Diwali Festival Essay in Hindi
प्रिय बच्चों, दिवाली का त्यौहार बस कुछ ही समय में आने वाला और अब आपको छुट्टियों में “दिवाली पर निबंध” लिखने को जरूर मिलेगा।
भारत के लगभग सभी विद्यालयों में दिवाली से पहले कम से कम 3 दिन का अवकाश तो जरूर होता है, और उसी वक्त हिंदी विषय के शिक्षक एक काम जरूर देते है वो होता है दिवाली एस्से। बच्चा चाहे तीसरी कक्षा का हो या फिर आठवी कक्षा का हो, लिखना उनको जरूर होता है कि उन्होंने दिवाली कैसे मनाई? या फिर उनके लिए दिवाली का क्या महत्व है?
आज के इस लेख में मैं आपको कुल 5 दिवाली एस्से (दिवाली पर निबंध) लिख कर अपडेट कर रहा हूँ।
आप चाहे तो इनको भी अपनी कॉपी में लिख सकते हैं, या फिर आप इनको पढ़ लीजिये और फिर अपने शब्दों में अपनी कॉपी में लिख कर अपने अध्यापक/अध्यापिका से चेक करा सकते हैं। तो चलिए अब पढ़ना शुरू करते हैं दिवाली पर लिखे निबंध को जो इस प्रकार है।
मेरा पसंदीदा त्योहार दिवाली पर निबंध 150 शब्द में
दिपावली एक महत्वपूर्णं और प्रसिद्ध उत्सव है जिसे हर साल देश और देश के बाहर विदेश में भी मनाया जाता है। इसे भगवान राम के चौदह साल के वनवास से अयोध्या वापसी के बाद और लंका के राक्षस राजा रावण को पराजित करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। भगवान राम की वापसी के बाद, भगवान राम के स्वागत के लिये सभी अयोध्या वासीयों ने पूरे उत्साह से अपने घरों और रास्तों को सजा दिया।
ये एक पावन हिन्दू पर्व है जो बुराई पर सच्चाई की जीत के प्रतीक के रुप में है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा के बाद आतिशबाजी का दौर शुरू होता है। इसी दिन लोग बुरी आदतों को छोड़कर अच्छी आदतों को अपनाते है। भारत के कुछ जगहों पर दिवाली को नये साल की शुरुआत माना जाता है।
दिवाली सभी के लिये एक खास उत्सव है क्योंकि ये लोगों के लिये खुशी और आशीर्वाद लेकर आता है। इससे बुराई पर अच्छाई की जीत के साथ ही नये सत्र की शुरुआत भी होती है।
दीपावली पर निबंध हिंदी में 250 शब्द
Diwali Essay in Hindi Language
भारत एक ऐसा देश है जिसको त्योहारों की भूमि कहा जाता है, इन्हीं पर्वों में से एक खास पर्व है दीपावली। जो दशहरा के 20 दिन बाद अक्टूबर या नवंबर के महीने में आता है। इसे भगवान राम के 14 साल का वनवास काटकर अपने राज्य में लौटने की खुशी में मनाया जाता है। अपनी खुशी जाहिर करने के लिये अयोध्यावासी इस दिन राज्य को रोशनी से नहला देते है साथ ही पटाखों की गूंज में सारा राज्य झूम उठता है।
दिवाली को रोशनी का उत्सव या लड़ीयों की रोशनी के रुप में भी जाना जाता है जोकि घर में लक्ष्मी के आने का संकेत है साथ ही बुराई पर अच्छाई की जीत के लिये मनाया जाता है।
असुरों के राजा रावण को मारकर प्रभु श्रीराम ने धरती को बुराई से बचाया था। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अपने घर, दुकान, और कार्यालय आदि में साफ-सफाई रखने से उस स्थान पर लक्ष्मी का प्रवेश होता है। उस दिन घरों को दियों से सजाना और पटाखे फोड़ने का भी रिवाज है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नई चीजों को खरीदने से घर में लक्ष्मी माता आती है। इस दिन सभी लोग खास तौर से बच्चे उपहार, पटाखे, मिठाईयां और नये कपड़े बाजार से खरीदते है। शाम के समय, सभी अपने घर में लक्ष्मी अराधना करने के बाद घरों को रोशनी से सजाते है। पूजा संपन्न होने पर सभी एक दूसरे को प्रसाद और उपहार बाँटते है साथ ही ईश्वर से जीवन में खुशियों की कामना करते है।
अंत में पटाखों और विभिन्न खेलों से सभी दिवाली की मस्ती में डूब जाते है।
छोटे बच्चों के लिए दिवाली पर निबंध 300 शब्द
Deepawali Essay in Hindi For Class 3 To 10
हिन्दू धर्म के लिये दिपावली एक महत्वपूर्णं त्योहारो में से एक है| इसमें कई सारे संस्कार, परंपराएं और सांस्कृतिक मान्यताएं हैं| इसे सिर्फ देश में ही नहीं वरन् विदेशों में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है.
