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MY MOTHER ESSAY IN HINDI

मेरी प्यारी माँ पर सुंदर सा निबंध (MY MOTHER ESSAY IN HINDI)

 मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay in Hindi): माँ शब्द से हर कोई रूबरू है। इस माँ शब्द का मतलब उसकी ममता है जो अपने बच्चों को देती है। क्योंकि माँ के द्वारा दिये गए हमारे जीवन का अर्थ सिर्फ माँ ही है।

आज हम मातृ दिवस पर दिये जाने वाले भाषण और निबंध को आपके लिए लेकर आए है जिसे आप अपने विद्यालय में प्रस्तुत कर सकते है। हमारे इस लेख में आपको Happy Mother’s Day Speech, Maa Par Kavita, Maa Shayari और मेरी माँ पर निबंध मिलेगा। ऊपर लिखे सभी विषय आपको इस लेख में सरल और मधुर शब्दों में मिल जाएगा जिसके लिए आपको हमारे दिये गए संपूर्ण लेख को पढ़ना होगा। तो चलिए माँ निबंध के इस लेख को पढ़ना शुरू करते हैं।

Mothers Day Kab Hai 2022

HOLIDAY NAME DATE
Mother’s Day 2022 Date in India Sunday, 8 May
Mother’s Day Date in India 2023 Sunday, 14 May
मदर्स डे कब है 2024 में Sunday, 12 May

Content

  1. मेरी माँ पर निबंध
  2. मेरी माँ पर बड़े तथा छोटे निबंध
  3. मेरे जीवन में मेरी माँ का महत्व पर निबंध
  4. मेरी मां मेरी सबसे अच्छी मित्र पर निबंध
  5. मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी शिक्षक पर निबंध
  6. मेरी माँ मेरी प्रेरणा पर निबंध
  7. My Mother Essay in Hindi 2022

My Mother Essay in Hindi

Short Essay on Maa in Hindi

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Essay on my Mother in Hindi
Meri Maa Par Nibandh

मेरी माँ पर निबंध हिंदी में

कहते है की माँ भगवान का रूप होती है क्योंकि इस विश्व की रचना भगवान ने की है और धरती पर एक परिवार की रचना एक माँ करती है इसलिए तो माँ भगवान का रूप होती है। माँ एक बच्चे को नौ महीने अपनी गर्भ में रखती है और ध्यान रखती है की उसके बच्चे को गर्भ के अंदर भी किसी भी वजह से उसे पीड़ा ना पहुंचे। नौ महीने एक माँ उस पीड़ा को सहन करती है जो असहनीय होती है। कहते है उस माँ के अंदर सहने की क्षमता वो ईश्वर देता है और वो माँ अपने बच्चे को गर्भ में ही अपना संसार मानती है इसलिए जन्म से होने वाली असहनीय पीड़ा को वो सहन करती है।

इस दुनिया में आते ही बच्चा सबसे पहले अपनी माँ का चेहरा देखता है। जब वह बच्चा नौ महीने उस माँ की गर्भ में था तो उसे सिर्फ अपनी माँ की धड़कन का एहसास था और जब इस दुनिया में आया तो सबसे पहले वह अपनी माँ के गले लगता है और जब बच्चा रोता है तो माँ उसे गले लगाकर चुप कराती है क्योंकि माँ के गले लगाने पर बच्चा सबसे पहले चुप होता है। जब बच्चा गर्भ में था तो उसे अपनी माँ की धड़कन का एहसास था और वो अपनी माँ की धड़कन को सुनते ही चुप हो जाता है इसलिए माँ बच्चे के लिए भगवान होती है।

हमने आपके लिए माँ पर भाषण पेश किया है क्योंकि आप और हमारे जीवन में माँ का सबसे बड़ा महत्व है। हमारे जीवन का अस्तित्व है ‘माँ’ हमारे जीने की वजह है इसलिए जो भी माँ का महत्वपर निबंध हमने आपके लिए लिखा है वो बहुत ही महत्वपूर्ण और खास है इसलिए हमारे द्वारा लिखे गए इस my mother essay in hindi को आप अवश्य पढ़े। क्या पता शायद essay on my mother in hindi language में पढ़ने से आपको कुछ नया एहसास अपनी माँ के लिए हो। इसलिए हम आपसे इसे पढ़ने के लिए बोल रहे है तो देखते है कि इस निबंध, कहानी तथा माँ पर कविता में ऐसा क्या खास है।


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मेरी प्यारी माँ पर हिंदी निबंध

आज हम सब उस व्यक्ति की बात करने जा रहे है जो हमारे जीवन का अस्तित्व है। हमारी प्यारी माँ.

