वो योजना भी असफल हो गई, क्योंकि वो भगवान विष्णु का भक्त था इसलिये प्रभु ने उसकी रक्षा की। षड्यंत्र में होलिका की मृत्यु हुई और प्रहलाद बच गया। उसी समय से हिन्दु धर्म के लोग इस त्यौहार को मना रहे है तभी से रंगों के इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।

होलिका दहन 2022

होली से ठीक एक दिन पहले होलिका दहन होता है जिसमें लकड़ी, घास और गाय के गोबर से बने ढ़ेर में इंसान अपने आप की बुराई भी इस आग में जलाता है। होलिका दहन के दौरान सभी इसके चारों ओर घूम कर अपने अच्छे स्वास्थ्य और यश की कामना करते है साथ ही अपने सभी बुराई को इसमें भस्म करते है। इस पर्व में ऐसी मान्यता भी है कि सरसों से शरीर पर मसाज करने पर उसके सारे रोग और बुराई दूर हो जाती है साथ ही साल भर तक सेहत दुरुस्त रहती है। होलिका दहन की अगली सुबह के बाद, लोग रंग-बिरंगी होली को एक साथ मनाने के लिये एक जगह इकठ्ठा हो जाते है।

होली का महत्व | Holi Nibandh in Hindi

इस त्यौहार की तैयारी इसके आने से एक हफ्ते पहले ही शुरू हो जाती है, फिर क्या बच्चे और क्या बड़े सभी बेसब्री से इसका इंतजार करते है और इसके लिये ढेर सारी खरीदारी करते हैं। यहां तक की वो एक हफ्ते पहले से ही अपने दोस्तों, पड़ोसियों और प्रियजनों के साथ पिचकारी और रंग भरे गुब्बारों से खेलना शुरु कर देते। इस दिन लोग एक-दूसरे के घर जाकर रंग गुलाल लगाते, साथ ही मजेदार पकवानों का आनंद लेते।

  • उत्तरी भारत में होली के खास मौके पर एक पकवान बहुत चर्चित है, जो की आपको हर घर में खाने को जरूर मिलेगा और उसका नाम है ⇒ गुजिया
  • अगर आप भी इस होली पर अपने घर आये मेहमानों का गुझिया से मुंह मीठा करना चाहते है तो आप इस लिंक पर क्लिक करके गुजिया की रेसिपी जान सकते हैं।

अब होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार बन चूका है, की जिसे हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन खोलकर भाई-चारे का संदेश देता है। इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले शिकवे भूल कर गले लगते है और एक दूजे को गुलाल और अबीर लगाते हैं। काफी जगह कई लोग (ख़ास कर लड़के) होली के समय एक टोली बनाकर निकलते है उन्हें हुरियारे कहते हैं।

होली पर लेख हिंदी में | Holi Par Lekh in Hindi

मैं आपको बता दूं की भारत में कुछ जगह की होली बहुत ही ज्यादा चर्चित है, आइये जानते हैं उन जगह के नाम-

Best Places To Celebrate Holi in India

  1. ब्रज की होली
  2. मथुरा की होली
  3. वृंदावन की होली
  4. बरसाने की होली
  5. काशी की होली

होली के दिन बहुत ज्यादा गाना बजाना भी होता है, लड़की लड़के सब एक साथ मिल के नाचते गाते है और अपनी खुशी जाहिर करते हैं।

देश के विभिन्न भाग में भिन्न भिन्न प्रकार से मनाई जाने वाली होली

राजस्थान की होली बताइए

राजस्थान की जब भी बात आती है तो सबसे पहले वहां का घूमर डांस जरूर याद आता है। बड़े-बड़े राजा महाराजाओं और वीर राजपूतों की कहानियों से भरा ये राज्य जाहिर सी बात है की होली भी अलग अंदाज से मनाता ही होगा। अब यहां के जिला जनपदों में अलग अलग तरीके से होली मनाई जाती हैं। तो चलिए जानते है आज राजस्थान की होली के बारे में कुछ अलग तथ्य:-