इस उत्सव से जुड़ी कई सारी पौराणिक कथाएँ है| इस कहानी के पीछे भगवान राम की राक्षस रावण पर जीत के साथ ही बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक के रुप में भी देखा जाता है.
लोग इस पर्व को अपने परिजनों और खास मत्रों के साथ बहुत धूम धाम से मनाते है| इसमें वो एक-दूसरे को उपहार, मिठाईयाँ और दिपावली की बधाई देकर मनाते है.
इस खुशी के मौके पर सभी भगवान की अराधना कर, खेलों के द्वारा, और पटाखों के साथ मनाते हैं| सभी अपनी क्षमता के अनुसार अपने प्रियजनों के लिये नये कपड़े खरीदते है| बच्चे खास तौर से इस मौके पर चमकते-धमकते कपड़े पहनते है और बहुत खुश भी होते हैं.
देवी लक्ष्मी के आगमन के लिये और जीवन के हर अंधेरों को दूर करने के लिये लोग अपने घरों और रास्तों को रोशनी से जगमगा देते है, और शाम में उनकी आराधना भी करते हैं| इस दौरान सभी मजेदार खेलों का हिस्सा बनकर, स्वादिष्ठ व्यंजनों का लुफ्त उठा कर और दूसरी कई क्रियाओं में व्यसत रहकर इस पर्व को मनाते है.
सरकारी कार्यालयों को भी सजाया और साफ किया जाता है। मोमबत्ती और दियों के रोशनी के बीच साफ-सफाई की वजह से हर जगह जादुई और सम्मोहक लगती है.
सूर्यास्त के बाद धन की देवी लक्ष्मी जी और बुद्धि के देवता गणेश जी की पूजा की जाती है| ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी के घर में पधारने के लिये घरों की साफ-सफाई, दियों से रोशनी और सजावट बहुत जरुरी है| इसे पूरे भारतवर्ष में एकता के प्रतीक के रुप देखा जाता है.
Essay on Diwali in Hindi with Introduction (500 Words)
दिवाली का महत्व हिंदी में
भारत एक ऐसा देश है जहाँ सबसे ज्यादा त्योहार मनाये जाते है, यहाँ विभिन्न धर्मों के लोग अपने-अपने उत्सव और पर्व को अपने परंपरा और संस्कृति के अनुसार मनाते है|
दिवाली हिन्दू धर्म के लिये सबसे महत्वपूर्णं, पारंपरिक, और सांस्कृतिक त्योहार है जिसको सभी अपने परिवार, मित्र और पड़ोसियों के साथ पूरे उत्साह से मनाते है| दिपावली को रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है.
ये बेहद खुशी का पर्व है जो हर साल अक्टूबर या नवंबर के महीने में आता है| हर साल आने वाली दिवाली के पीछे भी कई कहानीयाँ है जिसके बारे में हमें अपने बच्चों को जरुर बताना चाहिये.
दिवाली मनाने का एक बड़ा कारण भगवान राम का अपने राज्य अयोध्या लौटना भी है, जब उन्होंने लंका के असुर राजा रावण को हराया था| इसके इतिहास को हर साल बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रुप में याद किया जाता है.
अपनी पत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल का वनवास काट कर लौटे अयोध्या के महान राजा राम जी का अयोध्या वासीयों ने जोरदार स्वागत किया था.
अयोध्या वासीयों ने अपने राजा के प्रति अपार स्नेह और लगाव को दिल से किये स्वागत के द्वारा प्रकट किया| उन्होंने अपने घर और पूरे राज्य को रोशनी से जगमगा दिया साथ ही राजा राम के स्वागत के लिये आतिशबाजी भी बजाए.
अपने भगवान को प्रसन्न करने के लिये लोगों ने लजीज पकवान बनाये, हर कोई एक दूसरे को बधाई दे रहा था, बच्चे भी खूब खुश थे और इधर-उधर घूमकर अपनी प्रसन्नता जाहिर कर रहे थे.