माँ, जिसने हमे जन्म देकर हमारा जीवन बनाया, वो माँ जिसने खुद धूप में रहकर अपने बच्चों को छाव दी वो माँ जो खुद गीले में रहकर अपने बच्चों को सूखे में सुलाती है.

वो माँ जो हमारे उदास रहने पर पूछती है क्या हुआ बेटा तू इतना उदास क्यों है?

वो माँ जो हमे कभी रोता नहीं देख सकती है, वो माँ जो हमे चोट लगने पर भागी – भागी डॉक्टर के पास जाती है। हाँ वो सिर्फ एक माँ कर सकती है.

मेरी माँ के होने से मेरा जीवन है। मेरी माँ के होने से मेरी साँसे चलती है। वो सिर्फ मेरी माँ ही हैं.

दोस्तों, आपकी हमारी और सबकी प्यारी माँ जिस माँ ने हमे ज़िंदगी दी है उस माँ की बात कर रहे है।

ये मैंने माँ पर लाइन उस माँ के लिए लिखी है जिसने अपना सारा जीवन हमेशा अपने बच्चों पर नियोछावर किया है।

माँ पहले अपने बच्चों को खाना खिलाकर बाद में खुद खाती है। वो माँ जब हमारे घर लेट आने पर खुद रात भर बैठकर इंतजार करती है। हम सब की माँ जो हमे जीवन का वरदान देती है.

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Meri Maa Essay in Hindi

मेरी माँ पर निबंध (500 शब्द): मां को ऐसे ही भगवान का रूप नहीं कहा जाता है क्योंकि पृथ्वी पर ईश्वर हर जगह नहीं उपलब्ध हो पाता है, इसलिए उसने अपनी मौजूदगी को दर्शाने के लिए मां को बनाया है और मां के अंदर भर भर के ममता प्यार और स्नेह दिया है, ताकि वह ईश्वर की अनुपस्थिति में अपनी संतान का ख्याल रख सके।

मां का दिल बहुत ही दयालु होता है। यह सिर्फ अपने संतान के प्रति दयालु नहीं होता है बल्कि दुनिया के अन्य जीवों के प्रति भी यह दयालु ही होता है। मां से बड़ा दुनिया में आज तक कोई परोपकारी ना तो पैदा हुआ है ना कभी पैदा होगा। इसलिए भगवान भी कहते है कि मेरे दर्शन जो लोग कर पाने में सक्षम नहीं है, वह अपने माता पिता की सेवा कर लेते है तो मेरा आशीर्वाद उन्हें अवश्य प्राप्त होता है क्योंकि कहीं ना कहीं माता-पिता भी भगवान का ही प्रतिबिंब होते हैं।

जिस प्रकार संसार को चलाने की जिम्मेदारी भगवान के ऊपर है, उसी प्रकार अपनी संतान को पालने की जिम्मेदारी माता-पिता के ऊपर होती है। इसलिए संतान के पालनहार को मां कहा जाता है।

माता को ना तो धन से मोह होता है ना ही दौलत से मोह होता है, उसे सिर्फ अपनी संतान से मोह होता है और वह यही चाहती है कि उसकी संतान हमेशा खुश रहे और जिंदगी में तरक्की करें तथा सफलता की ऊंचाइयों को छुए।

माता हमेशा अपने बच्चे की और अपने परिवार की सेवा में लगी हुई रहती है फिर चाहे दिन हो या रात, वह कभी भी यह नहीं कहती है कि उसे थकान लगी है या फिर वह काम नहीं कर सकती है। यहां तक की बीमारी की अवस्था में भी वह अपने कर्तव्यों का सही ढंग से पालन करती है और घर के सभी सदस्यों को खुश रखने का प्रयास करती है। मां जितना समर्पण कर सकती है उतना अन्य कोई व्यक्ति नहीं कर सकता है। इसीलिए मां को समर्पण और त्याग की मूरत कहा गया है।