जयपुर की शाही होली

जयपुर पिंक सिटी के नाम से जाना जाता है लेकिन होली के दिन तो ये सतरंगी बन जाता है। होली का त्यौहार यह के पर्यटकों को आकर्षित करता हैं। होली पर हाथी महोत्सव भी मनाया जाता हैं। इस दिन हाथी पर सवार होकर लोग सूखे रंगों की होली खेलते है और शाही तरीके से होली मनाते है। माना जाता है कि पुराने राजा महाराजा इसी प्रकार हाथी पर सवार होकर एक दूसरे पर रंग उड़ाया करते थे और उसी परंपरा को आज भी बनाए हुए हैं। साथ ही पास में उदयपुर में तो शाही घोड़ों और बैंड बाजे के साथ एक रैली निकाली जाती है जो सिटी पैलेस तक जाती हैं। इस रैली में शरीख होने के लिए लोग दूर दूर से आते है और एक अलग शाही अंदाज हैं। हाथी महोत्सव इसमें चार चांद लगा देता है जब हाथियों को सुंदर तरीके से सजाया जाता है उन्हें सुंदर पोशाक पहनाई जाती हैं।

फूलों की होली राजस्थान में भी

जयपुर के गोविंद देवजी मंदिर में फूलों से होली खेली जाती हैं। गौरतलब है इस तरह की प्रसिद्ध होली तो बृज में खेली जाती है पर ये परंपरा यहां भी खुशबू की तरह अपनी सुगंध लिए पहुंच गई होगी।

चंग नृत्य और महरी नृत्य

राजस्थान में पुरुष चंग को एक हाथ में डालकर दूसरे हाथ से थपकी बजते हुए साथ में लिए झूम कर नाचते है और जो पुरुष स्त्री का वेश धारण किए होते हैं उन्हें महरी कहा जाता है और साथ में बांसुरी की और झांझ की ताल पर सुंदर सामूहिक नृत्य मन मोह लेता हैं।

स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करती हैं दक्षिण भारत की होली

दक्षिण भारत की होली प्रमुखता ये है कि स्वास्थ्य संबधी बातों का भी होली के दौरान विशेष ध्यान रखते हैं। होलिका दहन होने के बाद ये लोग दहन की राख को विभूति के भांति अपने माथे पर लगा लेते है और चंदन तथा हरी कोंपलों या आम की बौर को मिलाकर उसे पीते है जिससे स्वस्थ भी ठीक रहता है और होली का मजा दुगुना भी हो जाता हैं।

उपसंहार

होली मौज मस्ती और खुशियों का त्यौहार तो है ही, पवित्र त्योहार भी है तो इसकी पवित्रता बनी रहे ऐसा प्रयास हमें सदैव करना चाहिए। इसके लिए हमें प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करना चाहिए और इसके साथ जो संदेश है उसे भी अपने अंदर धारण करना चाहिए कि भाई चारा, आपसी प्रेम, सौहार्द और अच्छी भावना के बिना ये त्योहार बस मौज मस्ती और हुरदंगी का प्रतीक बन के रह जायेगा।


निष्कर्ष

दोस्तों, सब अपनी जगह बिलकुल सही है, त्यौहार है मनाइए लेकिन मेरी ये गुजारिस है आप सभी लोगों से की पानी ज्यादा बर्बाद ना करें। आज कल बाजार में अच्छी क्वालिटी के रंगों का प्रयोग नहीं होता और त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले रंगों से होली खेली जाती हैं। यह सरासर गलत है, इस मनभावन त्योहार पर रासायनिक लेप व नशे आदि से भी दूर रहना चाहिए। बच्चों को भी सावधानी रखनी चाहिए, बच्चों को बड़ों की निगरानी में ही होली खेलना चाहिए। दूर से गुब्बारे फेंकने से आंखों में घाव भी हो सकता है, रंगों को भी आंखों और अन्य अंदरूनी अंगों में जाने से रोकना चाहिए। यह मस्ती भरा पर्व मिलजुल कर मनाना चाहिए, खुशी से और सब एक साथ मिल के अपनी दोस्ती को बरकरार रखते हुए मिल जुल के होली खेलिए।

दोस्तों, मेरा आज का होली पर निबंध का यह लेख यहीं समाप्त होता है, आशा है आपको इस लेख में बहुत जानकारी मिली होगी। इस लेख को अपना महत्वपूर्ण समय देने के लिए आपका धन्यवाद, आप चाहे तो इस लेख को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं। दोस्तों, इस वेबसाइट को विजिट करते रहिये और अगर आपको कुछ चाहिए जो यहां पर आपको नहीं मिलता है तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं, मैं जल्द से जल्द उस विषय से जुड़ी सारी जानकारी आपके लिए अपडेट करूँगा।

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3 Comments

  1. हिन्दु धर्म के लोगों द्वारा इसे पूरे भारतवर्ष में मार्च के महीने में मनाया जाता है खासतौर से उत्तर भारत में यह त्यौहार ज्यादा प्रसिद्ध है.

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