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सूरज डूबने के बाद लोग इसी दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते है। जहाँ एक ओर लोग ईश्वर की पूजा कर सुख, समृद्धि और अच्छे भविष्य की कामना करते है वहीं दूसरी ओर पाँच दिनों के इस पर्व पर सभी अपने घर में स्वादिष्ट भोजन और मिठाईयां भी बनाते है.
इस दिन लोग पाशा, पत्ता आदि कई प्रकार के खेल भी खेलना पसंद करते है.
इसको मनाने वाले अचछे क्रियाकलापों में भाग लेते है और बुराई पर अच्छाई की जीत के लिये गलत आदतों का त्याग करते हैं.
इनका मानना है कि ऐसा करने से उनके जीवन में ढ़ेर सारी खुशियाँ, समृद्धि, संपत्ति और प्रगति आयेगी| इस अवसर पर सभी अपने मित्र, परिवार और रिश्तेदारों को बधाई संदेश और उपहार देते है.
रोशनी का उत्सव ‘दीपावली’ असल में दो शब्दों से मिलकर बना है- दीप+आवली। जिसका वास्तविक अर्थ है, दीपों की पंक्ति।
वैसे तो दीपावली मनाने के पीछे कई सारी पौराणिक कथाएं कही जाती है लेकिन जो मुख्य रुप से प्रचलित मान्यता है वो है असुर राजा रावण पर विजय और भगवान राम का चौदह साल का वनवास काटकर अपने राज्य अयोध्या लौटना.
इस दिन को हम बुराई पर अच्छाई की जीत के लिये भी जानते है| चार दिनों के इस पर्व का हर दिन किसी खास परंपरा और मान्यता से जुड़ा हुआ है जिसमें पहला दिन धनतेरस का होता है इसमें हम लोग सोने-चाँदी के आभूषण या बर्तन खरीदते है|
दूसरे दिन छोटी दिपावली होती है जिसमें हमलोग शरीर के सारे रोग और बुराई मिटाने के लिये सरसों का उपटन लगाते है|
तीसरे दिन मुख्य दिपावली होती है इस दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है जिससे घर में सुख और संपत्ति का प्रवेश हो|
चौथे दिन हिन्दू कैलेंडर के अनुसार नए साल का शुभारम्भ होता है|
अंत में पाँचवां दिन भाई-बहन का होता है अर्थात् इस दिन को भैया दूज कहते है.
Diwali Festival Essay in Hindi
भारत वर्ष को त्योहारों का देश भी कहा जाता है। हमारी संस्कृति, विविधता को दर्शाते त्यौहार हमारे जीवन में खुशियों के रंग भी बिखेरते हैं। और धूमधाम से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है दीपावली। इस पर्व के आते ही इसकी धूमधाम पूरे भारत में देखी जा सकती है। दीपावली का पर्व हमारी जिंदगी में मौजूद दु:ख के पलों को, निराशा को, अंधकार के रूप में दूर कर प्रकाश मय किरणों से हमारे जीवन में एक नई आशा का संदेश देता है।
यह त्यौहार हमें बुराई पर हमेशा सत्यता के विजय का भी एहसास कराता है।
त्रेतायुग में जब भगवान राम दुष्ट रावण का वध करके 14 वर्ष का वनवास बिताकर कार्तिक अमावस्या के लिए अयोध्या वापस लौटे तो उनके आने की प्रसन्नता में अयोध्या वासियों ने इस सघन रात्रि के दिन पूरी नगरी में दीपक जलाकर उनका स्वागत किया। इस प्रकार अमावस्या की काली रात के दिन पूरी अयोध्या नगरी जगमग हो उठी! तभी से कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाई जाने वाली दीपावली का यह पर्व युगों युगों से भारतीय संस्कृति में मनाया जा रहा है। अतः लोगों के बीच इस त्यौहार का विशेष महत्व है।
दीपावली का त्यौहार आते ही लोगों द्वारा अपने घरों, आस पड़ोस की साफ-सफाई की जाती है। साथ ही रात्रि के समय रंग बिरंगी लाइटों से घरों को सजावट देखने को मिलती है। इस पर्व की रौनक इतनी अधिक रहती है कि इस पर्व के आने से पहले बच्चों से लेकर बड़ों में इसकी उत्सुकता रहती है। जहां बच्चे इस त्यौहार में पटाखे, फुलझड़ियां जलाने का आनंद लेते हैं वही बड़ों के लिए अपने रिश्तेदारों, दोस्तों के साथ मिलकर खुशियां बांटने का होता है।