लोग पुरुष को सबसे शक्तिशाली कहते हैं परंतु मेरी नजर में सबसे शक्तिशाली मां होती है, जो अपनी निडरता, बुद्धिमता, साहस और प्रेम भाव से सभी लोगों का दिल जीत लेती है। कहा जाता है कि एक नारी जब अपने सही रूप पर आती है तो वह 100 मर्दों के बराबर होती है और इसीलिए जगत जननी महाकाली को दुष्ट विनाशक कहा जाता है, क्योंकि वह भी एक स्त्री है परंतु इसके बावजूद उन्होंने अकेले ही कई दुष्टों का संहार किया था।

हर सामान्य नारी भी महाकाली के समान ही होती है और उसका यह रूप तब दिखाई देता है जब उसके परिवार के ऊपर या फिर उसकी संतान के ऊपर कोई आच जाती है।

माँ हमेशा अपनी संतान की ढाल बन कर के रहती है और अपने संतान की हर प्रकार से रक्षा करती है और बदले में ना तो वह कुछ मांगती है ना ही कुछ कहती है, उसकी सिर्फ एक ही मांग होती है वह है अपनी संतान का प्यार और इस दुनिया में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो बिना स्वार्थ के इतना सब कर सकें।

मां हमारे पैदा होने से लेकर के हमारे चलने तक हमारा ख्याल रखती है। इसके अलावा जब तक वह जिंदा रहती है तब तक उसके दिल और दिमाग में हमारा ही ख्याल रहता है। वह हमेशा यही सोचती रहती है कि मेरे बच्चे ने खाना खाया होगा या नहीं, मेरा बच्चा स्वस्थ होगा या नहीं, इत्यादि। इसलिए मां के चरणों में हमें रोजाना नमस्कार अथवा प्रणाम करना चाहिए और हमारा साथ देने के लिए उन्हें धन्यवाद कहना चाहिए।

Maa Par Nibandh

⇓ Short Paragraph on my Mother in Hindi ⇓

Few Lines on Mother in Hindi
मेरी मां मेरी सबसे अच्छी मित्र पर निबंध

Meri Maa Nibandh

मेरे माननीय प्रधानाचार्य जी और सभी अध्यापक एवं भाई बहनों को मेरा नमस्कार…।

यह दिन हम सब के लिए बहुत बड़ा दिन है। इस महान दिवस पर हम सब यहाँ एकत्रित हुये है और में इसका हिस्सा बना मुझे इसकी बहुत प्रसन्नता है.

हम सब अपनी माँ को सम्मान देने के लिए और उनके सभी आदर्शो का पालन करके उनके लिए हम इस दिन को मातृ दिवस के रूप में मानते है। मैं इस दिन पर अपनी प्रिय माँ के लिए कुछ शब्द यहाँ बोलना चाहता हूँ.

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मेरी माँ जो सबसे पहले मुझे प्यार से सुबह उठाती है और उसी मीठी सी आवाज से मुझसे कहती है “उठ जा मेरे बेटे सुबह हो गयी” और जब वो मुझे उठाती है तो मेरी सुबह और दिन दोनों मेरे लिए सुखमय होते है.

वो सबका ध्यान रखती है। सुबह जल्दी उठकर पापा के दफ्तर जाने के लिए खाना बनाती है। मेरी बहनों और मुझे स्कूल के लिए तैयार करती है.

मुझे स्कूल छोड़ने जाती है, सबको अपने हाथों से खाना बनाकर खिलाती है। लेकिन सबका ध्यान रखते रखते वो अपना ध्यान रखना और खाना खाना भूल जाती है.

अपनी प्रत्येक ज़िम्मेदारी को प्रसन्नता पूर्वक निभाती है, मेरी दादी बोलती है बेटा तेरी माँ मेरे घर की लक्ष्मी है। तब मुझे बहुत खुशी होती है.

