दीपावली पर 10 लाइन हिंदी में लिखें
नमस्ते, 10Lines.co में आज हम दिवाली पर 10 वाक्य अर्थात “in English, 10 Lines on Diwali in Hindi” के विषय के ऊपर चर्चा करने जा रहे हैं। तो लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें और दिवाली कब है, दीपावली का अर्थ क्या है, दीपावली का प्राचीन नाम क्या है, दिवाली पर निबंध और दीपावली कैसे बनाते हैं, इत्यादि की जानकारी प्राप्त करें और अपना ज्ञान बढ़ाएं।
10 Lines on Diwali in Hindi
भारत एक ऐसा देश है जहां 9 से अधिक धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं। यही कारण है कि विविधताओं में एकता के प्रसिद्ध हमारे देश में आए दिन कोई न कोई त्योहार मनाया जाता है। इन सभी त्योहारों में दिवाली के पर्व का विशेष महत्व है क्योंकि भारत में रहने वाले लगभग सभी लोग धूमधाम से दिवाली मनाते हैं।
दिवाली के विषय में अक्सर दीपावली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) लिखने के लिए कहा जाता है तो अगर आप इस विषय पर एक अच्छा और दूसरों से अलग दिवाली पर निबंध 10 लाइन का लिखना चाहते हैं तो दिवाली के ऊपर लिखी गई यह दिवाली पर 10 पंक्तियां आपके बहुत काम आ सकती हैं।
Diwali Par 10 Line in Hindi
- 👉 दिवाली को रोशनी का त्योहार कहा जाता है। दिवाली के अवसर पर घरों को दिए और मोमबत्तियां से सजाया जाता है।
- 👉 दिवाली भारत के सबसे बड़े और धूमधाम से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक हैं।
- 👉 भगवान श्री राम के 14 वर्ष वनवास को खत्म करके अयोध्या लौटने पर दिवाली मनाई जाती है।
- 👉 दिवाली के अवसर पर घरों को दीपों से सजाया जाता है और घरों में रंगोली बनाई जाती हैं।
- 👉 दिवाली के अवसर पर प्रथम पूज्य गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
- 👉 बच्चों को दिवाली बहुत पसंद होती है क्योंकि दिवाली के अवसर पर वह पटाखे जलाते हैं और ढेर सारी मिठाइयां खाते हैं।
- 👉 दिवाली के शुभ अवसर पर लोग एक दूसरे को मिठाइयां और तोहफे भेजते हैं।
- 👉 दिवाली के दिनों में बच्चों को पूजा की काफी लंबी छुट्टियां दी जाती हैं।
- 👉 दिवाली से पहले धनतेरस के अवसर पर लोग ढेर सारी खरीदारी करते हैं।
- 👉 दिवाली सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला त्यौहार है बूढ़े बच्चे सभी इस त्यौहार को बहुत पसंद करते हैं।
Essay on Diwali in Hindi 10 Lines
- 👉 दीपावली हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाले सबसे बड़े त्यौहारों में से एक माना जाता है।
- 👉 दिवाली के अवसर पर बहुत से हिंदू लोग नए साल की शुरुआत करते हैं और बहुत से लोग अपने नए व्यापार की शुरुआत करते हैं।
- 👉 हिंदुओं के कैलेंडर के अनुसार दिवाली “कार्तिक महीने” के अमावस्या के दिन मनाई जाती है।
- 👉 दिवाली के दूसरे दिन को छोटी दीपावली व नरक चतुर्दशी के नाम से भी जानते हैं।
- 👉 दिवाली के तीसरे दिन असली दिवाली होती है क्योंकि इसी दिन श्री गणेश और माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती हैं।
- 👉 दिवाली के दिन हर गली मोहल्ला, दिए की रोशनी से जगमगाता है।
