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सेल्स और मार्केटिंग में क्या अंतर है

सेल्स और मार्केटिंग में क्या अंतर है? – Difference Between Sales and Marketing in Hindi

क्या आप जानते हो सेल्स और मार्केटिंग में अंतर क्या है? अगर नही, तो इस लेख में मै आपको Difference Between Sales and Marketing in Hindi Language में समझाऊंगा.

मार्केटिंग और सेल्स का टॉपिक बहुत ही कन्फ्यूजन भरा है, और खास बात यह है कि कई लोगो का मानना है की मार्केटिंग ही सेल्स है.

लेकिन यहाँ सबसे बड़ा सवाल यह है कि लोग मार्केटिंग को सेल्स क्यों समझते हैं?

आप भी इस बात पर गौर करें और सोचिए उसके बाद आप नीचे दिये कमेंट बॉक्स में कमेंट कर अपना उत्तर हमारे साथ शेयर कर सकते हैं.

सेल्स और मार्केटिंग क्या है – What is Sales and Marketing in Hindi

सेल्स और मार्केटिंग ये ऐसी टर्म है जिसको आपने कई बार सुना जरूर होगा, परंतु यह आवश्यक नहीं है की इसके बीच का अंतर आपको ज्ञात हो|

ज्यादातर लोगो का यह मानना है कि यह दोनों टर्म सेल्स एंड मार्केटिंग एक ही है, अर्थात दोनों का बिलकुल एक ही है| इसलिए आप इन दोनों शब्दों का इस्तेमाल कुछ भी बेचने के बारे में बात करते वक्त कर सकते हैं.

चलिये मैं आपको इन शॉर्ट पहले इन दोनों के बीच का फर्क समझाता हूँ, उसके बाद हम इस पर विशेष चर्चा उदाहरण के साथ करेंगे ताकि आपको सेल्स और मार्केटिंग का फर्क अच्छे से समझ में आ जाये.

Sales and Marketing Difference in Hindi

छोटे और मध्यम आकार के बिजनस में सेल्स और मार्केटिंग टर्म एक साथ इस्तेमाल किया जाता है| परन्तु बड़ी कम्पनीज में ऐसा बिलकुल भी नहीं है वहां सेल्स और मार्केटिंग दो अलग – अलग विभाग होते है और बड़ी आर्गेनाईजेशन में रोल्स और रेस्पॉन्सिबिलिटीज़ ज्यादा स्पेशलाइज्ड ढंग से बांटी जाती है.

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शायद ऊपर लिखे पंक्ति को पढ़ कर आपको सेल्स और मार्केटिंग के बीच का फर्क अब धीरे-धीरे समझ में आ रहा होगा, आइये अब थोड़ा विस्तार में इसको समझते हैं.

अब मैं आपको अंदर की बात को बताता हूँ:- जब भी आप किसी मार्केटिंग के बंदे से बात करते हैं, वो यकीनन ही अपनी कंपनी के प्रोडक्ट का आपके सामने एडवर्टाइजमेंट करके सेल्स का काम कर रहा होता है.

शायद यही वजह है कि हम अंदर की बात को तो जानते नहीं है लेकिन इस प्रक्रिया को देख कर यही समझ लेते हैं, और फिर यही कान्सैप्ट हमारे दिमाग में बन जाता है.

अब दूसरा सवाल यहाँ यह उठता है की क्या मार्केटिंग सेल्स नहीं है? चलिये इस प्रश्न का उत्तर जानने की कोशिश करते हैं, ताकि आपके मस्तिष्क में जो मार्केटिंग और सेल्स को लेकर कान्सैप्ट बना हुआ है वो क्लियर हो जाये.

सेल्स और मार्केटिंग में अंतर क्या है – Difference Between Marketing & Sales in Hindi

Difference Between Sales and Marketing in Hindi

मार्केटिंग सेल्लिंग या सेल्स के अलावा भी बहुत कुछ है, इसका मतलब यह है की मार्केटिंग के अंदर सेल्स के अलावा और भी कई एलिमेंट्स है.