पापा कहते है तुम सबका खयाल रखती हो पर अपना ख्याल रखना भूल जाती हो।

मैं अपनी माँ की हर बात का पालन करता हूँ, उनका सम्मान करता हूँ क्योंकि यह मेरा कर्तव्य है…

कहते है माता – पिता भगवान का रूप होते है और मेरे घर में तो साक्षात भगवान का निवास है.

माँ को हम पूजते है वो ही दुर्गा, लक्ष्मी, काली सबका रूप होती है.

वो हमे अच्छी अच्छी सीख देती है और कहती है कि अपने से बड़ों का हमेशा पालन करो। जब मेरी बहन मुझसे लड़ती है तो माँ बोलती है तुम दोनों अच्छे बच्चे हो और अच्छे बच्चे कभी लड़ते नहीं है.

मेरी प्यारी माँ सबको हमेशा प्यार देती है और वो हमेशा मेरा ध्यान से होमवर्क कराती है और कहती है कि कभी भी गलत रास्ते पर नहीं चलना चाहिए हमेशा सत्य के रास्ते पर चलना चाहिए और हमेशा सत्य बोलना चाहिए इसलिए माँ भगवान का रूप होती है.

माँ पूरे परिवार को बनाती है और उसी माँ के बिना पूरा परिवार अधूरा है इसलिए अपनी माँ के सत्य वचनों और आदर्शों का पालन करे.

Maa Par Kavita Hindi Mein (Essay on Meri Maa in Hindi)

⇓ Maa ki Mamta Heart Touching Shayari on Mother in Hindi ⇓

Heart Touching Poem on Mother in Hindi
Heart Touching Poem on Mother in Hindi

माँ पर कविता हिंदी में

मदर्स डे के लिए बहुत ही सुंदर और अनोखे शब्दों में हमने आपके लिए ये माँ पर कविताएं लिखी है तो आप इसे जरूर पढ़े.


My Mother Poem in Hindi

तूने मुझे जीवन दिया तू ही मेरा अर्थ है
तू ही मेरी जमी तू ही मेरा आसमान है
वो और कोई नहीं सिर्फ मेरी माँ है
इस दुनिया मे कदम रखते ही , तेरी गोद मे आया
पहली दफा आंखे खोली तो तुझे पाया
जब जब मे चलना सीखने के लिए चला
तब तब तूने मुझे उंगली पकड़ कर चलना सिखाया
इस दुनिया से बचाने के लिए तूने मुझे अपने आँचल मे छुपाया
मेरे होठो पर मुस्कान लाने के लिए
तूने सब कुछ हसी के लिए वार दिया
वो और कोई नहीं सिर्फ मेरी माँ है
जब जब तू कोने मे बैठकर रोया करती थी
तब तब मैंने तुझे अकेला पाया
तेरे आँसुओ को पोछने वाला कोई नहीं था
तब तब तूने खुद को अकेला पाया
जब भी मे सिसक सिसक कर आहे भरा करता था
तब सिर्फ तूने ही मेरी सिसकती आहों को रोका था
तेरे हर दर्द का एहसास है मुझे
तेरे हर दर्द का एहसास है मुझे
तेरे हर दर्द को मे मिटाकर ही मानुगा
जिसने भी तुझे पल पल रुलाया है
उस पल पल का हिसाब देना होगा हर किसी को
तेरे हसी के लिए सब कुछ कर गुज़रूँगा मे
मेरे सर से धूप हटाकर छाव देने वाली मेरी माँ है
वो और कोई नहीं मेरी माँ है
बचपन मे जब तेरे पायलों की छन छन से डरा करता था
और जब तू बोला करती थी
मत जाना तू फिर से मिट्टी मे खेलने के लिए
तेरी उस डाट के लिए आज मे तरसता हु
लगता है तू फिर से मुझे डाटेगी और कहेगी
मत जाना उस मिट्टी मे दोवारा खेलने के लिए
मुझे सिर्फ वो मेरी माँ ही डाटा करती थी
वो और कोई नहीं सिर्फ मेरी माँ है
वो और कोई नहीं सिर्फ मेरी माँ है . . . .