- 👉 दिवाली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है और भगवान श्री कृष्ण की भी पूजा अर्चना की जाती है।
- 👉 दिवाली के पांचवे दिन भाई दूज मनाया जाता है यह त्यौहार भाई बहन के रिश्ते को मजबूत बनाता है।
- 👉 दिवाली का त्यौहार केवल भारत में ही नहीं बल्कि दूसरे देश जैसे फ़िजी, गयाना, श्रीलंका और म्यांमार में भी मनाया जाता है।
- 👉 दिवाली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।
दीपावली पर निबंध 200 शब्दों में
दिवाली हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार है। यह केवल भारत में ही धूमधाम से नहीं मनाया जाता बल्कि पूरे विश्व में मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार बच्चों को बहुत पसंद होता है और बच्चे इस त्यौहार का इंतजार पूरे साल करते हैं। केवल बच्चे ही नहीं बड़े बूढ़े भी दिवाली का त्योहार बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं।
दिवाली का त्योहार अक्टूबर से नवंबर के महीने के बीच मनाया जाता है। दिवाली विजयदशमी के ठीक 20 दिन बाद मनाया जाता है। दिवाली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। क्योंकि दिवाली के दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था। आज भी दिवाली का पर्व लोग पारंपरिक अंदाज में पूरे रीति-रिवाज के साथ मनाते हैं।
दिवाली का इतिहास: दिवाली की शुरुआत कैसे हुई?
हम हिंदू हर साल दिवाली का त्यौहार मनाते हैं! दीपावली मनाने के विषय में कई सारी दिवाली पर पौराणिक कहानियां सुनने को मिलती है।
मां लक्ष्मी का जन्म
हमारे पवित्र ग्रंथ पुराण के अनुसार कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था। भारत के विभिन्न स्थानों पर दीपावली की पूजा में मां लक्ष्मी जी की पूजा होती हैं। मां लक्ष्मी जी की पूजा संध्या के समय की जाती हैं। पूजा के दौरान सभी लोग धन-धान्य की कामना मां लक्ष्मी से करते है।
श्री राम का अयोध्या आना दीपावली
त्रेतायुग में जब राम जी ने रावण का वध करके सीता जी को बचाया था और अपने 14 वर्ष के वनवास को पूरा करके अयोध्या लौट रहे थे तब उनके अयोध्या आने की खुशी में सभी अयोध्या वासियों ने बड़े ही धूमधाम से उनके आने का स्वागत किया था और उनके स्वागत के लिए अयोध्या वासियों ने घर को रंगोली और दीपों से सजाया था। बहुत से लोग इसी बात पर विश्वास करते हैं कि राम जी ने रावण का वध करके बुराई को खत्म किया था। इसीलिए बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने के लिए हर साल दिवाली मनाई जाती है।
फसल उत्सव
भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषि भारत की कमाई का अग्रणी स्रोत है। उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत हर जगह कृषि की जाती है। दिवाली के समय दक्षिण भारत में उगाए गए चावलों की कटाई की जाती है। क्योंकि फसलों की कटाई किसान के लिए किसी उत्सव से कम नहीं होती। अतः फसलों की यह कटाई दीपावली के समय होती है इसलिए किसान दिवाली को फसलों की कटाई के उत्सव के रूप में भी मनाते हैं।
दिवाली क्यों मनाई जाती है और कैसे मनाई जाती है?