चलिये सबसे पहले हम सेल्स शब्द का अर्थ, परिभाषा एवं उदाहरण को पढ़ते हुए इसको समझने का प्रयास करते हैं-

सेल्स क्या है – What is Sales in Hindi

सेल्स का काम मुख्य तौर पर मौजूदा ग्राहक और चैनल पार्टनर के साथ रिलेशन बनाना और उनकी रेक्विरेमेंटस को फुलफिल करना होता है|

यदि हम आसान शब्दों में सेल्स शब्द का अर्थ समझे तो हम समझ सकते हैं कि जो भी स्टॉक अर्थात आपका जो भी समान है, प्रोडक्ट है उसे बेकना|

सेल्स टीम का काम है – दरवाजे खटखटाना, अगर किसी तरह की कंप्लेंट या ओब्जेक्शन्स है तो उन्हें मैनेज करना, प्राइस व टर्म्स और कंडीशन को फाइनल करना, और कस्टमर के ऑर्डर को पूरा करना होता है.

सेल्स अपने मंथली, क्वार्टर, हाफ इयरली और इयरली टार्गेट्स को पूरा करने पर ज्यादा फोकस करते है.

क्या अब आपको सेल्स टर्म का अर्थ समझ में आया, यदि हाँ तो चलिये आगे बढ़ कर मार्केटिंग के कान्सैप्ट को समझते हैं, और यदि नहीं आया कोई कन्फ्यूजन है तो कमेंट कर क्लियर करें.

मार्केटिंग क्या है – What is Marketing in Hindi

मार्केटिंग का मुख्य तौर पर कई प्रकार का काम होता है, जैसे कि-

  1. कस्टमर के पर्सपेक्टिव से मार्केट को समझना|
  2. मार्किट रिसर्च करना|
  3. भविष्य की जरूरतों को देखते हुए रणनीति बनाना|
  4. मार्किट के कम्पटीशन का एनालिसिस करना|
  5. लॉन्ग लास्टिंग रिलेशनशिप बनाना|
  6. ब्रांड आइडेंटिटी बनाना|
  7. कस्टमर की जरुरत के हिसाब से प्रोडक्ट तैयार करना|
  8. मार्किट कम्पटीशन के हिसाब से प्राइस फिक्स करना|
  9. स्ट्रांग एडवरटाइजिंग टूल्स का इस्तेमाल करना|

वैसे तो आप मार्केटिंग के कान्सैप्ट को समझ गए होंगे, लेकिन फिर भी यदि आपको एक लाइन में इसको समझना है तो आप इस प्रकार से समझ सकते हैं.

मार्केटिंग की परिभाषा – सेल्स और मार्केटिंग में फर्क क्या है ?

कस्टमर की जरूरत को समझना और उसके मुताबिक प्रोडक्टस या सर्विसेस को बेचना जिससे की कंपनी को उससे अच्छा मुनाफा हो सके|

तो इससे हम यह बोल सकते हैं कि मार्केटिंग की शुरुआत कस्टमर के जरूरत को समझने से ही शुरू हो जाती है और कस्टमर को समान बेचने के बाद भी चलती रहती है.

मार्केटिंग का उदाहरण : जैसे पतंजलि से समझा की लोगो को एक हर्बल टूथपेस्ट की जरूरत है, और फिर दांत कांति का निर्माण किया और यदि हम देखे तो भारत के लगभग 70-75% घरों में आज इस्तेमाल भी किया जा रहा है.

मुख्य बात – इस परिस्थिति में सेल्स का काम कब होगा?

जब आप कस्टमर के डिमांड के अनुसार प्रोडक्ट को बनाएंगे, उसके बाद कि जो प्रक्रिया होगी समान को लोगों तक पहुंचाने की वो सेल्स कहलाती है.

चलिये अब हम मार्केटिंग के कुछ मुख्य तथ्य को एक एक कर समझते हैं:-

सेल्स एंड मार्केटिंग इन हिंदी – Sales and Marketing Information in Hindi

1. Marketing Research :

(किसी भी प्रोडक्ट को बनाने से पहले आपके लिए यह सोचना बहुत ही आवश्यक है कि मार्केट में उस प्रोडक्ट से जुड़े और क्या-क्या समान हैं, और वो किस हिसाब से बीक रहे हैं|)

2. Consumer Behavior :

(प्रोडक्ट को लेकर कस्टमर की क्या विचार धारा है, यह भी आपके लिए समझना बहुत ही आवश्यक है|)