भावुक कर देने वाली माँ पर कहानी

Mother and Baby Images Free Download
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आज मैं आपको माँ के ऊपर भावुक कर देने वाली कहानी सुनाने जा रहा हूँ। इस कहानी को आप पूरा पढ़े और शायद ये आपको भावुक भी कर सकती है.

एक माँ जिसका एक बेटा था जिसे वह बहुत प्यार करती थी उसका बच्चा छोटा था और उस बच्चे के पिता की मृत्यु हो गयी और उस छोटे बच्चे के सर से पिता का साया चला गया लेकिन पिता की कमी उसकी माँ ने पूरी की और बच्चे को अच्छी परवरिश देने के लिए पूरी मेहनत की.

पिता की मृत्यु होने के बाद उस बच्चे की माँ के पास पैसे नहीं थे पर फिर भी उस माँ ने घर घर में जाकर बर्तन धोना शुरू कर दिया और अपने बच्चे को पढ़ाया और उसे अच्छे स्कूल में दाखिला दिलाया.

माँ अपने बच्चे और अपना पेट पालने के लिए रोज घरों में बर्तन धोया करती थी और बच्चे को इसी तरह पढ़ा लिखा कर बड़ा किया.

जब बच्चा धीरे धीरे बड़ा होने लगा तो उसे इस बात से बुरा लगने लगा की उसकी माँ घरों में जाकर बर्तन धोती है।

उसे अपने दोस्तों और लोगों के सामने यह बताने में शर्म आने लगी की यह उसकी माँ है।

लेकिन उसकी माँ को इस बात से कभी भी बुरा नहीं लगता था की उसका बेटा सबके सामने उसे अपनी माँ कहने में हिचकिचाता है इसलिए तो कहते है माँ जो कभी बच्चों की किसी भी बात पर नाराज नहीं होती है.

जब बेटा बड़ा हो गया उसके बेटे ने अपनी शादी कर ली उस माँ के लिए एक बहू आ गयी अब उसकी माँ बूढ़ी हो गयी थी और उस बूढ़ी माँ के लिए बहू तो आई लेकिन वो भी बहुत चालाक बहू थी.

बहू घर पर हमेशा आराम करती और उस बूढ़ी माँ से सारा काम करवाती थी।

उस माँ की उम्र हो चुकी थी लेकिन फिर भी बूढ़ी माँ धीरे धीरे सारा काम करती और सुबह उठकर झाड़ू, पोछा, बर्तन मांजना, नास्ता बनाना सब कुछ वही करती थी।

फिर भी उस बूढ़ी माँ को अपने बहू और बेटे से कोई शिकायत नहीं थी.

जब उस बूढ़ी माँ के बहू के बेटा हुआ तो वो बूढ़ी माँ बहुत खुश हुई।

वो बूढ़ी माँ जो दिन और दिन बूढ़ी होती जा रही थी जो अब ठीक से खड़े होने के लिए सहारा लेने लगी थी अब उस माँ के लिए और भी काम हो गया था इसलिए अपने बूढ़े शरीर की वजह से वो ठीक से काम नहीं कर पा रही थी.

उस बूढ़ी माँ का बेटा उससे कहता था तुम ठीक से कुछ भी काम नहीं करती हो और ना ही सुबह जल्दी खाना तैयार करती हो मुझे दफ्तर के लिए देर हो जाती है इस वजह से बहू ने भी माँ को डांट दिया.

उस बूढ़ी माँ की तबियत बहुत खराब थी और किसी को भी इस बात की कोई परवाह नहीं थी की वह बीमार है.

एक दिन अचानक उस बूढ़ी माँ का चश्मा गिर कर टूट गया जिसकी वजह से अब वह ठीक से देख भी नहीं पा रही थी। उन्होंने अपने बेटे से कहा मेरा चश्मा टूट गया है बेटा चश्मा बनवा दे।

बेटे ने कहा तुम्हारे फालतू खर्चे के लिए मेरे पास पैसे नहीं है और कह दिया और भी बहुत सारे काम है और वो बूढ़ी माँ बिना चश्मे के काम करती थी और एक दिन जब वह सीढ़ियों से उतर रही थी और अचानक गिर गयी.