दिवाली 5 दिनों तक मनाया जाने वाला त्यौहार है। इस त्यौहार के आने से ठीक कुछ दिन पहले से ही तैयारी होने लगती है। दिवाली आने के कुछ समय पहले से ही लोग अपने घरों और दुकानों की साफ सफाई करने लगते हैं। बहुत से लोग तो दीपावली के 10 – 20 दिन पहले से ही तैयारी में जुट जाते हैं।
दीपावली के समय घरों को अच्छे से साफ किया जाता है और बहुत से लोग अपने घरों और दुकानों को फिर से रंग करते हैं। घर की रंगाई के साथ-साथ घर में मौजूद लकड़ी के सामानों को भी नए रंग से रंगा जाता है। इस साफ सफाई के दौरान घर में जो भी बेकार की चीजें मिलती हैं उन सब को बाहर फेंक दिया जाता है। लोग अपने घरों को दिवाली के अवसर पर नए जैसा बना देते हैं।
दिवाली के दिन जिस दिन शाम को पूजा होती है उस दिन लोग अपने घरों को लालटेन और अन्य रोशनी करने वाली लाइटों से सजाते हैं। घर की सुंदरता को बढ़ाने के लिए घरों में दिए और मोमबत्ती भी जलाए जाते हैं। घरों को सुंदरता से सजाने के लिए घर के आंगन में सुंदर रंगोली बनाने के बाद लोग नए नए कपड़े पहन कर पूजा की तैयारी करने लगते हैं।
शाम के समय भगवान गणेश जी और लक्ष्मी जी की मूर्ति की स्थापना की जाती है और जिन लोगों के घरों में पीतल या सोने चांदी के गणेश जी की पूजा होती है वह भी पूजा स्थान पर भगवान को फिर से स्थापित करते हैं।
भगवान की स्थापना के बाद उन्हें पुष्प और फल व अन्य सामग्री अर्पित की जाती है। फिर मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करने के लिए उन्हें धूप दिखाया जाता है। तत्पश्चात गणेश जी और महालक्ष्मी की आरती की जाती हैं। पूरे विधि विधान से पूजा संपन्न हो जाने के बाद लोग अपने दोस्तों व परिवारों को पूजा का प्रसाद और मिठाइयां देते हैं। बहुत से लोग तो आजकल मिठाइयों के जगह एक-दूसरे का मुंह मीठा करने के लिए चॉकलेट देते हैं।
दीपवाली के अवसर पर बहुत से घरों में बच्चों को अच्छे अच्छे कपड़े व नए-नए तोहफे दिए जाते हैं। मिठाई खाने के बाद बच्चे पटाखे जलाने के लिए जाते हैं। छोटे-छोटे बच्चे फुलझड़ी जलाते हैं और बड़े बच्चे रॉकेट व बम फोड़ते हैं।
दीपवाली के अवसर पर सभी लोगों के मुख में आनंद का एक अलग ही भाव देखने को मिलता है। जहां बच्चे मिठाई खाने और पटाखे जलाने से खुश होते हैं तो वही बड़े लोग अपने नकारात्मक विचारों को छोड़कर सकारात्मक विचारों को अपनाने से खुश होते हैं।
दिवाली एक ऐसा त्यौहार है जिसमें बुरे से बुरे लोग अपनी बुराई छोड़कर अच्छाई की ओर बढ़ने पर मजबूर हो ही जाते है और नफरत भुलाकर लोगों के प्रति दोस्ती का हाथ बढ़ाते हैं। यही कारण है कि दिवाली का त्योहार बच्चों के साथ-साथ बड़े लोगों के मन को भी पसंद आता है और सभी इस त्यौहार का इंतजार पूरे जोश के साथ पूरा साल करते हैं। हालांकि दीपावली में पटाखे जलाने की वजह से वातावरण में प्रदूषण की समस्या देखने को मिलती है, विशेषकर शहरों में अतः इस पर्व के दौरान पटाखे सीमित मात्रा में ही जलाने की सलाह दी जाती है।
निष्कर्ष
तो साथियों दीपावली का यह लेख यही समाप्त होता है, हमें आशा है दिवाली पर 10 लाइन (10 Lines on Diwali in Hindi) पर लिखा गया यह लेख आप सभी के लिए उपयोगी साबित होगा। आप सभी को 10Lines.co की तरफ से दीपावली के इस पावन पर्व की ढेर सारी शुभकामनाएं। मां लक्ष्मी का आशीर्वाद और भगवान श्री राम की कृपा आप सब पर बनी रहे, यही हम कामना करते है। धन्यवाद!