3. Consumer Market :

4. Business Market :

(अब आप कस्टमर के चक्कर में अपना लॉस तो नहीं करवाएंगे ना, इसलिए आपको पहले यह अंदाजा लगाना होगा कि जब आप प्रॉडक्ट को मार्केट में लायेंगे तो उसका आपके बिजनस पर क्या प्रभाव होगा|)

5. Brand Management :

(जिस भी ब्रांड का प्रोडक्ट आप बनाते हैं अर्थात उसकी केटेगरी पर भी आपको ध्यान देना है|)

6. Product Management :

(जिस भी प्रोडक्ट को आप बनाते हैं, उसको अच्छे से मैनेज करके आप मार्केट में लाये| जैसे कि उसका शेप, साइज इत्यादि|)

7. New Product Development :

(नए प्रोडक्ट में आप पुराने के मुकाबले, जितना ज्यादा और नई क्वालिटी को एड़ कर सकते हैं उतना ही बढ़िया होगा|)

8. Product Life Cycle :

(ध्यान रखें कि आपके द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट का आपके अनुसार लाइफ स्पान कितना हो सकता है| कही आप ऐसा प्रोडक्ट बना दें जो सिर्फ 2 महीने चले उसके बाद बंद|)

9. Pricing Strategies :

(मार्केटिंग के इंसान के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण पॉइंट हो सकता है = जब भी प्रोडक्ट को बनाते हैं एवं उसका दाम फिक्स करते हैं तो ध्यान दे की आप उस प्रोडक्ट को ना तो बहुत हाइ प्रोफ़ाइल के लोगों के लिए बनाए ना ही गरीब लोगों को मध्य नजर रखते हुये|

आपको बस मध्यम वर्गीय लोगों की जरूरतों को ध्यान में रख कर प्रोडक्ट बनाना है, क्यूंकी भारत में ज्यादातर इंसान इसी केटेगरी के हैं|)

10. Promotions & Advertisement :

(यह बहुत ही आवश्यक है, नया प्रोडक्ट यदि आप मार्केट में लॉंच कर रहे हैं तो आपको उसको प्रमोट करना बहुत ही आवश्यक है| वरना आप खुद सोचो ना कि क्या घर बैठे लोग आपके द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट के बारे में सपना तो आएगा नहीं, इसके लिए आपको प्रमोशन जरूर करना चाहिए|)

11. Sales and Distribution :

(आखिर में बात आती है कि उस प्रोडक्ट को आप सेल्लिंग किस के माध्यम से और किस जगह को मुख्य तौर पर फोकस करके करेंगे|)

दोस्तों मार्केटिंग के कान्सैप्ट को मैं जितना अच्छे से समझा सकता था, वो मैंने आपको समझा दिया है| यदि आपको कोई डाउट है तो कमेंट कर के क्लियर कर सकते हैं.

चलिये अब एक टेबल के अनुसार हम सेल्स और मार्केटिंग के मध्य के अंतर को एक बार फिर से समझ लेते हैं, उसके बाद मैं इस लेख की समाप्ति कर दूंगा.

What is The Difference Between Sales and Marketing with Examples in Hindi

Sales and Marketing Difference in Hindi

सेल्स मार्केटिंग
समान को बेचना सेल्स कहलता है|
कस्टमर के डिमांड के अनुसार समान को बनाना, बेचना एवं उसके बाद उसके फीडबक्क के अनुसार उसको अपग्रेड करना मार्केटिंग कहलता है|
यह मार्केटिंग का ही एक पार्ट है|
मार्केटिंग अपने आप मे ही एक बहुत बड़ी टर्म है|
इसका एरिया मार्केटिंग के मुकावले बहुत ही छोटा है| मार्केटिंग का एरिया बहुत ही वाइड है|
सेल्स अपने मंथली, क्वार्टरली, हाफ इयरली और इयरली टार्गेट्स को पूरा करने पर ज्यादा फोकस करती है|
प्रॉडक्ट बनाने से पहले से ले कर समान को बेचने के बाद तक का हर चीज़ पर इसका फोकस रेहता है|

आशा है अब आप सेल्स और मार्केटिंग में फर्क को समझ पा रहे होंगे, और यदि जरूरत पड़े तो अब आप इसे दूसरों को भी समझा सकेंगे.

इस लेख को आपने अंत तक पढ़ा, उसके लिए आपका धन्यवाद| आप चाहे तो इस लेख को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर भी कर सकते हैं.

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