इस पर्व के आते ही दुकानो बाजारों में बढ़ी चहल-पहल देखने को मिलती है क्योंकि बड़ी संख्या में मिठाई, मोमबत्ती, दिए इत्यादि खरीदने के लिए लोगों की भीड़ रहती है। अतः सरकार द्वारा इस मौके पर सुरक्षा व्यवस्था का काफी कड़ा इंतजाम किया जाता है। ताकि किसी भी तरह की चूक ना हो सके, इस राष्ट्रीय पर्व पर सभी विद्यालयों, शिक्षण संस्थानों में अवकाश रहता है तथा प्रधानमंत्री तथा अन्य राजनीतिक दल नागरिकों को बधाइयां देते हैं।
दीपावली में संध्या के समय रोशनी की जगमगाहट के बीच सभी लोगों द्वारा मंदिरों एवं घरों में विधि विधान से भगवान श्री राम एवं माता सीता का ध्यान किया जाता है। साथ ही इस पर्व में भगवान श्री गणेश और महालक्ष्मी का पूजन कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है। पूजा के पश्चात रात्रि के समय मिठाई, खील, बताशे भगवान के प्रसाद के रूप में पूरे मोहल्ले में बांटकर इस त्यौहार को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
दीपावली से 2 दिन पूर्व धनतेरस होता है यह दिन शॉपिंग के लिए काफी खास माना गया है क्योंकि मान्यता है इस दिन खरीदी गई वस्तुओं काफी फायदेमंद होती है इसलिए लोग धनतेरस के दिन बर्तन, सोना या इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स खरीदते हैं।
पटाखे इस त्यौहार की शान माने जाते है क्योंकि दीपावली की रात्रि में बच्चे एवं बड़ों द्वारा हर जगह पटाखे रॉकेट छोड़े जाते हैं। पटाखे की गूंज से दीपावली के इस पर्व को धूमधाम से मनाने की कोशिश की जाती है। हालांकि अधिक मात्रा में पटाखे पर्यावरण में प्रदूषण उत्पन्न करते है अतः इस पर्व के दौरान अधिक पटाखे न जलाने का भी संदेश दिया जाता है।
दीपावली का त्यौहार धन-संपत्ति, सुख समृद्धि का त्यौहार है और इस पर्व में लोग भगवान से अपने जीवन में इसी की कामना रखते हैं। भारत ही नहीं अपितु यह धार्मिक पर्व नेपाल श्रीलंका बांग्लादेश जैसे भारत के पड़ोसी देशों एवं विश्व के अनेक देशों में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। भारत में सिर्फ हिंदू धर्म के लोग ही नहीं अभी सिक्ख, जैन, मुस्लिम इत्यादि धर्म के लोगों द्वारा भी सौहार्द के साथ इस त्यौहार को मना कर विविधता में एकता का संदेश दिया जाता है।
यह त्यौहार सभी देशवासियों एवं दुनिया के किसी भी हिस्से में रह रहे भारतीय प्रवासियों के लिए अविस्मरणीय है। अपने परिवार सगे संबंधियों के साथ ही इस पर्व को मनाने का अलग ही आनंद है। इसलिए देश के विभिन्न राज्यों में काम की वजह से बाहर गए प्रवासबइस त्यौहार में छुट्टी लेकर अपने घर आने का पूरा प्रयत्न करते हैं। जो यह दर्शाता है कि आज भी भले ही समय बदल चुका हो परंतु इस त्यौहार की महत्वता कम नहीं हुई है। अतः इस पर्व को मनाने के साथ साथ हमें इसके महत्व एवं संदेश को समझते हुए उसे अपने जीवन में उतारना चाहिए।
भारत महापुरुषों की भूमि है जहां समय-समय पर ऐसे वीर पुरुष, वीरांगनाओं का जन्म हुआ है। जिन्होंने अपने साहस बहादुरी एवं विवेक द्वारा किए गए कर्मों से भारतवर्ष का नाम रोशन में किया है। तो हमें भी इस पावन पर्व को मनाने के साथ-साथ इन की गौरव गाथा को सदा दिमाग में रख कर महान कार्यों के लिए प्रेरित होना चाहिए।
इन्हीं अंतिम शब्दों के साथ अब हम यहां इस निबंध को विराम देते हैं। आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।।
यह थे कुछ दिवाली पर निबंध, आशा है आपको यह निबंध पसंद आये होंगे और अब आप खुद तो इसको अपनी कॉपी में लिखेंगे ही साथ ही आप इसको अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर भी ज़रूर करेंगे।
आप सभी को HimanshuGrewal.com की और से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं। आपका दिन शुभ हो।
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पूर्ण विस्तारित जानकारी के धन्यवाद
Hey very nice blog!
So nice essay on happy diwali. Thanks Sir