अब इसकी वजह से वह चल फिर भी नहीं पा रही थी और बहू का उस बूढ़ी माँ का काम करना पड़ रहा था और बेटे का खर्चा बढ़ गया उसकी माँ के गिरने और बीमार पड़ने की वजह से अब वह बूढ़ी माँ उन दोनों को बोझ लगाने लगी.

पहले वह कम से कम घर का सारा काम कर देती थी लेकिन बहू और बेटे को उनका सारा काम करना पड़ रहा था।

उस बहू और बेटे ने उस माँ को मारने की साजिश बना ली और एक दिन जब रात में सब सो रहे थे तो उन दोनों ने अपनी माँ को मार दिया लेकिन उससे पहले बूढ़ी माँ ने पानी पीने के लिए गुजारिश की अपने बेटे से लेकिन उस ने उस बूढ़ी माँ को पानी तक नहीं पिलाया.

उन दोनों ने सबसे बड़ा अपराध किया था जिसकी उनको सजा भी मिली…

दोस्तों, कभी भी अपनी माँ के साथ ऐसा मत करना क्योंकि कभी कभी लोग अपना फर्ज भूल जाते हैं और अपने माता पिता की सेवा नहीं करते। आज की नयी युवा पीढ़ी ये भूलती जा रही है.

माँ और पिता बच्चे को जन्म देकर उनका पालन पोषण करते है उनको पैरो पर खड़े होने लायक बनाते है लेकिन बच्चे ही अपना फर्ज भूल जाते है.

हमने जो माँ पर कहानी बताई है क्या आपको उस कहानी में कुछ भी सत्य लगता हो तो हमे कमेंट करके जरूर बताए.


मां के बारे में क्या लिखें

अपनी मां से काफी ज्यादा प्यार करता हूं, क्योंकि वह हमेशा किसी भी प्रकार की परिस्थिति में मेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर के खड़ी रहती है और वह बिना किसी स्वार्थ के मुझे प्यार करती है। माँ ही मेरी पहली शिक्षक होती है जो मुझे जन्म से लेकर के तब तक सही राह दिखाती है, जब तक वह जिंदा होती है यानी कि हमारे साथ होती हैं।

मां हमें पैदा करने के लिए अनेक प्रकार के दर्द सहती है। यहां तक कि वह अपनी सुंदरता को भी हमारे लिए ही गवा देती है परंतु इसके बावजूद उन्हें जरा सा भी अफसोस नहीं होता है, बल्कि वह तो और भी खुश होती है कि उनकी कोख से कोई संतान पैदा हुई है।

जब हम पैदा होते है तो उसके पहले से ही मां हमारे खाने पीने का ध्यान रखती है और पैदा होने के बाद वह हमारा और भी ध्यान रखने लगती है। उसके दिल और दिमाग में हर दम हम ही रहते हैं। वह समय से हमारी सेवा करती है और हमारी मालिश करती है और अपने व्यस्त समय से टाइम निकाल कर के वह हमारा ख्याल रखती है। जब हम रात में सोते नहीं है तो वह हमें रात भर जागकर के लोरियां या फिर कहानियां सुना कर के सुलाने का प्रयास करती है और उसके बाद ही खुद सोती है। हमें हमेशा अपनी मां को खुश रखने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि उनसे बड़ा हितकारी हमारा दुनिया में दूसरा कोई नहीं है।

निष्कर्ष

इस लेख में हमने आपको सब कुछ बताया है। इसमें आपके Speech on Mother in Hindi, Essay on my Mother in Hindi देने के समस्या तथा Maa Poem in Hindi के लिए होने वाली परेशानी को आसानी से दूर कर दिया। इसमें हमने आपको माँ के उन सभी फर्ज और कर्तव्य को बताया है जो एक माँ हमेशा निभाती है और आप भी अपने माँ तथा पिता के प्रति कर्तव्यों को निभाएंगे। मेरी माँ तो मेरे ज़िंदगी है आप अपनी माँ से कितना प्रेम करते है वो आप कमेंट में बताए और इस लेख को सभी के साथ सोशल मीडिया पर शेयर करे। (MY MOTHER ESSAY IN HINDI)

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